कोलकाता, 19 मई (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में सरकारी स्कूलों में कथित भर्ती घोटाले के सिलसिले में पूछताछ के लिए तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी को सीबीआई द्वारा समन भेजे जाने के बाद राज्य में राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है।
सीबीआई के पुलिस उपाधीक्षक संजय कुमार सामल द्वारा जारी समन के अनुसार, बनर्जी को शनिवार सुबह 11 बजे तक कोलकाता में एजेंसी के निजाम पैलेस कार्यालय में आने के लिए कहा गया है।
बनर्जी ने दावा किया है कि हालांकि उनके कानूनी सलाहकारों ने उन्हें बिना किसी पूर्व सूचना के भेजे गए नोटिस को न मानने की सलाह दी, लेकिन उन्होंने अपनी बात साबित करने के लिए समन का पालन करने का फैसला किया है।
अभिषेक बनर्जी ने कहा, मैं फिर से कह रहा हूं कि अगर मैं किसी भी तरह की भ्रष्ट गतिविधियों में शामिल होने का दोषी साबित होता हूं, तो मैं सार्वजनिक रूप से फांसी पर चढ़ने को तैयार हूं।
तृणमूल के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, अभिषेक बनर्जी न तो डरे हुए हैं और न ही तनाव में हैं। शारदा चिटफंड घोटाले में सीबीआई ने विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को एक बार भी तलब नहीं किया। मेरा सवाल यह है कि सिर्फ शब्दों की बाजीगरी से अभिषेक बनर्जी को एक मामले में शामिल कर उन्हें बेवजह क्यों तलब किया जा रहा है।
माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि अभिषेक बनर्जी डरे हुए नहीं हैं तो समन और पूछताछ से बचने के लिए अदालत क्यों जा रहे थे?
चक्रवर्ती ने कहा, उन्हें सार्वजनिक रूप से फांसी देने की कोई जरूरत नहीं है। उन्हें जांच में सहयोग करना चाहिए।
सुभेंदु अधिकारी के मुताबिक, इस मामले में अभिषेक बनर्जी की सीबीआई का सामना करने की अनिच्छा शुरू से ही साफ हो गई थी।
शुभेंदु अधिकारी ने कहा, यहां तक कि अदालत ने भी मामले में प्रगति के बारे में सीबीआई से पूछताछ की है। आखिरकार, केंद्रीय एजेंसी ने उन्हें तलब किया है और पूछताछ से बचने के सभी प्रयास विफल रहे हैं।
–आईएएनएस
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