नई दिल्ली, 21 दिसम्बर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश को वैश्विक डेटा सेंटर केंद्र बनाने के आह्वान के बाद भारत में डेटा सेंटर उद्योग में तेजी आने के साथ ही एशिया के प्रमुख डेटा सेंटर प्रदाता प्रिंसटन डिजिटल ग्रुप (पीडीजी) ने कहा है कि वह देश में अपना विस्तार कर रहा है ताकि अधिक भारतीय कंपनियां सुरक्षित वातावरण में स्थानीय स्तर पर डेटा स्टोर कर सकें।
सिंगापुर मुख्यालय वाले प्रिंसटन डिजिटल ग्रुप ने नवी मुंबई में एमयू1 नाम से अपना प्रमुख डेटा सेंटर खोला है जो 48 मेगावाट की महत्वपूर्ण आईटी क्षमता प्रदान करेगा। प्रिंसटन डिजिटल ग्रुप (पीडीजी) के महाप्रबंधक, भारत, विपिन शिरसाट ने आईएएनएस को बताया कि कंपनी यहां नियामकीय, सांस्कृतिक और ढांचागत चुनौतियों को हल करने के लिए है।
शिरसाट ने जोर देकर कहा, नवी मुंबई के बाद हम आने वाले वर्षों में देश भर में अपने डेटा केंद्रों का विस्तार करेंगे, ताकि अधिक से अधिक भारतीय उद्यमों को विशेष रूप से कोर बैंकिंग, डिजिटल भुगतान और सामग्री के क्षेत्र में सेवा प्रदान की जा सके। 300 मिलियन डॉलर के परियोजना निवेश के साथ, एमयू1 ऐरोली, नवी मुंबई में एक बड़े आईटी परिसर के भीतर छह एकड़ में बनाया गया है।
कैंपस हाइपरस्केलर्स- बड़े क्लाउड, कंटेंट, कॉमर्स और फिनटेक कंपनियों को सुरक्षित और स्केलेबल डेटा सेंटर क्षमता प्रदान करेगा। शिरसाट के अनुसार, जिन्होंने पहले टाटा समूह, भारती एयरटेल और अमेरिकन एक्सप्रेस के लिए काम किया था, भारत डेटा सेंटर क्रांति के मुहाने पर है। उन्होंने समझाया- देश में डिजिटल परिवर्तन ने भौतिक डेटा केंद्रों के विकास को गति दी है, संगठन जहां वह काम करते हैं, उसके करीब डेटा चाहते हैं। विभिन्न प्रकार के उद्योगों में डेटा उत्पादन और उपयोग में महत्वपूर्ण वृद्धि के कारण देश में डेटा सर्वर और डेटा केंद्रों की मांग में वृद्धि हुई है।
एक अरब से अधिक मोबाइल फोन और 700 मिलियन से अधिक इंटरनेट ग्राहकों के साथ, भारत ने डिजिटल वाणिज्य, डिजिटल मनोरंजन और सोशल मीडिया के उपयोग में तेजी देखी है। भारत में डिजिटल अर्थव्यवस्था का आकार 2017-18 में 200 अरब डॉलर से बढ़कर 2025 तक 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। डेटा सेंटर नीति 2020 के मसौदे के अनुसार, देश में डेटा सेंटर क्षेत्र के दीर्घकालिक विकास के लिए व्यवसायों के लिए अनुकूल, प्रतिस्पर्धी और टिकाऊ संचालन वातावरण बनाना महत्वपूर्ण है।
इस दिशा में कुछ प्रमुख नीतिगत क्षेत्रों में डेटा केंद्रों के लिए निर्बाध, स्वच्छ और लागत प्रभावी बिजली की उपलब्धता शामिल है। अन्य प्रमुख क्षेत्रों में डेटा केंद्रों को आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम, 1968 (ईएसएमए) के तहत एक आवश्यक सेवा के रूप में घोषित किया जाना है, डेटा केंद्रों को राष्ट्रीय भवन संहिता के तहत एक अलग श्रेणी के रूप में मान्यता देना, डेटा केंद्र आर्थिक क्षेत्रों की स्थापना करना और स्वदेशी प्रौद्योगिकी विकास, अनुसंधान और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देना है।
2017 में स्थापित, प्रिंसटन डिजिटल ग्रुप 20 डेटा केंद्रों और 600 मेगावाट क्षमता के पोर्टफोलियो के साथ पांच देशों में उपस्थिति के साथ एशिया के हाइपरस्केल डेटा सेंटर बाजार में एक मार्केट लीडर है। शिरसाट ने कहा, अत्यधिक अनुभवी डेटा सेंटर पेशेवरों की एक मजबूत टीम के साथ, पीडीजी के पास पूरे भारत में विस्तार करने की महत्वाकांक्षी योजना है और युवा इंजीनियरिंग प्रतिभाओं को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए भी प्रतिबद्ध है।
एमयू1 अक्षय ऊर्जा द्वारा 40 प्रतिशत तक संचालित होगा और न्यूनतम पानी की खपत पर काम करेगा। एनारॉक-बिन्सवांगर की रिपोर्ट के अनुसार, बढ़ती मांग से उत्साहित, 13 मिलियन वर्ग फुट और 1,015 मेगावाट आईटी क्षमता वाले 45 से अधिक डेटा केंद्रों को भारत में 2025 तक स्थापित करने की योजना है। कुल मिलाकर, 2025 के अंत तक देश में 24 मिलियन वर्ग फुट और 1,752 मेगावाट की कुल आईटी क्षमता वाले 183 डेटा केंद्र होंगे।
–आईएएनएस
केसी/एएनएम