बेंगलुरु, 25 मई (आईएएनएस)। कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस राज्य में पुलिस सब-इंस्पेक्टर (पीएसआई) भर्ती घोटाले की फिर से जांच करेगी। इस सिलसिले में एडीजीपी रैंक के एक अधिकारी समेत 30 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। बुधवार को पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने घोटाले का उल्लेख किया और विभाग को फटकार लगाई।
कैबिनेट मंत्री एम.बी. पाटिल ने कहा कि कांग्रेस सरकार पिछली भाजपा सरकार के दौरान हुए सभी घोटालों की जांच करवाएगी।
घोटाले में कई प्रमुख भाजपा नेताओं की संलिप्तता का आरोप लगाते हुए, कांग्रेस नेताओं ने पूर्व गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र के इस्तीफे की मांग की। उन्होंने पूर्व मंत्री डॉ. सी.एन. अश्वथ नारायण और अप्रत्यक्ष रूप से पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा के बेटे बीजेपी विधायक बी.वाई. विजयेंद्र पर भी आरोप लगाया।
मामले में गिरफ्तार एडीजीपी अमृत पॉल अभी भी जेल में है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि जांच इस स्तर पर अटकी हुई है और अधिकारियों ने जांच को आगे बढ़ाने की जहमत नहीं उठाई, क्योंकि इसमें शक्तिशाली भाजपा नेताओं की संलिप्तता है।
जांच एजेंसी घोटाले के संबंध में पहले ही अदालत में दो चार्जशीट पेश कर चुकी है और अभी भी मामले की जांच कर रही है। कांग्रेस नेतृत्व ने जांच में तेजी लाने और भाजपा नेतृत्व की कथित मिलीभगत का पदार्फाश करने का फैसला किया है। सूत्रों ने कहा कि अगर भाजपा नेतृत्व की संलिप्तता पाई जाती है, तो इससे कांग्रेस पार्टी को आगामी लोकसभा और बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) चुनावों में मदद मिलेगी।
परीक्षा में 54,041 उम्मीदवार शामिल हुए थे। परिणाम जनवरी में घोषित किए गए थे।
–आईएएनएस
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