नई दिल्ली, 19 मई (आईएएनएस)। दिल्ली की एक अदालत ने आबकारी नीति मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और तीन अन्य के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के पूरक आरोपपत्र पर शुक्रवार को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।
सिसोदिया के अलावा आरोपपत्र में अर्जुन पांडे, बुची बाबू गोरंटला और अमनदीप ढाल के भी नाम हैं।
विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल ने इसे 27 मई को आदेश सुनाने के लिए सूचीबद्ध किया।
अधिक जानकारी की प्रतीक्षा है।
सीबीआई ने अपने पूरक आरोपपत्र में आरोप लगाया है कि सिसोदिया ने शराब नीति के संबंध में टिप्पणी/सुझाव मांगने की प्रक्रिया में हेरफेर करने के लिए दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग (डीएमसी) के अध्यक्ष जाकिर खान के माध्यम से अपने हिसाब से कुछ ईमेल मंगवाए थे।
जांच एजेंसी ने दावा किया है कि सिसोदिया पूर्व आबकारी आयुक्त रवि धवन द्वारा 13 अक्टूबर 2020 को सौंपी गई विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट की सिफारिशों से खुश नहीं थे और उन्होंने नए आबकारी आयुक्त राहुल सिंह को आम जनता और हितधारकों से टिप्पणियां आमंत्रित करने के लिए आबकारी विभाग के पोर्टल पर रिपोर्ट डालने का निर्देश दिया।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि सिसोदिया ने आबकारी विभाग द्वारा तैयार कैबिनेट नोट के मसौदे को नष्ट कर दिया जिसे 28 जनवरी 2021 को हुई बैठक में मंत्रिपरिषद के समक्ष रखा गया था।
कैबिनेट नोट के मसौदे में भारत पूर्व मुख्य न्यायाधीशों रंजन गोगोई और के.जी. बालकृष्णन के अलावा पूर्व अटॉर्नी जनरल और वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी तथा अन्य की कानूनी राय को भी शामिल किया गया था।
–आईएएनएस
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