नई दिल्ली, 19 मई (आईएएनएस)। वैश्विक स्तर पर भारत के उत्थान को चिह्न्ति करने के लिए यह चौथा अवसर होगा, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समूह 7 (जी-7) शिखर सम्मेलन में जापान के हिरोशिमा में एक आमंत्रित व्यक्ति के रूप में भाग लेंगे।
हालांकि जी7 उन्नत राष्ट्रों का एक अनौपचारिक समूह है। वार्षिक समूह 7 शिखर सम्मेलन आधिकारिक तौर पर 19 मई को जापान के हिरोशिमा में शुरू हुआ।
7 का समूह एक महत्वपूर्ण समय पर मिलने जा रहा है, जब वैश्विक अर्थव्यवस्था पर मंदी का राजदंड बड़े पैमाने पर मंडरा रहा है और केंद्रीय बैंक दुनियाभर में अपने लोगों के रहने की लागत को बनाए रखने और आक्रामक मौद्रिक नीति कायम रखने और ब्याज दरों को बढ़ाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस सम्मेलन में शामिल नेता अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और सुरक्षा पर चर्चा करेंगे, क्योंकि दुनिया यूक्रेन में चल रहे युद्ध से जूझ रही है और अमेरिका-चीन के अलग होने की चिंता बनी हुई है।
सात प्रमुख औद्योगिक लोकतंत्रों – कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका के नेता – वैश्विक संबंधों और विश्व अर्थव्यवस्था के भविष्य पर चर्चा करेंगे।
जी-7 के शिखर सम्मेलन में भारत को निमंत्रण ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया और वियतनाम सहित अन्य आमंत्रितों के साथ आता है, जो वैश्विक मंदी, रूस के खतरे जैसी चुनौतियों का सामूहिक और सहमतिपूर्ण समाधान खोजने के लिए अशांत भू-राजनीतिक समय में मिला है।
–आईएएनएस
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