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Home राष्ट्रीय

आईएसआई व दाऊद का करीबी, हाजी सलीम सीमा पार ड्रग साम्राज्य को करता है नियंत्रित

by
May 19, 2023
in राष्ट्रीय
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आईएसआई व दाऊद का करीबी, हाजी सलीम सीमा पार ड्रग साम्राज्य को करता है नियंत्रित
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नई दिल्ली, 19 मई (आईएएनएस)। भारत में मादक पदार्थों की तस्करी करने वाला और दाऊद इब्राहिम और आईएसआई का करीबी हाजी सलीम ज्यादातर ड्रग सिंडिकेट को ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बलूच क्षेत्र से नियंत्रित करता है। खुफिया एजेंसियों की एक रिपोर्ट कहती है कि वह सभी ऑपरेशनों को देखता है और कराची में उसका ऑफिस है।

एजेंसियों ने रिपोर्ट में जिक्र किया है कि एके-47 टाइप असॉल्ट राइफल से लैस गार्ड उसे सुरक्षा मुहैया कराते हैं।

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हाजी सलीम को कराची के क्लिफ्टन रोड में एक स्थान पर मादक पदार्थों के व्यापार से संबंधित बैठकों में भाग लेते देखा गया था, जिसका मालिक दाऊद इब्राहिम है।

सलीम सैटेलाइट फोन रखता है, जिसके जरिए वह पाकिस्तान से लेकर मालदीव के समुद्री क्षेत्रों तक अपने ड्रग सिंडिकेट को नियंत्रित करता है।

वह ज्यादातर हेरोइन का कारोबार करता है और नशीले पदार्थों के कारोबार से कमाए गए पैसों का इस्तेमाल आतंकवाद में किया जाता है। वह हवाला के जरिए नकद पैसा प्राप्त करता है।

खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, सितंबर 2022 में गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर एक बड़े ड्रग सिंडिकेट का भंडाफोड़ हुआ था, बाद में जांच में पता चला कि इस सिलसिले में पकड़े गए कुछ लोगों ने हवाला के जरिए सलीम को पैसे भेजे थे।

खुफिया एजेंसियों ने कहा है कि सलीम यह सुनिश्चित करने के लिए कोड वर्ड का इस्तेमाल करता है कि उसका नाम किसी एजेंसी के राडार पर न आए।

पाकिस्तान में उसके आदमी जो भी ड्रग्स पैक करते हैं, उन पर एक खास कोड लिखा होता है। यह उसके आदमियों को सुनिश्चित करता है कि खेप सलीम द्वारा ही भेजी जाती है।

777, 999, उड़ने वाले घोड़े (यूनिकॉर्न) का प्रतीक, 21 राजाओं का प्रतिनिधित्व, इत्यादि सलीम के कोड शब्द हैं। ये कोड शब्द उसके आदमियों द्वारा भेजे गए ड्रग पैकेट पर लिखे होते हैं।

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की जांच के दौरान आईएसआई द्वारा संरक्षित दाऊद इब्राहिम के करीबी हाजी अली का नाम सामने आया है।

हाजी सलीम का कनेक्शन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकी शाजिदुल्ला से पाया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि शाजिदुल्ला जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी गतिविधियों का मास्टरमाइंड रहा है।

जब्त की गई 12 हजार करोड़ रुपये की नशीली दवाओं से संकेत मिलता है कि इस पैसे का एक बड़ा हिस्सा दुबई के रास्ते हवाला के जरिए पाकिस्तान भेजा जा रहा था। इसके बाद, धन का उपयोग आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए किया गया था।

खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में कहा गया है कि मादक पदार्थों की तस्करी को लेकर हाजी सलीम अक्सर लश्कर के कमांडरों के साथ बैठक करता है। खुफिया एजेंसियां हाजी सलीम द्वारा लश्कर कमांडर को किए गए एक ऑडियो कॉल का पता लगाया, इसके जरिए हाजी सलीम की दुबई यात्राओं के बारे में जानकारी एकत्र की।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान भारत में ड्रग्स की तस्करी करने के लिए डी-कंपनी, आईएसआई, लश्कर और अन्य आतंकवादी संगठनों का इस्तेमाल कर रहा है, जिसका उद्देश्य नाकोर्टेररिज्म के माध्यम से व्यापक नुकसान पहुंचाना और देश की स्थिरता को बाधित करना है।

–आईएएनएस

सीबीटी

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नई दिल्ली, 19 मई (आईएएनएस)। भारत में मादक पदार्थों की तस्करी करने वाला और दाऊद इब्राहिम और आईएसआई का करीबी हाजी सलीम ज्यादातर ड्रग सिंडिकेट को ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बलूच क्षेत्र से नियंत्रित करता है। खुफिया एजेंसियों की एक रिपोर्ट कहती है कि वह सभी ऑपरेशनों को देखता है और कराची में उसका ऑफिस है।

एजेंसियों ने रिपोर्ट में जिक्र किया है कि एके-47 टाइप असॉल्ट राइफल से लैस गार्ड उसे सुरक्षा मुहैया कराते हैं।

हाजी सलीम को कराची के क्लिफ्टन रोड में एक स्थान पर मादक पदार्थों के व्यापार से संबंधित बैठकों में भाग लेते देखा गया था, जिसका मालिक दाऊद इब्राहिम है।

सलीम सैटेलाइट फोन रखता है, जिसके जरिए वह पाकिस्तान से लेकर मालदीव के समुद्री क्षेत्रों तक अपने ड्रग सिंडिकेट को नियंत्रित करता है।

वह ज्यादातर हेरोइन का कारोबार करता है और नशीले पदार्थों के कारोबार से कमाए गए पैसों का इस्तेमाल आतंकवाद में किया जाता है। वह हवाला के जरिए नकद पैसा प्राप्त करता है।

खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, सितंबर 2022 में गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर एक बड़े ड्रग सिंडिकेट का भंडाफोड़ हुआ था, बाद में जांच में पता चला कि इस सिलसिले में पकड़े गए कुछ लोगों ने हवाला के जरिए सलीम को पैसे भेजे थे।

खुफिया एजेंसियों ने कहा है कि सलीम यह सुनिश्चित करने के लिए कोड वर्ड का इस्तेमाल करता है कि उसका नाम किसी एजेंसी के राडार पर न आए।

पाकिस्तान में उसके आदमी जो भी ड्रग्स पैक करते हैं, उन पर एक खास कोड लिखा होता है। यह उसके आदमियों को सुनिश्चित करता है कि खेप सलीम द्वारा ही भेजी जाती है।

777, 999, उड़ने वाले घोड़े (यूनिकॉर्न) का प्रतीक, 21 राजाओं का प्रतिनिधित्व, इत्यादि सलीम के कोड शब्द हैं। ये कोड शब्द उसके आदमियों द्वारा भेजे गए ड्रग पैकेट पर लिखे होते हैं।

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की जांच के दौरान आईएसआई द्वारा संरक्षित दाऊद इब्राहिम के करीबी हाजी अली का नाम सामने आया है।

हाजी सलीम का कनेक्शन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकी शाजिदुल्ला से पाया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि शाजिदुल्ला जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी गतिविधियों का मास्टरमाइंड रहा है।

जब्त की गई 12 हजार करोड़ रुपये की नशीली दवाओं से संकेत मिलता है कि इस पैसे का एक बड़ा हिस्सा दुबई के रास्ते हवाला के जरिए पाकिस्तान भेजा जा रहा था। इसके बाद, धन का उपयोग आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए किया गया था।

खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में कहा गया है कि मादक पदार्थों की तस्करी को लेकर हाजी सलीम अक्सर लश्कर के कमांडरों के साथ बैठक करता है। खुफिया एजेंसियां हाजी सलीम द्वारा लश्कर कमांडर को किए गए एक ऑडियो कॉल का पता लगाया, इसके जरिए हाजी सलीम की दुबई यात्राओं के बारे में जानकारी एकत्र की।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान भारत में ड्रग्स की तस्करी करने के लिए डी-कंपनी, आईएसआई, लश्कर और अन्य आतंकवादी संगठनों का इस्तेमाल कर रहा है, जिसका उद्देश्य नाकोर्टेररिज्म के माध्यम से व्यापक नुकसान पहुंचाना और देश की स्थिरता को बाधित करना है।

–आईएएनएस

सीबीटी

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नई दिल्ली, 19 मई (आईएएनएस)। भारत में मादक पदार्थों की तस्करी करने वाला और दाऊद इब्राहिम और आईएसआई का करीबी हाजी सलीम ज्यादातर ड्रग सिंडिकेट को ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बलूच क्षेत्र से नियंत्रित करता है। खुफिया एजेंसियों की एक रिपोर्ट कहती है कि वह सभी ऑपरेशनों को देखता है और कराची में उसका ऑफिस है।

एजेंसियों ने रिपोर्ट में जिक्र किया है कि एके-47 टाइप असॉल्ट राइफल से लैस गार्ड उसे सुरक्षा मुहैया कराते हैं।

हाजी सलीम को कराची के क्लिफ्टन रोड में एक स्थान पर मादक पदार्थों के व्यापार से संबंधित बैठकों में भाग लेते देखा गया था, जिसका मालिक दाऊद इब्राहिम है।

सलीम सैटेलाइट फोन रखता है, जिसके जरिए वह पाकिस्तान से लेकर मालदीव के समुद्री क्षेत्रों तक अपने ड्रग सिंडिकेट को नियंत्रित करता है।

वह ज्यादातर हेरोइन का कारोबार करता है और नशीले पदार्थों के कारोबार से कमाए गए पैसों का इस्तेमाल आतंकवाद में किया जाता है। वह हवाला के जरिए नकद पैसा प्राप्त करता है।

खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, सितंबर 2022 में गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर एक बड़े ड्रग सिंडिकेट का भंडाफोड़ हुआ था, बाद में जांच में पता चला कि इस सिलसिले में पकड़े गए कुछ लोगों ने हवाला के जरिए सलीम को पैसे भेजे थे।

खुफिया एजेंसियों ने कहा है कि सलीम यह सुनिश्चित करने के लिए कोड वर्ड का इस्तेमाल करता है कि उसका नाम किसी एजेंसी के राडार पर न आए।

पाकिस्तान में उसके आदमी जो भी ड्रग्स पैक करते हैं, उन पर एक खास कोड लिखा होता है। यह उसके आदमियों को सुनिश्चित करता है कि खेप सलीम द्वारा ही भेजी जाती है।

777, 999, उड़ने वाले घोड़े (यूनिकॉर्न) का प्रतीक, 21 राजाओं का प्रतिनिधित्व, इत्यादि सलीम के कोड शब्द हैं। ये कोड शब्द उसके आदमियों द्वारा भेजे गए ड्रग पैकेट पर लिखे होते हैं।

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की जांच के दौरान आईएसआई द्वारा संरक्षित दाऊद इब्राहिम के करीबी हाजी अली का नाम सामने आया है।

हाजी सलीम का कनेक्शन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकी शाजिदुल्ला से पाया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि शाजिदुल्ला जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी गतिविधियों का मास्टरमाइंड रहा है।

जब्त की गई 12 हजार करोड़ रुपये की नशीली दवाओं से संकेत मिलता है कि इस पैसे का एक बड़ा हिस्सा दुबई के रास्ते हवाला के जरिए पाकिस्तान भेजा जा रहा था। इसके बाद, धन का उपयोग आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए किया गया था।

खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में कहा गया है कि मादक पदार्थों की तस्करी को लेकर हाजी सलीम अक्सर लश्कर के कमांडरों के साथ बैठक करता है। खुफिया एजेंसियां हाजी सलीम द्वारा लश्कर कमांडर को किए गए एक ऑडियो कॉल का पता लगाया, इसके जरिए हाजी सलीम की दुबई यात्राओं के बारे में जानकारी एकत्र की।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान भारत में ड्रग्स की तस्करी करने के लिए डी-कंपनी, आईएसआई, लश्कर और अन्य आतंकवादी संगठनों का इस्तेमाल कर रहा है, जिसका उद्देश्य नाकोर्टेररिज्म के माध्यम से व्यापक नुकसान पहुंचाना और देश की स्थिरता को बाधित करना है।

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नई दिल्ली, 19 मई (आईएएनएस)। भारत में मादक पदार्थों की तस्करी करने वाला और दाऊद इब्राहिम और आईएसआई का करीबी हाजी सलीम ज्यादातर ड्रग सिंडिकेट को ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बलूच क्षेत्र से नियंत्रित करता है। खुफिया एजेंसियों की एक रिपोर्ट कहती है कि वह सभी ऑपरेशनों को देखता है और कराची में उसका ऑफिस है।

एजेंसियों ने रिपोर्ट में जिक्र किया है कि एके-47 टाइप असॉल्ट राइफल से लैस गार्ड उसे सुरक्षा मुहैया कराते हैं।

हाजी सलीम को कराची के क्लिफ्टन रोड में एक स्थान पर मादक पदार्थों के व्यापार से संबंधित बैठकों में भाग लेते देखा गया था, जिसका मालिक दाऊद इब्राहिम है।

सलीम सैटेलाइट फोन रखता है, जिसके जरिए वह पाकिस्तान से लेकर मालदीव के समुद्री क्षेत्रों तक अपने ड्रग सिंडिकेट को नियंत्रित करता है।

वह ज्यादातर हेरोइन का कारोबार करता है और नशीले पदार्थों के कारोबार से कमाए गए पैसों का इस्तेमाल आतंकवाद में किया जाता है। वह हवाला के जरिए नकद पैसा प्राप्त करता है।

खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, सितंबर 2022 में गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर एक बड़े ड्रग सिंडिकेट का भंडाफोड़ हुआ था, बाद में जांच में पता चला कि इस सिलसिले में पकड़े गए कुछ लोगों ने हवाला के जरिए सलीम को पैसे भेजे थे।

खुफिया एजेंसियों ने कहा है कि सलीम यह सुनिश्चित करने के लिए कोड वर्ड का इस्तेमाल करता है कि उसका नाम किसी एजेंसी के राडार पर न आए।

पाकिस्तान में उसके आदमी जो भी ड्रग्स पैक करते हैं, उन पर एक खास कोड लिखा होता है। यह उसके आदमियों को सुनिश्चित करता है कि खेप सलीम द्वारा ही भेजी जाती है।

777, 999, उड़ने वाले घोड़े (यूनिकॉर्न) का प्रतीक, 21 राजाओं का प्रतिनिधित्व, इत्यादि सलीम के कोड शब्द हैं। ये कोड शब्द उसके आदमियों द्वारा भेजे गए ड्रग पैकेट पर लिखे होते हैं।

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की जांच के दौरान आईएसआई द्वारा संरक्षित दाऊद इब्राहिम के करीबी हाजी अली का नाम सामने आया है।

हाजी सलीम का कनेक्शन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकी शाजिदुल्ला से पाया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि शाजिदुल्ला जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी गतिविधियों का मास्टरमाइंड रहा है।

जब्त की गई 12 हजार करोड़ रुपये की नशीली दवाओं से संकेत मिलता है कि इस पैसे का एक बड़ा हिस्सा दुबई के रास्ते हवाला के जरिए पाकिस्तान भेजा जा रहा था। इसके बाद, धन का उपयोग आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए किया गया था।

खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में कहा गया है कि मादक पदार्थों की तस्करी को लेकर हाजी सलीम अक्सर लश्कर के कमांडरों के साथ बैठक करता है। खुफिया एजेंसियां हाजी सलीम द्वारा लश्कर कमांडर को किए गए एक ऑडियो कॉल का पता लगाया, इसके जरिए हाजी सलीम की दुबई यात्राओं के बारे में जानकारी एकत्र की।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान भारत में ड्रग्स की तस्करी करने के लिए डी-कंपनी, आईएसआई, लश्कर और अन्य आतंकवादी संगठनों का इस्तेमाल कर रहा है, जिसका उद्देश्य नाकोर्टेररिज्म के माध्यम से व्यापक नुकसान पहुंचाना और देश की स्थिरता को बाधित करना है।

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एजेंसियों ने रिपोर्ट में जिक्र किया है कि एके-47 टाइप असॉल्ट राइफल से लैस गार्ड उसे सुरक्षा मुहैया कराते हैं।

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वह ज्यादातर हेरोइन का कारोबार करता है और नशीले पदार्थों के कारोबार से कमाए गए पैसों का इस्तेमाल आतंकवाद में किया जाता है। वह हवाला के जरिए नकद पैसा प्राप्त करता है।

खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, सितंबर 2022 में गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर एक बड़े ड्रग सिंडिकेट का भंडाफोड़ हुआ था, बाद में जांच में पता चला कि इस सिलसिले में पकड़े गए कुछ लोगों ने हवाला के जरिए सलीम को पैसे भेजे थे।

खुफिया एजेंसियों ने कहा है कि सलीम यह सुनिश्चित करने के लिए कोड वर्ड का इस्तेमाल करता है कि उसका नाम किसी एजेंसी के राडार पर न आए।

पाकिस्तान में उसके आदमी जो भी ड्रग्स पैक करते हैं, उन पर एक खास कोड लिखा होता है। यह उसके आदमियों को सुनिश्चित करता है कि खेप सलीम द्वारा ही भेजी जाती है।

777, 999, उड़ने वाले घोड़े (यूनिकॉर्न) का प्रतीक, 21 राजाओं का प्रतिनिधित्व, इत्यादि सलीम के कोड शब्द हैं। ये कोड शब्द उसके आदमियों द्वारा भेजे गए ड्रग पैकेट पर लिखे होते हैं।

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की जांच के दौरान आईएसआई द्वारा संरक्षित दाऊद इब्राहिम के करीबी हाजी अली का नाम सामने आया है।

हाजी सलीम का कनेक्शन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकी शाजिदुल्ला से पाया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि शाजिदुल्ला जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी गतिविधियों का मास्टरमाइंड रहा है।

जब्त की गई 12 हजार करोड़ रुपये की नशीली दवाओं से संकेत मिलता है कि इस पैसे का एक बड़ा हिस्सा दुबई के रास्ते हवाला के जरिए पाकिस्तान भेजा जा रहा था। इसके बाद, धन का उपयोग आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए किया गया था।

खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में कहा गया है कि मादक पदार्थों की तस्करी को लेकर हाजी सलीम अक्सर लश्कर के कमांडरों के साथ बैठक करता है। खुफिया एजेंसियां हाजी सलीम द्वारा लश्कर कमांडर को किए गए एक ऑडियो कॉल का पता लगाया, इसके जरिए हाजी सलीम की दुबई यात्राओं के बारे में जानकारी एकत्र की।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान भारत में ड्रग्स की तस्करी करने के लिए डी-कंपनी, आईएसआई, लश्कर और अन्य आतंकवादी संगठनों का इस्तेमाल कर रहा है, जिसका उद्देश्य नाकोर्टेररिज्म के माध्यम से व्यापक नुकसान पहुंचाना और देश की स्थिरता को बाधित करना है।

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एजेंसियों ने रिपोर्ट में जिक्र किया है कि एके-47 टाइप असॉल्ट राइफल से लैस गार्ड उसे सुरक्षा मुहैया कराते हैं।

हाजी सलीम को कराची के क्लिफ्टन रोड में एक स्थान पर मादक पदार्थों के व्यापार से संबंधित बैठकों में भाग लेते देखा गया था, जिसका मालिक दाऊद इब्राहिम है।

सलीम सैटेलाइट फोन रखता है, जिसके जरिए वह पाकिस्तान से लेकर मालदीव के समुद्री क्षेत्रों तक अपने ड्रग सिंडिकेट को नियंत्रित करता है।

वह ज्यादातर हेरोइन का कारोबार करता है और नशीले पदार्थों के कारोबार से कमाए गए पैसों का इस्तेमाल आतंकवाद में किया जाता है। वह हवाला के जरिए नकद पैसा प्राप्त करता है।

खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, सितंबर 2022 में गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर एक बड़े ड्रग सिंडिकेट का भंडाफोड़ हुआ था, बाद में जांच में पता चला कि इस सिलसिले में पकड़े गए कुछ लोगों ने हवाला के जरिए सलीम को पैसे भेजे थे।

खुफिया एजेंसियों ने कहा है कि सलीम यह सुनिश्चित करने के लिए कोड वर्ड का इस्तेमाल करता है कि उसका नाम किसी एजेंसी के राडार पर न आए।

पाकिस्तान में उसके आदमी जो भी ड्रग्स पैक करते हैं, उन पर एक खास कोड लिखा होता है। यह उसके आदमियों को सुनिश्चित करता है कि खेप सलीम द्वारा ही भेजी जाती है।

777, 999, उड़ने वाले घोड़े (यूनिकॉर्न) का प्रतीक, 21 राजाओं का प्रतिनिधित्व, इत्यादि सलीम के कोड शब्द हैं। ये कोड शब्द उसके आदमियों द्वारा भेजे गए ड्रग पैकेट पर लिखे होते हैं।

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की जांच के दौरान आईएसआई द्वारा संरक्षित दाऊद इब्राहिम के करीबी हाजी अली का नाम सामने आया है।

हाजी सलीम का कनेक्शन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकी शाजिदुल्ला से पाया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि शाजिदुल्ला जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी गतिविधियों का मास्टरमाइंड रहा है।

जब्त की गई 12 हजार करोड़ रुपये की नशीली दवाओं से संकेत मिलता है कि इस पैसे का एक बड़ा हिस्सा दुबई के रास्ते हवाला के जरिए पाकिस्तान भेजा जा रहा था। इसके बाद, धन का उपयोग आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए किया गया था।

खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में कहा गया है कि मादक पदार्थों की तस्करी को लेकर हाजी सलीम अक्सर लश्कर के कमांडरों के साथ बैठक करता है। खुफिया एजेंसियां हाजी सलीम द्वारा लश्कर कमांडर को किए गए एक ऑडियो कॉल का पता लगाया, इसके जरिए हाजी सलीम की दुबई यात्राओं के बारे में जानकारी एकत्र की।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान भारत में ड्रग्स की तस्करी करने के लिए डी-कंपनी, आईएसआई, लश्कर और अन्य आतंकवादी संगठनों का इस्तेमाल कर रहा है, जिसका उद्देश्य नाकोर्टेररिज्म के माध्यम से व्यापक नुकसान पहुंचाना और देश की स्थिरता को बाधित करना है।

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नई दिल्ली, 19 मई (आईएएनएस)। भारत में मादक पदार्थों की तस्करी करने वाला और दाऊद इब्राहिम और आईएसआई का करीबी हाजी सलीम ज्यादातर ड्रग सिंडिकेट को ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बलूच क्षेत्र से नियंत्रित करता है। खुफिया एजेंसियों की एक रिपोर्ट कहती है कि वह सभी ऑपरेशनों को देखता है और कराची में उसका ऑफिस है।

एजेंसियों ने रिपोर्ट में जिक्र किया है कि एके-47 टाइप असॉल्ट राइफल से लैस गार्ड उसे सुरक्षा मुहैया कराते हैं।

हाजी सलीम को कराची के क्लिफ्टन रोड में एक स्थान पर मादक पदार्थों के व्यापार से संबंधित बैठकों में भाग लेते देखा गया था, जिसका मालिक दाऊद इब्राहिम है।

सलीम सैटेलाइट फोन रखता है, जिसके जरिए वह पाकिस्तान से लेकर मालदीव के समुद्री क्षेत्रों तक अपने ड्रग सिंडिकेट को नियंत्रित करता है।

वह ज्यादातर हेरोइन का कारोबार करता है और नशीले पदार्थों के कारोबार से कमाए गए पैसों का इस्तेमाल आतंकवाद में किया जाता है। वह हवाला के जरिए नकद पैसा प्राप्त करता है।

खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, सितंबर 2022 में गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर एक बड़े ड्रग सिंडिकेट का भंडाफोड़ हुआ था, बाद में जांच में पता चला कि इस सिलसिले में पकड़े गए कुछ लोगों ने हवाला के जरिए सलीम को पैसे भेजे थे।

खुफिया एजेंसियों ने कहा है कि सलीम यह सुनिश्चित करने के लिए कोड वर्ड का इस्तेमाल करता है कि उसका नाम किसी एजेंसी के राडार पर न आए।

पाकिस्तान में उसके आदमी जो भी ड्रग्स पैक करते हैं, उन पर एक खास कोड लिखा होता है। यह उसके आदमियों को सुनिश्चित करता है कि खेप सलीम द्वारा ही भेजी जाती है।

777, 999, उड़ने वाले घोड़े (यूनिकॉर्न) का प्रतीक, 21 राजाओं का प्रतिनिधित्व, इत्यादि सलीम के कोड शब्द हैं। ये कोड शब्द उसके आदमियों द्वारा भेजे गए ड्रग पैकेट पर लिखे होते हैं।

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की जांच के दौरान आईएसआई द्वारा संरक्षित दाऊद इब्राहिम के करीबी हाजी अली का नाम सामने आया है।

हाजी सलीम का कनेक्शन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकी शाजिदुल्ला से पाया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि शाजिदुल्ला जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी गतिविधियों का मास्टरमाइंड रहा है।

जब्त की गई 12 हजार करोड़ रुपये की नशीली दवाओं से संकेत मिलता है कि इस पैसे का एक बड़ा हिस्सा दुबई के रास्ते हवाला के जरिए पाकिस्तान भेजा जा रहा था। इसके बाद, धन का उपयोग आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए किया गया था।

खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में कहा गया है कि मादक पदार्थों की तस्करी को लेकर हाजी सलीम अक्सर लश्कर के कमांडरों के साथ बैठक करता है। खुफिया एजेंसियां हाजी सलीम द्वारा लश्कर कमांडर को किए गए एक ऑडियो कॉल का पता लगाया, इसके जरिए हाजी सलीम की दुबई यात्राओं के बारे में जानकारी एकत्र की।

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–आईएएनएस

सीबीटी

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नई दिल्ली, 19 मई (आईएएनएस)। भारत में मादक पदार्थों की तस्करी करने वाला और दाऊद इब्राहिम और आईएसआई का करीबी हाजी सलीम ज्यादातर ड्रग सिंडिकेट को ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बलूच क्षेत्र से नियंत्रित करता है। खुफिया एजेंसियों की एक रिपोर्ट कहती है कि वह सभी ऑपरेशनों को देखता है और कराची में उसका ऑफिस है।

एजेंसियों ने रिपोर्ट में जिक्र किया है कि एके-47 टाइप असॉल्ट राइफल से लैस गार्ड उसे सुरक्षा मुहैया कराते हैं।

हाजी सलीम को कराची के क्लिफ्टन रोड में एक स्थान पर मादक पदार्थों के व्यापार से संबंधित बैठकों में भाग लेते देखा गया था, जिसका मालिक दाऊद इब्राहिम है।

सलीम सैटेलाइट फोन रखता है, जिसके जरिए वह पाकिस्तान से लेकर मालदीव के समुद्री क्षेत्रों तक अपने ड्रग सिंडिकेट को नियंत्रित करता है।

वह ज्यादातर हेरोइन का कारोबार करता है और नशीले पदार्थों के कारोबार से कमाए गए पैसों का इस्तेमाल आतंकवाद में किया जाता है। वह हवाला के जरिए नकद पैसा प्राप्त करता है।

खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, सितंबर 2022 में गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर एक बड़े ड्रग सिंडिकेट का भंडाफोड़ हुआ था, बाद में जांच में पता चला कि इस सिलसिले में पकड़े गए कुछ लोगों ने हवाला के जरिए सलीम को पैसे भेजे थे।

खुफिया एजेंसियों ने कहा है कि सलीम यह सुनिश्चित करने के लिए कोड वर्ड का इस्तेमाल करता है कि उसका नाम किसी एजेंसी के राडार पर न आए।

पाकिस्तान में उसके आदमी जो भी ड्रग्स पैक करते हैं, उन पर एक खास कोड लिखा होता है। यह उसके आदमियों को सुनिश्चित करता है कि खेप सलीम द्वारा ही भेजी जाती है।

777, 999, उड़ने वाले घोड़े (यूनिकॉर्न) का प्रतीक, 21 राजाओं का प्रतिनिधित्व, इत्यादि सलीम के कोड शब्द हैं। ये कोड शब्द उसके आदमियों द्वारा भेजे गए ड्रग पैकेट पर लिखे होते हैं।

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की जांच के दौरान आईएसआई द्वारा संरक्षित दाऊद इब्राहिम के करीबी हाजी अली का नाम सामने आया है।

हाजी सलीम का कनेक्शन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकी शाजिदुल्ला से पाया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि शाजिदुल्ला जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी गतिविधियों का मास्टरमाइंड रहा है।

जब्त की गई 12 हजार करोड़ रुपये की नशीली दवाओं से संकेत मिलता है कि इस पैसे का एक बड़ा हिस्सा दुबई के रास्ते हवाला के जरिए पाकिस्तान भेजा जा रहा था। इसके बाद, धन का उपयोग आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए किया गया था।

खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में कहा गया है कि मादक पदार्थों की तस्करी को लेकर हाजी सलीम अक्सर लश्कर के कमांडरों के साथ बैठक करता है। खुफिया एजेंसियां हाजी सलीम द्वारा लश्कर कमांडर को किए गए एक ऑडियो कॉल का पता लगाया, इसके जरिए हाजी सलीम की दुबई यात्राओं के बारे में जानकारी एकत्र की।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान भारत में ड्रग्स की तस्करी करने के लिए डी-कंपनी, आईएसआई, लश्कर और अन्य आतंकवादी संगठनों का इस्तेमाल कर रहा है, जिसका उद्देश्य नाकोर्टेररिज्म के माध्यम से व्यापक नुकसान पहुंचाना और देश की स्थिरता को बाधित करना है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 19 मई (आईएएनएस)। भारत में मादक पदार्थों की तस्करी करने वाला और दाऊद इब्राहिम और आईएसआई का करीबी हाजी सलीम ज्यादातर ड्रग सिंडिकेट को ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बलूच क्षेत्र से नियंत्रित करता है। खुफिया एजेंसियों की एक रिपोर्ट कहती है कि वह सभी ऑपरेशनों को देखता है और कराची में उसका ऑफिस है।

एजेंसियों ने रिपोर्ट में जिक्र किया है कि एके-47 टाइप असॉल्ट राइफल से लैस गार्ड उसे सुरक्षा मुहैया कराते हैं।

हाजी सलीम को कराची के क्लिफ्टन रोड में एक स्थान पर मादक पदार्थों के व्यापार से संबंधित बैठकों में भाग लेते देखा गया था, जिसका मालिक दाऊद इब्राहिम है।

सलीम सैटेलाइट फोन रखता है, जिसके जरिए वह पाकिस्तान से लेकर मालदीव के समुद्री क्षेत्रों तक अपने ड्रग सिंडिकेट को नियंत्रित करता है।

वह ज्यादातर हेरोइन का कारोबार करता है और नशीले पदार्थों के कारोबार से कमाए गए पैसों का इस्तेमाल आतंकवाद में किया जाता है। वह हवाला के जरिए नकद पैसा प्राप्त करता है।

खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, सितंबर 2022 में गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर एक बड़े ड्रग सिंडिकेट का भंडाफोड़ हुआ था, बाद में जांच में पता चला कि इस सिलसिले में पकड़े गए कुछ लोगों ने हवाला के जरिए सलीम को पैसे भेजे थे।

खुफिया एजेंसियों ने कहा है कि सलीम यह सुनिश्चित करने के लिए कोड वर्ड का इस्तेमाल करता है कि उसका नाम किसी एजेंसी के राडार पर न आए।

पाकिस्तान में उसके आदमी जो भी ड्रग्स पैक करते हैं, उन पर एक खास कोड लिखा होता है। यह उसके आदमियों को सुनिश्चित करता है कि खेप सलीम द्वारा ही भेजी जाती है।

777, 999, उड़ने वाले घोड़े (यूनिकॉर्न) का प्रतीक, 21 राजाओं का प्रतिनिधित्व, इत्यादि सलीम के कोड शब्द हैं। ये कोड शब्द उसके आदमियों द्वारा भेजे गए ड्रग पैकेट पर लिखे होते हैं।

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की जांच के दौरान आईएसआई द्वारा संरक्षित दाऊद इब्राहिम के करीबी हाजी अली का नाम सामने आया है।

हाजी सलीम का कनेक्शन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकी शाजिदुल्ला से पाया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि शाजिदुल्ला जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी गतिविधियों का मास्टरमाइंड रहा है।

जब्त की गई 12 हजार करोड़ रुपये की नशीली दवाओं से संकेत मिलता है कि इस पैसे का एक बड़ा हिस्सा दुबई के रास्ते हवाला के जरिए पाकिस्तान भेजा जा रहा था। इसके बाद, धन का उपयोग आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए किया गया था।

खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में कहा गया है कि मादक पदार्थों की तस्करी को लेकर हाजी सलीम अक्सर लश्कर के कमांडरों के साथ बैठक करता है। खुफिया एजेंसियां हाजी सलीम द्वारा लश्कर कमांडर को किए गए एक ऑडियो कॉल का पता लगाया, इसके जरिए हाजी सलीम की दुबई यात्राओं के बारे में जानकारी एकत्र की।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान भारत में ड्रग्स की तस्करी करने के लिए डी-कंपनी, आईएसआई, लश्कर और अन्य आतंकवादी संगठनों का इस्तेमाल कर रहा है, जिसका उद्देश्य नाकोर्टेररिज्म के माध्यम से व्यापक नुकसान पहुंचाना और देश की स्थिरता को बाधित करना है।

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एजेंसियों ने रिपोर्ट में जिक्र किया है कि एके-47 टाइप असॉल्ट राइफल से लैस गार्ड उसे सुरक्षा मुहैया कराते हैं।

हाजी सलीम को कराची के क्लिफ्टन रोड में एक स्थान पर मादक पदार्थों के व्यापार से संबंधित बैठकों में भाग लेते देखा गया था, जिसका मालिक दाऊद इब्राहिम है।

सलीम सैटेलाइट फोन रखता है, जिसके जरिए वह पाकिस्तान से लेकर मालदीव के समुद्री क्षेत्रों तक अपने ड्रग सिंडिकेट को नियंत्रित करता है।

वह ज्यादातर हेरोइन का कारोबार करता है और नशीले पदार्थों के कारोबार से कमाए गए पैसों का इस्तेमाल आतंकवाद में किया जाता है। वह हवाला के जरिए नकद पैसा प्राप्त करता है।

खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, सितंबर 2022 में गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर एक बड़े ड्रग सिंडिकेट का भंडाफोड़ हुआ था, बाद में जांच में पता चला कि इस सिलसिले में पकड़े गए कुछ लोगों ने हवाला के जरिए सलीम को पैसे भेजे थे।

खुफिया एजेंसियों ने कहा है कि सलीम यह सुनिश्चित करने के लिए कोड वर्ड का इस्तेमाल करता है कि उसका नाम किसी एजेंसी के राडार पर न आए।

पाकिस्तान में उसके आदमी जो भी ड्रग्स पैक करते हैं, उन पर एक खास कोड लिखा होता है। यह उसके आदमियों को सुनिश्चित करता है कि खेप सलीम द्वारा ही भेजी जाती है।

777, 999, उड़ने वाले घोड़े (यूनिकॉर्न) का प्रतीक, 21 राजाओं का प्रतिनिधित्व, इत्यादि सलीम के कोड शब्द हैं। ये कोड शब्द उसके आदमियों द्वारा भेजे गए ड्रग पैकेट पर लिखे होते हैं।

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की जांच के दौरान आईएसआई द्वारा संरक्षित दाऊद इब्राहिम के करीबी हाजी अली का नाम सामने आया है।

हाजी सलीम का कनेक्शन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकी शाजिदुल्ला से पाया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि शाजिदुल्ला जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी गतिविधियों का मास्टरमाइंड रहा है।

जब्त की गई 12 हजार करोड़ रुपये की नशीली दवाओं से संकेत मिलता है कि इस पैसे का एक बड़ा हिस्सा दुबई के रास्ते हवाला के जरिए पाकिस्तान भेजा जा रहा था। इसके बाद, धन का उपयोग आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए किया गया था।

खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में कहा गया है कि मादक पदार्थों की तस्करी को लेकर हाजी सलीम अक्सर लश्कर के कमांडरों के साथ बैठक करता है। खुफिया एजेंसियां हाजी सलीम द्वारा लश्कर कमांडर को किए गए एक ऑडियो कॉल का पता लगाया, इसके जरिए हाजी सलीम की दुबई यात्राओं के बारे में जानकारी एकत्र की।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान भारत में ड्रग्स की तस्करी करने के लिए डी-कंपनी, आईएसआई, लश्कर और अन्य आतंकवादी संगठनों का इस्तेमाल कर रहा है, जिसका उद्देश्य नाकोर्टेररिज्म के माध्यम से व्यापक नुकसान पहुंचाना और देश की स्थिरता को बाधित करना है।

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एजेंसियों ने रिपोर्ट में जिक्र किया है कि एके-47 टाइप असॉल्ट राइफल से लैस गार्ड उसे सुरक्षा मुहैया कराते हैं।

हाजी सलीम को कराची के क्लिफ्टन रोड में एक स्थान पर मादक पदार्थों के व्यापार से संबंधित बैठकों में भाग लेते देखा गया था, जिसका मालिक दाऊद इब्राहिम है।

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वह ज्यादातर हेरोइन का कारोबार करता है और नशीले पदार्थों के कारोबार से कमाए गए पैसों का इस्तेमाल आतंकवाद में किया जाता है। वह हवाला के जरिए नकद पैसा प्राप्त करता है।

खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, सितंबर 2022 में गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर एक बड़े ड्रग सिंडिकेट का भंडाफोड़ हुआ था, बाद में जांच में पता चला कि इस सिलसिले में पकड़े गए कुछ लोगों ने हवाला के जरिए सलीम को पैसे भेजे थे।

खुफिया एजेंसियों ने कहा है कि सलीम यह सुनिश्चित करने के लिए कोड वर्ड का इस्तेमाल करता है कि उसका नाम किसी एजेंसी के राडार पर न आए।

पाकिस्तान में उसके आदमी जो भी ड्रग्स पैक करते हैं, उन पर एक खास कोड लिखा होता है। यह उसके आदमियों को सुनिश्चित करता है कि खेप सलीम द्वारा ही भेजी जाती है।

777, 999, उड़ने वाले घोड़े (यूनिकॉर्न) का प्रतीक, 21 राजाओं का प्रतिनिधित्व, इत्यादि सलीम के कोड शब्द हैं। ये कोड शब्द उसके आदमियों द्वारा भेजे गए ड्रग पैकेट पर लिखे होते हैं।

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की जांच के दौरान आईएसआई द्वारा संरक्षित दाऊद इब्राहिम के करीबी हाजी अली का नाम सामने आया है।

हाजी सलीम का कनेक्शन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकी शाजिदुल्ला से पाया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि शाजिदुल्ला जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी गतिविधियों का मास्टरमाइंड रहा है।

जब्त की गई 12 हजार करोड़ रुपये की नशीली दवाओं से संकेत मिलता है कि इस पैसे का एक बड़ा हिस्सा दुबई के रास्ते हवाला के जरिए पाकिस्तान भेजा जा रहा था। इसके बाद, धन का उपयोग आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए किया गया था।

खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में कहा गया है कि मादक पदार्थों की तस्करी को लेकर हाजी सलीम अक्सर लश्कर के कमांडरों के साथ बैठक करता है। खुफिया एजेंसियां हाजी सलीम द्वारा लश्कर कमांडर को किए गए एक ऑडियो कॉल का पता लगाया, इसके जरिए हाजी सलीम की दुबई यात्राओं के बारे में जानकारी एकत्र की।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान भारत में ड्रग्स की तस्करी करने के लिए डी-कंपनी, आईएसआई, लश्कर और अन्य आतंकवादी संगठनों का इस्तेमाल कर रहा है, जिसका उद्देश्य नाकोर्टेररिज्म के माध्यम से व्यापक नुकसान पहुंचाना और देश की स्थिरता को बाधित करना है।

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एजेंसियों ने रिपोर्ट में जिक्र किया है कि एके-47 टाइप असॉल्ट राइफल से लैस गार्ड उसे सुरक्षा मुहैया कराते हैं।

हाजी सलीम को कराची के क्लिफ्टन रोड में एक स्थान पर मादक पदार्थों के व्यापार से संबंधित बैठकों में भाग लेते देखा गया था, जिसका मालिक दाऊद इब्राहिम है।

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खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, सितंबर 2022 में गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर एक बड़े ड्रग सिंडिकेट का भंडाफोड़ हुआ था, बाद में जांच में पता चला कि इस सिलसिले में पकड़े गए कुछ लोगों ने हवाला के जरिए सलीम को पैसे भेजे थे।

खुफिया एजेंसियों ने कहा है कि सलीम यह सुनिश्चित करने के लिए कोड वर्ड का इस्तेमाल करता है कि उसका नाम किसी एजेंसी के राडार पर न आए।

पाकिस्तान में उसके आदमी जो भी ड्रग्स पैक करते हैं, उन पर एक खास कोड लिखा होता है। यह उसके आदमियों को सुनिश्चित करता है कि खेप सलीम द्वारा ही भेजी जाती है।

777, 999, उड़ने वाले घोड़े (यूनिकॉर्न) का प्रतीक, 21 राजाओं का प्रतिनिधित्व, इत्यादि सलीम के कोड शब्द हैं। ये कोड शब्द उसके आदमियों द्वारा भेजे गए ड्रग पैकेट पर लिखे होते हैं।

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की जांच के दौरान आईएसआई द्वारा संरक्षित दाऊद इब्राहिम के करीबी हाजी अली का नाम सामने आया है।

हाजी सलीम का कनेक्शन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकी शाजिदुल्ला से पाया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि शाजिदुल्ला जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी गतिविधियों का मास्टरमाइंड रहा है।

जब्त की गई 12 हजार करोड़ रुपये की नशीली दवाओं से संकेत मिलता है कि इस पैसे का एक बड़ा हिस्सा दुबई के रास्ते हवाला के जरिए पाकिस्तान भेजा जा रहा था। इसके बाद, धन का उपयोग आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए किया गया था।

खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में कहा गया है कि मादक पदार्थों की तस्करी को लेकर हाजी सलीम अक्सर लश्कर के कमांडरों के साथ बैठक करता है। खुफिया एजेंसियां हाजी सलीम द्वारा लश्कर कमांडर को किए गए एक ऑडियो कॉल का पता लगाया, इसके जरिए हाजी सलीम की दुबई यात्राओं के बारे में जानकारी एकत्र की।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान भारत में ड्रग्स की तस्करी करने के लिए डी-कंपनी, आईएसआई, लश्कर और अन्य आतंकवादी संगठनों का इस्तेमाल कर रहा है, जिसका उद्देश्य नाकोर्टेररिज्म के माध्यम से व्यापक नुकसान पहुंचाना और देश की स्थिरता को बाधित करना है।

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एजेंसियों ने रिपोर्ट में जिक्र किया है कि एके-47 टाइप असॉल्ट राइफल से लैस गार्ड उसे सुरक्षा मुहैया कराते हैं।

हाजी सलीम को कराची के क्लिफ्टन रोड में एक स्थान पर मादक पदार्थों के व्यापार से संबंधित बैठकों में भाग लेते देखा गया था, जिसका मालिक दाऊद इब्राहिम है।

सलीम सैटेलाइट फोन रखता है, जिसके जरिए वह पाकिस्तान से लेकर मालदीव के समुद्री क्षेत्रों तक अपने ड्रग सिंडिकेट को नियंत्रित करता है।

वह ज्यादातर हेरोइन का कारोबार करता है और नशीले पदार्थों के कारोबार से कमाए गए पैसों का इस्तेमाल आतंकवाद में किया जाता है। वह हवाला के जरिए नकद पैसा प्राप्त करता है।

खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, सितंबर 2022 में गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर एक बड़े ड्रग सिंडिकेट का भंडाफोड़ हुआ था, बाद में जांच में पता चला कि इस सिलसिले में पकड़े गए कुछ लोगों ने हवाला के जरिए सलीम को पैसे भेजे थे।

खुफिया एजेंसियों ने कहा है कि सलीम यह सुनिश्चित करने के लिए कोड वर्ड का इस्तेमाल करता है कि उसका नाम किसी एजेंसी के राडार पर न आए।

पाकिस्तान में उसके आदमी जो भी ड्रग्स पैक करते हैं, उन पर एक खास कोड लिखा होता है। यह उसके आदमियों को सुनिश्चित करता है कि खेप सलीम द्वारा ही भेजी जाती है।

777, 999, उड़ने वाले घोड़े (यूनिकॉर्न) का प्रतीक, 21 राजाओं का प्रतिनिधित्व, इत्यादि सलीम के कोड शब्द हैं। ये कोड शब्द उसके आदमियों द्वारा भेजे गए ड्रग पैकेट पर लिखे होते हैं।

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की जांच के दौरान आईएसआई द्वारा संरक्षित दाऊद इब्राहिम के करीबी हाजी अली का नाम सामने आया है।

हाजी सलीम का कनेक्शन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकी शाजिदुल्ला से पाया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि शाजिदुल्ला जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी गतिविधियों का मास्टरमाइंड रहा है।

जब्त की गई 12 हजार करोड़ रुपये की नशीली दवाओं से संकेत मिलता है कि इस पैसे का एक बड़ा हिस्सा दुबई के रास्ते हवाला के जरिए पाकिस्तान भेजा जा रहा था। इसके बाद, धन का उपयोग आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए किया गया था।

खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में कहा गया है कि मादक पदार्थों की तस्करी को लेकर हाजी सलीम अक्सर लश्कर के कमांडरों के साथ बैठक करता है। खुफिया एजेंसियां हाजी सलीम द्वारा लश्कर कमांडर को किए गए एक ऑडियो कॉल का पता लगाया, इसके जरिए हाजी सलीम की दुबई यात्राओं के बारे में जानकारी एकत्र की।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान भारत में ड्रग्स की तस्करी करने के लिए डी-कंपनी, आईएसआई, लश्कर और अन्य आतंकवादी संगठनों का इस्तेमाल कर रहा है, जिसका उद्देश्य नाकोर्टेररिज्म के माध्यम से व्यापक नुकसान पहुंचाना और देश की स्थिरता को बाधित करना है।

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रिपोर्ट में कहा गया है कि शाजिदुल्ला जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी गतिविधियों का मास्टरमाइंड रहा है।

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खुफिया एजेंसियों ने कहा है कि सलीम यह सुनिश्चित करने के लिए कोड वर्ड का इस्तेमाल करता है कि उसका नाम किसी एजेंसी के राडार पर न आए।

पाकिस्तान में उसके आदमी जो भी ड्रग्स पैक करते हैं, उन पर एक खास कोड लिखा होता है। यह उसके आदमियों को सुनिश्चित करता है कि खेप सलीम द्वारा ही भेजी जाती है।

777, 999, उड़ने वाले घोड़े (यूनिकॉर्न) का प्रतीक, 21 राजाओं का प्रतिनिधित्व, इत्यादि सलीम के कोड शब्द हैं। ये कोड शब्द उसके आदमियों द्वारा भेजे गए ड्रग पैकेट पर लिखे होते हैं।

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की जांच के दौरान आईएसआई द्वारा संरक्षित दाऊद इब्राहिम के करीबी हाजी अली का नाम सामने आया है।

हाजी सलीम का कनेक्शन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकी शाजिदुल्ला से पाया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि शाजिदुल्ला जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी गतिविधियों का मास्टरमाइंड रहा है।

जब्त की गई 12 हजार करोड़ रुपये की नशीली दवाओं से संकेत मिलता है कि इस पैसे का एक बड़ा हिस्सा दुबई के रास्ते हवाला के जरिए पाकिस्तान भेजा जा रहा था। इसके बाद, धन का उपयोग आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए किया गया था।

खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में कहा गया है कि मादक पदार्थों की तस्करी को लेकर हाजी सलीम अक्सर लश्कर के कमांडरों के साथ बैठक करता है। खुफिया एजेंसियां हाजी सलीम द्वारा लश्कर कमांडर को किए गए एक ऑडियो कॉल का पता लगाया, इसके जरिए हाजी सलीम की दुबई यात्राओं के बारे में जानकारी एकत्र की।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान भारत में ड्रग्स की तस्करी करने के लिए डी-कंपनी, आईएसआई, लश्कर और अन्य आतंकवादी संगठनों का इस्तेमाल कर रहा है, जिसका उद्देश्य नाकोर्टेररिज्म के माध्यम से व्यापक नुकसान पहुंचाना और देश की स्थिरता को बाधित करना है।

–आईएएनएस

सीबीटी

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नई दिल्ली, 19 मई (आईएएनएस)। भारत में मादक पदार्थों की तस्करी करने वाला और दाऊद इब्राहिम और आईएसआई का करीबी हाजी सलीम ज्यादातर ड्रग सिंडिकेट को ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बलूच क्षेत्र से नियंत्रित करता है। खुफिया एजेंसियों की एक रिपोर्ट कहती है कि वह सभी ऑपरेशनों को देखता है और कराची में उसका ऑफिस है।

एजेंसियों ने रिपोर्ट में जिक्र किया है कि एके-47 टाइप असॉल्ट राइफल से लैस गार्ड उसे सुरक्षा मुहैया कराते हैं।

हाजी सलीम को कराची के क्लिफ्टन रोड में एक स्थान पर मादक पदार्थों के व्यापार से संबंधित बैठकों में भाग लेते देखा गया था, जिसका मालिक दाऊद इब्राहिम है।

सलीम सैटेलाइट फोन रखता है, जिसके जरिए वह पाकिस्तान से लेकर मालदीव के समुद्री क्षेत्रों तक अपने ड्रग सिंडिकेट को नियंत्रित करता है।

वह ज्यादातर हेरोइन का कारोबार करता है और नशीले पदार्थों के कारोबार से कमाए गए पैसों का इस्तेमाल आतंकवाद में किया जाता है। वह हवाला के जरिए नकद पैसा प्राप्त करता है।

खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, सितंबर 2022 में गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर एक बड़े ड्रग सिंडिकेट का भंडाफोड़ हुआ था, बाद में जांच में पता चला कि इस सिलसिले में पकड़े गए कुछ लोगों ने हवाला के जरिए सलीम को पैसे भेजे थे।

खुफिया एजेंसियों ने कहा है कि सलीम यह सुनिश्चित करने के लिए कोड वर्ड का इस्तेमाल करता है कि उसका नाम किसी एजेंसी के राडार पर न आए।

पाकिस्तान में उसके आदमी जो भी ड्रग्स पैक करते हैं, उन पर एक खास कोड लिखा होता है। यह उसके आदमियों को सुनिश्चित करता है कि खेप सलीम द्वारा ही भेजी जाती है।

777, 999, उड़ने वाले घोड़े (यूनिकॉर्न) का प्रतीक, 21 राजाओं का प्रतिनिधित्व, इत्यादि सलीम के कोड शब्द हैं। ये कोड शब्द उसके आदमियों द्वारा भेजे गए ड्रग पैकेट पर लिखे होते हैं।

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की जांच के दौरान आईएसआई द्वारा संरक्षित दाऊद इब्राहिम के करीबी हाजी अली का नाम सामने आया है।

हाजी सलीम का कनेक्शन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकी शाजिदुल्ला से पाया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि शाजिदुल्ला जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी गतिविधियों का मास्टरमाइंड रहा है।

जब्त की गई 12 हजार करोड़ रुपये की नशीली दवाओं से संकेत मिलता है कि इस पैसे का एक बड़ा हिस्सा दुबई के रास्ते हवाला के जरिए पाकिस्तान भेजा जा रहा था। इसके बाद, धन का उपयोग आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए किया गया था।

खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में कहा गया है कि मादक पदार्थों की तस्करी को लेकर हाजी सलीम अक्सर लश्कर के कमांडरों के साथ बैठक करता है। खुफिया एजेंसियां हाजी सलीम द्वारा लश्कर कमांडर को किए गए एक ऑडियो कॉल का पता लगाया, इसके जरिए हाजी सलीम की दुबई यात्राओं के बारे में जानकारी एकत्र की।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान भारत में ड्रग्स की तस्करी करने के लिए डी-कंपनी, आईएसआई, लश्कर और अन्य आतंकवादी संगठनों का इस्तेमाल कर रहा है, जिसका उद्देश्य नाकोर्टेररिज्म के माध्यम से व्यापक नुकसान पहुंचाना और देश की स्थिरता को बाधित करना है।

–आईएएनएस

सीबीटी

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