कोलकाता, 23 मई (आईएएनएस)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मंगलवार को पश्चिम बंगाल की अपनी समकक्ष ममता बनर्जी से मुलाकात करेंगे और राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक सेवाओं का नियंत्रण आप को सौंपने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को खारिज करने के केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ उनका समर्थन मांगेंगे।
दोनों मुख्यमंत्रियों की मंगलवार दोपहर नबन्ना के राज्य सचिवालय में मुलाकात होने वाली है। आम आदमी पार्टी (आप) की राज्य इकाई के सूत्रों के अनुसार, राज्यसभा में केंद्र के अध्यादेश को रोकने के लिए केजरीवाल तृणमूल कांग्रेस का समर्थन मांग सकते हैं।
मुलाकात के बाद दोनों नेता संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले हैं। आप सूत्रों ने कहा कि केजरीवाल पहले ही विपक्षी दलों के नेताओं और गिैर-बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से संपर्क कर समर्थन मांग चुके हैं और ममता बनर्जी के साथ मंगलवार की बैठक उसी कवायद का हिस्सा है।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पार्टी के लोकसभा सदस्य दिलीप घोष ने हालांकि इस बैठक का मजाक उड़ाया है। उन्होंने इसे 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक विश्वसनीय चेहरा पेश करने के लिए विपक्षी दलों द्वारा एक निर्थक कवायद बताया।
घोष ने कहा, 2019 में, ममता बनर्जी ने खुद चेहरा बनने की कोशिश की और इसलिए उन्होंने कोलकाता में विपक्षी पार्टी के नेताओं की एक सभा आयोजित की। लेकिन उसके बाद उनकी पार्टी 2019 में पश्चिम बंगाल में कई निर्वाचन क्षेत्रों में हार गई। इस बार वह खुद को पेश करने से डर रही हैं। इसलिए अन्य विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बैठकें कर रही हैं।
हाल ही में, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके डिप्टी तेजस्वी यादव ने कोलकाता का दौरा किया और ममता बनर्जी के साथ बैठक की।
बैठक के बाद, बनर्जी और कुमार दोनों ने इस बात पर जोर दिया कि सभी भाजपा विरोधी ताकतों को खुले दिमाग से काम करना चाहिए और 2024 के लोकसभा चुनावों में एक महा-विपक्षी गठबंधन स्थापित करने के लिए अपना अहंकार छोड़ना चाहिए।
इससे पहले समाजवादी पार्टी के नेता और उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता अखिलेश यादव ने भी दक्षिण कोलकाता में मुख्यमंत्री से मुलाकात की।
बनर्जी और यादव दोनों ने 2024 में भाजपा का मुकाबला करने के लिए क्षेत्रीय दलों की एकता को मजबूत करने पर जोर दिया।
–आईएएनएस
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