deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home ताज़ा समाचार

राहुल अमेरिका दौरे पर लोकतंत्र की पैरवी करेंगे, पीछे नहीं हटेंगे

by
May 25, 2023
in ताज़ा समाचार
0
राहुल अमेरिका दौरे पर लोकतंत्र की पैरवी करेंगे, पीछे नहीं हटेंगे
0
SHARES
1
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT

वाशिंगटन, 25 मई (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी आगामी अमेरिका यात्रा के दौरान अपनी सार्वजनिक बातचीत में दुनिया भर में लोकतंत्र के सामने आने वाली चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। उनके करीबी लोगों ने कहा कि वह भारत में घरेलू स्थिति के बारे में सवालों के जवाब देने में संकोच नहीं करेंगे। उनके पहले के कुछ बयानों पर अपने देश में आलोचकों से तीखी प्रतिक्रिया मिली थी।

सैम पित्रोदा, जो लंबे समय से अमेरिका में गांधी परिवार के सहयोगी रहे हैं और कांग्रेस नेता की यात्रा की योजना से निकटता से जुड़े हुए हैं, ने कहा, राहुल की यात्रा लोकतंत्र के बारे में हमारी चिंता को बढ़ाने की इच्छा से प्रेरित है।

READ ALSO

कट्टा-कारतूस लेकर घूम रहा बदमाश पकड़ाया

ट्रंप को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, अमेरिका में 5 लाख से अधिक प्रवासियों पर संकट गहराया

उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि दुनिया भर में लोकतंत्र के सामने खड़ी चुनौतियों के बारे में बात करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है – तुर्की से हंगरी, मैक्सिको से लेकर भारत और यहां तक कि अमेरिका में भी। उन्होंने कहा, हम विविधता और समावेश के लिए हैं और हम इसके बारे में बात करेंगे।

यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी भारत की स्थिति के बारे में बात करेंगे, पित्रोदा ने कहा, हां, अगर उनसे इसके बारे में पूछा जाए।

पिछले उदाहरणों में, राहुल द्वारा विदेश में बयान दिए जाने के बाद हुए विवादों के बारे में पूछे जाने पर पित्रोदा ने कहा, हमारा उन पर कोई नियंत्रण नहीं है। वे तब भी कहते हैं, जब हम कुछ नहीं कहते।

ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ बातचीत में राहुल की टिप्पणी ने हाल ही में भारत में कथित तौर पर विदेशी हस्तक्षेप की मांग को लेकर भारत में प्रतिद्वंद्वी दलों ने कड़ी आलोचना की थी। कांग्रेस नेता और पार्टी, दोनों ने हालांकि कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा था।

उम्मीद है कि राहुल गांधी स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय और डायस्पोरा सदस्यों से बातचीत के लिए पहले पश्चिमी तट की यात्रा करेंगे और फिर संस्थानों के साथ अधिक बातचीत के लिए वाशिंगटन डीसी के माध्यम से पूर्वी तट पर स्थित न्यूयॉर्क जाएंगे।

पित्रोदा ने कहा कि अमेरिका में प्रवासी भारतीयों की संख्या और उनकी वित्तीय व राजनीतिक ताकत तेजी से बढ़ रही है। इन्हें कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) जैसे राजनीतिक दलों द्वारा लुभाया गया है।

राहुल गांधी इस यात्रा के जरिए परिवार के इतिहास के एक और हिस्से में अपना नाम जोड़ने के लिए तैयार हैं। वह वाशिंगटन डीसी के प्रतिष्ठित नेशनल प्रेस क्लब में पत्रकारों के साथ लंच पर बातचीत में भाग लेंगे। पहली बार 1956 में उनके पिता के नाना जवाहरलाल नेहरू, 1966 में दादी इंदिरा गांधी और 1985 में उनके पिता राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री के रूप में नेशनल प्रेस क्लब को संबोधित किया था।

भारत जोड़ो यात्रा में व्यापक जनसमर्थन मिलने के बाद कर्नाटक चुनावों में पार्टी के शानदार प्रदर्शन के बाद कांग्रेस नेता अमेरिका पहुंचेंगे। उनकी यात्रा की योजना हालांकि काफी पहले बनाई गई थी। पित्रोदा ने कहा, राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा को पार्टी और कांग्रेस नेता के भाग्य में बदलाव वाली यात्रा के रूप में डिजाइन किया गया है।

उन्होंने कहा, इस यात्रा का उद्देश्य लोकसभा से राहुल गांधी की अयोग्यता के मुद्दे या कर्नाटक चुनाव में सफलता से कांग्रेस की किस्मत में अचानक आए बदलाव को भुनाना नहीं है।

पित्रोदा ने कहा, इस तरह की यात्राओं की योजना महज 20 दिनों में नहीं बनाई जा सकती। राहुल की यात्रा का दूसरा उद्देश्य यहां के प्रवासियों से जुड़ना है। यहां 50 लाख भारतीय अमेरिकी हैं, जो जीवन के सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम कर रहे हैं और हम उन्हें पहचानना चाहते हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

वाशिंगटन, 25 मई (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी आगामी अमेरिका यात्रा के दौरान अपनी सार्वजनिक बातचीत में दुनिया भर में लोकतंत्र के सामने आने वाली चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। उनके करीबी लोगों ने कहा कि वह भारत में घरेलू स्थिति के बारे में सवालों के जवाब देने में संकोच नहीं करेंगे। उनके पहले के कुछ बयानों पर अपने देश में आलोचकों से तीखी प्रतिक्रिया मिली थी।

सैम पित्रोदा, जो लंबे समय से अमेरिका में गांधी परिवार के सहयोगी रहे हैं और कांग्रेस नेता की यात्रा की योजना से निकटता से जुड़े हुए हैं, ने कहा, राहुल की यात्रा लोकतंत्र के बारे में हमारी चिंता को बढ़ाने की इच्छा से प्रेरित है।

उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि दुनिया भर में लोकतंत्र के सामने खड़ी चुनौतियों के बारे में बात करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है – तुर्की से हंगरी, मैक्सिको से लेकर भारत और यहां तक कि अमेरिका में भी। उन्होंने कहा, हम विविधता और समावेश के लिए हैं और हम इसके बारे में बात करेंगे।

यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी भारत की स्थिति के बारे में बात करेंगे, पित्रोदा ने कहा, हां, अगर उनसे इसके बारे में पूछा जाए।

पिछले उदाहरणों में, राहुल द्वारा विदेश में बयान दिए जाने के बाद हुए विवादों के बारे में पूछे जाने पर पित्रोदा ने कहा, हमारा उन पर कोई नियंत्रण नहीं है। वे तब भी कहते हैं, जब हम कुछ नहीं कहते।

ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ बातचीत में राहुल की टिप्पणी ने हाल ही में भारत में कथित तौर पर विदेशी हस्तक्षेप की मांग को लेकर भारत में प्रतिद्वंद्वी दलों ने कड़ी आलोचना की थी। कांग्रेस नेता और पार्टी, दोनों ने हालांकि कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा था।

उम्मीद है कि राहुल गांधी स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय और डायस्पोरा सदस्यों से बातचीत के लिए पहले पश्चिमी तट की यात्रा करेंगे और फिर संस्थानों के साथ अधिक बातचीत के लिए वाशिंगटन डीसी के माध्यम से पूर्वी तट पर स्थित न्यूयॉर्क जाएंगे।

पित्रोदा ने कहा कि अमेरिका में प्रवासी भारतीयों की संख्या और उनकी वित्तीय व राजनीतिक ताकत तेजी से बढ़ रही है। इन्हें कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) जैसे राजनीतिक दलों द्वारा लुभाया गया है।

राहुल गांधी इस यात्रा के जरिए परिवार के इतिहास के एक और हिस्से में अपना नाम जोड़ने के लिए तैयार हैं। वह वाशिंगटन डीसी के प्रतिष्ठित नेशनल प्रेस क्लब में पत्रकारों के साथ लंच पर बातचीत में भाग लेंगे। पहली बार 1956 में उनके पिता के नाना जवाहरलाल नेहरू, 1966 में दादी इंदिरा गांधी और 1985 में उनके पिता राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री के रूप में नेशनल प्रेस क्लब को संबोधित किया था।

भारत जोड़ो यात्रा में व्यापक जनसमर्थन मिलने के बाद कर्नाटक चुनावों में पार्टी के शानदार प्रदर्शन के बाद कांग्रेस नेता अमेरिका पहुंचेंगे। उनकी यात्रा की योजना हालांकि काफी पहले बनाई गई थी। पित्रोदा ने कहा, राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा को पार्टी और कांग्रेस नेता के भाग्य में बदलाव वाली यात्रा के रूप में डिजाइन किया गया है।

उन्होंने कहा, इस यात्रा का उद्देश्य लोकसभा से राहुल गांधी की अयोग्यता के मुद्दे या कर्नाटक चुनाव में सफलता से कांग्रेस की किस्मत में अचानक आए बदलाव को भुनाना नहीं है।

पित्रोदा ने कहा, इस तरह की यात्राओं की योजना महज 20 दिनों में नहीं बनाई जा सकती। राहुल की यात्रा का दूसरा उद्देश्य यहां के प्रवासियों से जुड़ना है। यहां 50 लाख भारतीय अमेरिकी हैं, जो जीवन के सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम कर रहे हैं और हम उन्हें पहचानना चाहते हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

वाशिंगटन, 25 मई (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी आगामी अमेरिका यात्रा के दौरान अपनी सार्वजनिक बातचीत में दुनिया भर में लोकतंत्र के सामने आने वाली चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। उनके करीबी लोगों ने कहा कि वह भारत में घरेलू स्थिति के बारे में सवालों के जवाब देने में संकोच नहीं करेंगे। उनके पहले के कुछ बयानों पर अपने देश में आलोचकों से तीखी प्रतिक्रिया मिली थी।

सैम पित्रोदा, जो लंबे समय से अमेरिका में गांधी परिवार के सहयोगी रहे हैं और कांग्रेस नेता की यात्रा की योजना से निकटता से जुड़े हुए हैं, ने कहा, राहुल की यात्रा लोकतंत्र के बारे में हमारी चिंता को बढ़ाने की इच्छा से प्रेरित है।

उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि दुनिया भर में लोकतंत्र के सामने खड़ी चुनौतियों के बारे में बात करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है – तुर्की से हंगरी, मैक्सिको से लेकर भारत और यहां तक कि अमेरिका में भी। उन्होंने कहा, हम विविधता और समावेश के लिए हैं और हम इसके बारे में बात करेंगे।

यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी भारत की स्थिति के बारे में बात करेंगे, पित्रोदा ने कहा, हां, अगर उनसे इसके बारे में पूछा जाए।

पिछले उदाहरणों में, राहुल द्वारा विदेश में बयान दिए जाने के बाद हुए विवादों के बारे में पूछे जाने पर पित्रोदा ने कहा, हमारा उन पर कोई नियंत्रण नहीं है। वे तब भी कहते हैं, जब हम कुछ नहीं कहते।

ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ बातचीत में राहुल की टिप्पणी ने हाल ही में भारत में कथित तौर पर विदेशी हस्तक्षेप की मांग को लेकर भारत में प्रतिद्वंद्वी दलों ने कड़ी आलोचना की थी। कांग्रेस नेता और पार्टी, दोनों ने हालांकि कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा था।

उम्मीद है कि राहुल गांधी स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय और डायस्पोरा सदस्यों से बातचीत के लिए पहले पश्चिमी तट की यात्रा करेंगे और फिर संस्थानों के साथ अधिक बातचीत के लिए वाशिंगटन डीसी के माध्यम से पूर्वी तट पर स्थित न्यूयॉर्क जाएंगे।

पित्रोदा ने कहा कि अमेरिका में प्रवासी भारतीयों की संख्या और उनकी वित्तीय व राजनीतिक ताकत तेजी से बढ़ रही है। इन्हें कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) जैसे राजनीतिक दलों द्वारा लुभाया गया है।

राहुल गांधी इस यात्रा के जरिए परिवार के इतिहास के एक और हिस्से में अपना नाम जोड़ने के लिए तैयार हैं। वह वाशिंगटन डीसी के प्रतिष्ठित नेशनल प्रेस क्लब में पत्रकारों के साथ लंच पर बातचीत में भाग लेंगे। पहली बार 1956 में उनके पिता के नाना जवाहरलाल नेहरू, 1966 में दादी इंदिरा गांधी और 1985 में उनके पिता राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री के रूप में नेशनल प्रेस क्लब को संबोधित किया था।

भारत जोड़ो यात्रा में व्यापक जनसमर्थन मिलने के बाद कर्नाटक चुनावों में पार्टी के शानदार प्रदर्शन के बाद कांग्रेस नेता अमेरिका पहुंचेंगे। उनकी यात्रा की योजना हालांकि काफी पहले बनाई गई थी। पित्रोदा ने कहा, राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा को पार्टी और कांग्रेस नेता के भाग्य में बदलाव वाली यात्रा के रूप में डिजाइन किया गया है।

उन्होंने कहा, इस यात्रा का उद्देश्य लोकसभा से राहुल गांधी की अयोग्यता के मुद्दे या कर्नाटक चुनाव में सफलता से कांग्रेस की किस्मत में अचानक आए बदलाव को भुनाना नहीं है।

पित्रोदा ने कहा, इस तरह की यात्राओं की योजना महज 20 दिनों में नहीं बनाई जा सकती। राहुल की यात्रा का दूसरा उद्देश्य यहां के प्रवासियों से जुड़ना है। यहां 50 लाख भारतीय अमेरिकी हैं, जो जीवन के सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम कर रहे हैं और हम उन्हें पहचानना चाहते हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

वाशिंगटन, 25 मई (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी आगामी अमेरिका यात्रा के दौरान अपनी सार्वजनिक बातचीत में दुनिया भर में लोकतंत्र के सामने आने वाली चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। उनके करीबी लोगों ने कहा कि वह भारत में घरेलू स्थिति के बारे में सवालों के जवाब देने में संकोच नहीं करेंगे। उनके पहले के कुछ बयानों पर अपने देश में आलोचकों से तीखी प्रतिक्रिया मिली थी।

सैम पित्रोदा, जो लंबे समय से अमेरिका में गांधी परिवार के सहयोगी रहे हैं और कांग्रेस नेता की यात्रा की योजना से निकटता से जुड़े हुए हैं, ने कहा, राहुल की यात्रा लोकतंत्र के बारे में हमारी चिंता को बढ़ाने की इच्छा से प्रेरित है।

उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि दुनिया भर में लोकतंत्र के सामने खड़ी चुनौतियों के बारे में बात करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है – तुर्की से हंगरी, मैक्सिको से लेकर भारत और यहां तक कि अमेरिका में भी। उन्होंने कहा, हम विविधता और समावेश के लिए हैं और हम इसके बारे में बात करेंगे।

यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी भारत की स्थिति के बारे में बात करेंगे, पित्रोदा ने कहा, हां, अगर उनसे इसके बारे में पूछा जाए।

पिछले उदाहरणों में, राहुल द्वारा विदेश में बयान दिए जाने के बाद हुए विवादों के बारे में पूछे जाने पर पित्रोदा ने कहा, हमारा उन पर कोई नियंत्रण नहीं है। वे तब भी कहते हैं, जब हम कुछ नहीं कहते।

ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ बातचीत में राहुल की टिप्पणी ने हाल ही में भारत में कथित तौर पर विदेशी हस्तक्षेप की मांग को लेकर भारत में प्रतिद्वंद्वी दलों ने कड़ी आलोचना की थी। कांग्रेस नेता और पार्टी, दोनों ने हालांकि कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा था।

उम्मीद है कि राहुल गांधी स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय और डायस्पोरा सदस्यों से बातचीत के लिए पहले पश्चिमी तट की यात्रा करेंगे और फिर संस्थानों के साथ अधिक बातचीत के लिए वाशिंगटन डीसी के माध्यम से पूर्वी तट पर स्थित न्यूयॉर्क जाएंगे।

पित्रोदा ने कहा कि अमेरिका में प्रवासी भारतीयों की संख्या और उनकी वित्तीय व राजनीतिक ताकत तेजी से बढ़ रही है। इन्हें कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) जैसे राजनीतिक दलों द्वारा लुभाया गया है।

राहुल गांधी इस यात्रा के जरिए परिवार के इतिहास के एक और हिस्से में अपना नाम जोड़ने के लिए तैयार हैं। वह वाशिंगटन डीसी के प्रतिष्ठित नेशनल प्रेस क्लब में पत्रकारों के साथ लंच पर बातचीत में भाग लेंगे। पहली बार 1956 में उनके पिता के नाना जवाहरलाल नेहरू, 1966 में दादी इंदिरा गांधी और 1985 में उनके पिता राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री के रूप में नेशनल प्रेस क्लब को संबोधित किया था।

भारत जोड़ो यात्रा में व्यापक जनसमर्थन मिलने के बाद कर्नाटक चुनावों में पार्टी के शानदार प्रदर्शन के बाद कांग्रेस नेता अमेरिका पहुंचेंगे। उनकी यात्रा की योजना हालांकि काफी पहले बनाई गई थी। पित्रोदा ने कहा, राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा को पार्टी और कांग्रेस नेता के भाग्य में बदलाव वाली यात्रा के रूप में डिजाइन किया गया है।

उन्होंने कहा, इस यात्रा का उद्देश्य लोकसभा से राहुल गांधी की अयोग्यता के मुद्दे या कर्नाटक चुनाव में सफलता से कांग्रेस की किस्मत में अचानक आए बदलाव को भुनाना नहीं है।

पित्रोदा ने कहा, इस तरह की यात्राओं की योजना महज 20 दिनों में नहीं बनाई जा सकती। राहुल की यात्रा का दूसरा उद्देश्य यहां के प्रवासियों से जुड़ना है। यहां 50 लाख भारतीय अमेरिकी हैं, जो जीवन के सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम कर रहे हैं और हम उन्हें पहचानना चाहते हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

वाशिंगटन, 25 मई (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी आगामी अमेरिका यात्रा के दौरान अपनी सार्वजनिक बातचीत में दुनिया भर में लोकतंत्र के सामने आने वाली चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। उनके करीबी लोगों ने कहा कि वह भारत में घरेलू स्थिति के बारे में सवालों के जवाब देने में संकोच नहीं करेंगे। उनके पहले के कुछ बयानों पर अपने देश में आलोचकों से तीखी प्रतिक्रिया मिली थी।

सैम पित्रोदा, जो लंबे समय से अमेरिका में गांधी परिवार के सहयोगी रहे हैं और कांग्रेस नेता की यात्रा की योजना से निकटता से जुड़े हुए हैं, ने कहा, राहुल की यात्रा लोकतंत्र के बारे में हमारी चिंता को बढ़ाने की इच्छा से प्रेरित है।

उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि दुनिया भर में लोकतंत्र के सामने खड़ी चुनौतियों के बारे में बात करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है – तुर्की से हंगरी, मैक्सिको से लेकर भारत और यहां तक कि अमेरिका में भी। उन्होंने कहा, हम विविधता और समावेश के लिए हैं और हम इसके बारे में बात करेंगे।

यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी भारत की स्थिति के बारे में बात करेंगे, पित्रोदा ने कहा, हां, अगर उनसे इसके बारे में पूछा जाए।

पिछले उदाहरणों में, राहुल द्वारा विदेश में बयान दिए जाने के बाद हुए विवादों के बारे में पूछे जाने पर पित्रोदा ने कहा, हमारा उन पर कोई नियंत्रण नहीं है। वे तब भी कहते हैं, जब हम कुछ नहीं कहते।

ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ बातचीत में राहुल की टिप्पणी ने हाल ही में भारत में कथित तौर पर विदेशी हस्तक्षेप की मांग को लेकर भारत में प्रतिद्वंद्वी दलों ने कड़ी आलोचना की थी। कांग्रेस नेता और पार्टी, दोनों ने हालांकि कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा था।

उम्मीद है कि राहुल गांधी स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय और डायस्पोरा सदस्यों से बातचीत के लिए पहले पश्चिमी तट की यात्रा करेंगे और फिर संस्थानों के साथ अधिक बातचीत के लिए वाशिंगटन डीसी के माध्यम से पूर्वी तट पर स्थित न्यूयॉर्क जाएंगे।

पित्रोदा ने कहा कि अमेरिका में प्रवासी भारतीयों की संख्या और उनकी वित्तीय व राजनीतिक ताकत तेजी से बढ़ रही है। इन्हें कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) जैसे राजनीतिक दलों द्वारा लुभाया गया है।

राहुल गांधी इस यात्रा के जरिए परिवार के इतिहास के एक और हिस्से में अपना नाम जोड़ने के लिए तैयार हैं। वह वाशिंगटन डीसी के प्रतिष्ठित नेशनल प्रेस क्लब में पत्रकारों के साथ लंच पर बातचीत में भाग लेंगे। पहली बार 1956 में उनके पिता के नाना जवाहरलाल नेहरू, 1966 में दादी इंदिरा गांधी और 1985 में उनके पिता राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री के रूप में नेशनल प्रेस क्लब को संबोधित किया था।

भारत जोड़ो यात्रा में व्यापक जनसमर्थन मिलने के बाद कर्नाटक चुनावों में पार्टी के शानदार प्रदर्शन के बाद कांग्रेस नेता अमेरिका पहुंचेंगे। उनकी यात्रा की योजना हालांकि काफी पहले बनाई गई थी। पित्रोदा ने कहा, राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा को पार्टी और कांग्रेस नेता के भाग्य में बदलाव वाली यात्रा के रूप में डिजाइन किया गया है।

उन्होंने कहा, इस यात्रा का उद्देश्य लोकसभा से राहुल गांधी की अयोग्यता के मुद्दे या कर्नाटक चुनाव में सफलता से कांग्रेस की किस्मत में अचानक आए बदलाव को भुनाना नहीं है।

पित्रोदा ने कहा, इस तरह की यात्राओं की योजना महज 20 दिनों में नहीं बनाई जा सकती। राहुल की यात्रा का दूसरा उद्देश्य यहां के प्रवासियों से जुड़ना है। यहां 50 लाख भारतीय अमेरिकी हैं, जो जीवन के सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम कर रहे हैं और हम उन्हें पहचानना चाहते हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

वाशिंगटन, 25 मई (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी आगामी अमेरिका यात्रा के दौरान अपनी सार्वजनिक बातचीत में दुनिया भर में लोकतंत्र के सामने आने वाली चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। उनके करीबी लोगों ने कहा कि वह भारत में घरेलू स्थिति के बारे में सवालों के जवाब देने में संकोच नहीं करेंगे। उनके पहले के कुछ बयानों पर अपने देश में आलोचकों से तीखी प्रतिक्रिया मिली थी।

सैम पित्रोदा, जो लंबे समय से अमेरिका में गांधी परिवार के सहयोगी रहे हैं और कांग्रेस नेता की यात्रा की योजना से निकटता से जुड़े हुए हैं, ने कहा, राहुल की यात्रा लोकतंत्र के बारे में हमारी चिंता को बढ़ाने की इच्छा से प्रेरित है।

उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि दुनिया भर में लोकतंत्र के सामने खड़ी चुनौतियों के बारे में बात करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है – तुर्की से हंगरी, मैक्सिको से लेकर भारत और यहां तक कि अमेरिका में भी। उन्होंने कहा, हम विविधता और समावेश के लिए हैं और हम इसके बारे में बात करेंगे।

यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी भारत की स्थिति के बारे में बात करेंगे, पित्रोदा ने कहा, हां, अगर उनसे इसके बारे में पूछा जाए।

पिछले उदाहरणों में, राहुल द्वारा विदेश में बयान दिए जाने के बाद हुए विवादों के बारे में पूछे जाने पर पित्रोदा ने कहा, हमारा उन पर कोई नियंत्रण नहीं है। वे तब भी कहते हैं, जब हम कुछ नहीं कहते।

ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ बातचीत में राहुल की टिप्पणी ने हाल ही में भारत में कथित तौर पर विदेशी हस्तक्षेप की मांग को लेकर भारत में प्रतिद्वंद्वी दलों ने कड़ी आलोचना की थी। कांग्रेस नेता और पार्टी, दोनों ने हालांकि कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा था।

उम्मीद है कि राहुल गांधी स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय और डायस्पोरा सदस्यों से बातचीत के लिए पहले पश्चिमी तट की यात्रा करेंगे और फिर संस्थानों के साथ अधिक बातचीत के लिए वाशिंगटन डीसी के माध्यम से पूर्वी तट पर स्थित न्यूयॉर्क जाएंगे।

पित्रोदा ने कहा कि अमेरिका में प्रवासी भारतीयों की संख्या और उनकी वित्तीय व राजनीतिक ताकत तेजी से बढ़ रही है। इन्हें कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) जैसे राजनीतिक दलों द्वारा लुभाया गया है।

राहुल गांधी इस यात्रा के जरिए परिवार के इतिहास के एक और हिस्से में अपना नाम जोड़ने के लिए तैयार हैं। वह वाशिंगटन डीसी के प्रतिष्ठित नेशनल प्रेस क्लब में पत्रकारों के साथ लंच पर बातचीत में भाग लेंगे। पहली बार 1956 में उनके पिता के नाना जवाहरलाल नेहरू, 1966 में दादी इंदिरा गांधी और 1985 में उनके पिता राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री के रूप में नेशनल प्रेस क्लब को संबोधित किया था।

भारत जोड़ो यात्रा में व्यापक जनसमर्थन मिलने के बाद कर्नाटक चुनावों में पार्टी के शानदार प्रदर्शन के बाद कांग्रेस नेता अमेरिका पहुंचेंगे। उनकी यात्रा की योजना हालांकि काफी पहले बनाई गई थी। पित्रोदा ने कहा, राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा को पार्टी और कांग्रेस नेता के भाग्य में बदलाव वाली यात्रा के रूप में डिजाइन किया गया है।

उन्होंने कहा, इस यात्रा का उद्देश्य लोकसभा से राहुल गांधी की अयोग्यता के मुद्दे या कर्नाटक चुनाव में सफलता से कांग्रेस की किस्मत में अचानक आए बदलाव को भुनाना नहीं है।

पित्रोदा ने कहा, इस तरह की यात्राओं की योजना महज 20 दिनों में नहीं बनाई जा सकती। राहुल की यात्रा का दूसरा उद्देश्य यहां के प्रवासियों से जुड़ना है। यहां 50 लाख भारतीय अमेरिकी हैं, जो जीवन के सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम कर रहे हैं और हम उन्हें पहचानना चाहते हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

वाशिंगटन, 25 मई (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी आगामी अमेरिका यात्रा के दौरान अपनी सार्वजनिक बातचीत में दुनिया भर में लोकतंत्र के सामने आने वाली चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। उनके करीबी लोगों ने कहा कि वह भारत में घरेलू स्थिति के बारे में सवालों के जवाब देने में संकोच नहीं करेंगे। उनके पहले के कुछ बयानों पर अपने देश में आलोचकों से तीखी प्रतिक्रिया मिली थी।

सैम पित्रोदा, जो लंबे समय से अमेरिका में गांधी परिवार के सहयोगी रहे हैं और कांग्रेस नेता की यात्रा की योजना से निकटता से जुड़े हुए हैं, ने कहा, राहुल की यात्रा लोकतंत्र के बारे में हमारी चिंता को बढ़ाने की इच्छा से प्रेरित है।

उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि दुनिया भर में लोकतंत्र के सामने खड़ी चुनौतियों के बारे में बात करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है – तुर्की से हंगरी, मैक्सिको से लेकर भारत और यहां तक कि अमेरिका में भी। उन्होंने कहा, हम विविधता और समावेश के लिए हैं और हम इसके बारे में बात करेंगे।

यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी भारत की स्थिति के बारे में बात करेंगे, पित्रोदा ने कहा, हां, अगर उनसे इसके बारे में पूछा जाए।

पिछले उदाहरणों में, राहुल द्वारा विदेश में बयान दिए जाने के बाद हुए विवादों के बारे में पूछे जाने पर पित्रोदा ने कहा, हमारा उन पर कोई नियंत्रण नहीं है। वे तब भी कहते हैं, जब हम कुछ नहीं कहते।

ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ बातचीत में राहुल की टिप्पणी ने हाल ही में भारत में कथित तौर पर विदेशी हस्तक्षेप की मांग को लेकर भारत में प्रतिद्वंद्वी दलों ने कड़ी आलोचना की थी। कांग्रेस नेता और पार्टी, दोनों ने हालांकि कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा था।

उम्मीद है कि राहुल गांधी स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय और डायस्पोरा सदस्यों से बातचीत के लिए पहले पश्चिमी तट की यात्रा करेंगे और फिर संस्थानों के साथ अधिक बातचीत के लिए वाशिंगटन डीसी के माध्यम से पूर्वी तट पर स्थित न्यूयॉर्क जाएंगे।

पित्रोदा ने कहा कि अमेरिका में प्रवासी भारतीयों की संख्या और उनकी वित्तीय व राजनीतिक ताकत तेजी से बढ़ रही है। इन्हें कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) जैसे राजनीतिक दलों द्वारा लुभाया गया है।

राहुल गांधी इस यात्रा के जरिए परिवार के इतिहास के एक और हिस्से में अपना नाम जोड़ने के लिए तैयार हैं। वह वाशिंगटन डीसी के प्रतिष्ठित नेशनल प्रेस क्लब में पत्रकारों के साथ लंच पर बातचीत में भाग लेंगे। पहली बार 1956 में उनके पिता के नाना जवाहरलाल नेहरू, 1966 में दादी इंदिरा गांधी और 1985 में उनके पिता राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री के रूप में नेशनल प्रेस क्लब को संबोधित किया था।

भारत जोड़ो यात्रा में व्यापक जनसमर्थन मिलने के बाद कर्नाटक चुनावों में पार्टी के शानदार प्रदर्शन के बाद कांग्रेस नेता अमेरिका पहुंचेंगे। उनकी यात्रा की योजना हालांकि काफी पहले बनाई गई थी। पित्रोदा ने कहा, राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा को पार्टी और कांग्रेस नेता के भाग्य में बदलाव वाली यात्रा के रूप में डिजाइन किया गया है।

उन्होंने कहा, इस यात्रा का उद्देश्य लोकसभा से राहुल गांधी की अयोग्यता के मुद्दे या कर्नाटक चुनाव में सफलता से कांग्रेस की किस्मत में अचानक आए बदलाव को भुनाना नहीं है।

पित्रोदा ने कहा, इस तरह की यात्राओं की योजना महज 20 दिनों में नहीं बनाई जा सकती। राहुल की यात्रा का दूसरा उद्देश्य यहां के प्रवासियों से जुड़ना है। यहां 50 लाख भारतीय अमेरिकी हैं, जो जीवन के सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम कर रहे हैं और हम उन्हें पहचानना चाहते हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

वाशिंगटन, 25 मई (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी आगामी अमेरिका यात्रा के दौरान अपनी सार्वजनिक बातचीत में दुनिया भर में लोकतंत्र के सामने आने वाली चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। उनके करीबी लोगों ने कहा कि वह भारत में घरेलू स्थिति के बारे में सवालों के जवाब देने में संकोच नहीं करेंगे। उनके पहले के कुछ बयानों पर अपने देश में आलोचकों से तीखी प्रतिक्रिया मिली थी।

सैम पित्रोदा, जो लंबे समय से अमेरिका में गांधी परिवार के सहयोगी रहे हैं और कांग्रेस नेता की यात्रा की योजना से निकटता से जुड़े हुए हैं, ने कहा, राहुल की यात्रा लोकतंत्र के बारे में हमारी चिंता को बढ़ाने की इच्छा से प्रेरित है।

उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि दुनिया भर में लोकतंत्र के सामने खड़ी चुनौतियों के बारे में बात करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है – तुर्की से हंगरी, मैक्सिको से लेकर भारत और यहां तक कि अमेरिका में भी। उन्होंने कहा, हम विविधता और समावेश के लिए हैं और हम इसके बारे में बात करेंगे।

यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी भारत की स्थिति के बारे में बात करेंगे, पित्रोदा ने कहा, हां, अगर उनसे इसके बारे में पूछा जाए।

पिछले उदाहरणों में, राहुल द्वारा विदेश में बयान दिए जाने के बाद हुए विवादों के बारे में पूछे जाने पर पित्रोदा ने कहा, हमारा उन पर कोई नियंत्रण नहीं है। वे तब भी कहते हैं, जब हम कुछ नहीं कहते।

ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ बातचीत में राहुल की टिप्पणी ने हाल ही में भारत में कथित तौर पर विदेशी हस्तक्षेप की मांग को लेकर भारत में प्रतिद्वंद्वी दलों ने कड़ी आलोचना की थी। कांग्रेस नेता और पार्टी, दोनों ने हालांकि कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा था।

उम्मीद है कि राहुल गांधी स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय और डायस्पोरा सदस्यों से बातचीत के लिए पहले पश्चिमी तट की यात्रा करेंगे और फिर संस्थानों के साथ अधिक बातचीत के लिए वाशिंगटन डीसी के माध्यम से पूर्वी तट पर स्थित न्यूयॉर्क जाएंगे।

पित्रोदा ने कहा कि अमेरिका में प्रवासी भारतीयों की संख्या और उनकी वित्तीय व राजनीतिक ताकत तेजी से बढ़ रही है। इन्हें कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) जैसे राजनीतिक दलों द्वारा लुभाया गया है।

राहुल गांधी इस यात्रा के जरिए परिवार के इतिहास के एक और हिस्से में अपना नाम जोड़ने के लिए तैयार हैं। वह वाशिंगटन डीसी के प्रतिष्ठित नेशनल प्रेस क्लब में पत्रकारों के साथ लंच पर बातचीत में भाग लेंगे। पहली बार 1956 में उनके पिता के नाना जवाहरलाल नेहरू, 1966 में दादी इंदिरा गांधी और 1985 में उनके पिता राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री के रूप में नेशनल प्रेस क्लब को संबोधित किया था।

भारत जोड़ो यात्रा में व्यापक जनसमर्थन मिलने के बाद कर्नाटक चुनावों में पार्टी के शानदार प्रदर्शन के बाद कांग्रेस नेता अमेरिका पहुंचेंगे। उनकी यात्रा की योजना हालांकि काफी पहले बनाई गई थी। पित्रोदा ने कहा, राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा को पार्टी और कांग्रेस नेता के भाग्य में बदलाव वाली यात्रा के रूप में डिजाइन किया गया है।

उन्होंने कहा, इस यात्रा का उद्देश्य लोकसभा से राहुल गांधी की अयोग्यता के मुद्दे या कर्नाटक चुनाव में सफलता से कांग्रेस की किस्मत में अचानक आए बदलाव को भुनाना नहीं है।

पित्रोदा ने कहा, इस तरह की यात्राओं की योजना महज 20 दिनों में नहीं बनाई जा सकती। राहुल की यात्रा का दूसरा उद्देश्य यहां के प्रवासियों से जुड़ना है। यहां 50 लाख भारतीय अमेरिकी हैं, जो जीवन के सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम कर रहे हैं और हम उन्हें पहचानना चाहते हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

वाशिंगटन, 25 मई (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी आगामी अमेरिका यात्रा के दौरान अपनी सार्वजनिक बातचीत में दुनिया भर में लोकतंत्र के सामने आने वाली चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। उनके करीबी लोगों ने कहा कि वह भारत में घरेलू स्थिति के बारे में सवालों के जवाब देने में संकोच नहीं करेंगे। उनके पहले के कुछ बयानों पर अपने देश में आलोचकों से तीखी प्रतिक्रिया मिली थी।

सैम पित्रोदा, जो लंबे समय से अमेरिका में गांधी परिवार के सहयोगी रहे हैं और कांग्रेस नेता की यात्रा की योजना से निकटता से जुड़े हुए हैं, ने कहा, राहुल की यात्रा लोकतंत्र के बारे में हमारी चिंता को बढ़ाने की इच्छा से प्रेरित है।

उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि दुनिया भर में लोकतंत्र के सामने खड़ी चुनौतियों के बारे में बात करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है – तुर्की से हंगरी, मैक्सिको से लेकर भारत और यहां तक कि अमेरिका में भी। उन्होंने कहा, हम विविधता और समावेश के लिए हैं और हम इसके बारे में बात करेंगे।

यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी भारत की स्थिति के बारे में बात करेंगे, पित्रोदा ने कहा, हां, अगर उनसे इसके बारे में पूछा जाए।

पिछले उदाहरणों में, राहुल द्वारा विदेश में बयान दिए जाने के बाद हुए विवादों के बारे में पूछे जाने पर पित्रोदा ने कहा, हमारा उन पर कोई नियंत्रण नहीं है। वे तब भी कहते हैं, जब हम कुछ नहीं कहते।

ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ बातचीत में राहुल की टिप्पणी ने हाल ही में भारत में कथित तौर पर विदेशी हस्तक्षेप की मांग को लेकर भारत में प्रतिद्वंद्वी दलों ने कड़ी आलोचना की थी। कांग्रेस नेता और पार्टी, दोनों ने हालांकि कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा था।

उम्मीद है कि राहुल गांधी स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय और डायस्पोरा सदस्यों से बातचीत के लिए पहले पश्चिमी तट की यात्रा करेंगे और फिर संस्थानों के साथ अधिक बातचीत के लिए वाशिंगटन डीसी के माध्यम से पूर्वी तट पर स्थित न्यूयॉर्क जाएंगे।

पित्रोदा ने कहा कि अमेरिका में प्रवासी भारतीयों की संख्या और उनकी वित्तीय व राजनीतिक ताकत तेजी से बढ़ रही है। इन्हें कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) जैसे राजनीतिक दलों द्वारा लुभाया गया है।

राहुल गांधी इस यात्रा के जरिए परिवार के इतिहास के एक और हिस्से में अपना नाम जोड़ने के लिए तैयार हैं। वह वाशिंगटन डीसी के प्रतिष्ठित नेशनल प्रेस क्लब में पत्रकारों के साथ लंच पर बातचीत में भाग लेंगे। पहली बार 1956 में उनके पिता के नाना जवाहरलाल नेहरू, 1966 में दादी इंदिरा गांधी और 1985 में उनके पिता राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री के रूप में नेशनल प्रेस क्लब को संबोधित किया था।

भारत जोड़ो यात्रा में व्यापक जनसमर्थन मिलने के बाद कर्नाटक चुनावों में पार्टी के शानदार प्रदर्शन के बाद कांग्रेस नेता अमेरिका पहुंचेंगे। उनकी यात्रा की योजना हालांकि काफी पहले बनाई गई थी। पित्रोदा ने कहा, राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा को पार्टी और कांग्रेस नेता के भाग्य में बदलाव वाली यात्रा के रूप में डिजाइन किया गया है।

उन्होंने कहा, इस यात्रा का उद्देश्य लोकसभा से राहुल गांधी की अयोग्यता के मुद्दे या कर्नाटक चुनाव में सफलता से कांग्रेस की किस्मत में अचानक आए बदलाव को भुनाना नहीं है।

पित्रोदा ने कहा, इस तरह की यात्राओं की योजना महज 20 दिनों में नहीं बनाई जा सकती। राहुल की यात्रा का दूसरा उद्देश्य यहां के प्रवासियों से जुड़ना है। यहां 50 लाख भारतीय अमेरिकी हैं, जो जीवन के सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम कर रहे हैं और हम उन्हें पहचानना चाहते हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

वाशिंगटन, 25 मई (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी आगामी अमेरिका यात्रा के दौरान अपनी सार्वजनिक बातचीत में दुनिया भर में लोकतंत्र के सामने आने वाली चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। उनके करीबी लोगों ने कहा कि वह भारत में घरेलू स्थिति के बारे में सवालों के जवाब देने में संकोच नहीं करेंगे। उनके पहले के कुछ बयानों पर अपने देश में आलोचकों से तीखी प्रतिक्रिया मिली थी।

सैम पित्रोदा, जो लंबे समय से अमेरिका में गांधी परिवार के सहयोगी रहे हैं और कांग्रेस नेता की यात्रा की योजना से निकटता से जुड़े हुए हैं, ने कहा, राहुल की यात्रा लोकतंत्र के बारे में हमारी चिंता को बढ़ाने की इच्छा से प्रेरित है।

उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि दुनिया भर में लोकतंत्र के सामने खड़ी चुनौतियों के बारे में बात करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है – तुर्की से हंगरी, मैक्सिको से लेकर भारत और यहां तक कि अमेरिका में भी। उन्होंने कहा, हम विविधता और समावेश के लिए हैं और हम इसके बारे में बात करेंगे।

यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी भारत की स्थिति के बारे में बात करेंगे, पित्रोदा ने कहा, हां, अगर उनसे इसके बारे में पूछा जाए।

पिछले उदाहरणों में, राहुल द्वारा विदेश में बयान दिए जाने के बाद हुए विवादों के बारे में पूछे जाने पर पित्रोदा ने कहा, हमारा उन पर कोई नियंत्रण नहीं है। वे तब भी कहते हैं, जब हम कुछ नहीं कहते।

ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ बातचीत में राहुल की टिप्पणी ने हाल ही में भारत में कथित तौर पर विदेशी हस्तक्षेप की मांग को लेकर भारत में प्रतिद्वंद्वी दलों ने कड़ी आलोचना की थी। कांग्रेस नेता और पार्टी, दोनों ने हालांकि कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा था।

उम्मीद है कि राहुल गांधी स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय और डायस्पोरा सदस्यों से बातचीत के लिए पहले पश्चिमी तट की यात्रा करेंगे और फिर संस्थानों के साथ अधिक बातचीत के लिए वाशिंगटन डीसी के माध्यम से पूर्वी तट पर स्थित न्यूयॉर्क जाएंगे।

पित्रोदा ने कहा कि अमेरिका में प्रवासी भारतीयों की संख्या और उनकी वित्तीय व राजनीतिक ताकत तेजी से बढ़ रही है। इन्हें कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) जैसे राजनीतिक दलों द्वारा लुभाया गया है।

राहुल गांधी इस यात्रा के जरिए परिवार के इतिहास के एक और हिस्से में अपना नाम जोड़ने के लिए तैयार हैं। वह वाशिंगटन डीसी के प्रतिष्ठित नेशनल प्रेस क्लब में पत्रकारों के साथ लंच पर बातचीत में भाग लेंगे। पहली बार 1956 में उनके पिता के नाना जवाहरलाल नेहरू, 1966 में दादी इंदिरा गांधी और 1985 में उनके पिता राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री के रूप में नेशनल प्रेस क्लब को संबोधित किया था।

भारत जोड़ो यात्रा में व्यापक जनसमर्थन मिलने के बाद कर्नाटक चुनावों में पार्टी के शानदार प्रदर्शन के बाद कांग्रेस नेता अमेरिका पहुंचेंगे। उनकी यात्रा की योजना हालांकि काफी पहले बनाई गई थी। पित्रोदा ने कहा, राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा को पार्टी और कांग्रेस नेता के भाग्य में बदलाव वाली यात्रा के रूप में डिजाइन किया गया है।

उन्होंने कहा, इस यात्रा का उद्देश्य लोकसभा से राहुल गांधी की अयोग्यता के मुद्दे या कर्नाटक चुनाव में सफलता से कांग्रेस की किस्मत में अचानक आए बदलाव को भुनाना नहीं है।

पित्रोदा ने कहा, इस तरह की यात्राओं की योजना महज 20 दिनों में नहीं बनाई जा सकती। राहुल की यात्रा का दूसरा उद्देश्य यहां के प्रवासियों से जुड़ना है। यहां 50 लाख भारतीय अमेरिकी हैं, जो जीवन के सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम कर रहे हैं और हम उन्हें पहचानना चाहते हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

वाशिंगटन, 25 मई (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी आगामी अमेरिका यात्रा के दौरान अपनी सार्वजनिक बातचीत में दुनिया भर में लोकतंत्र के सामने आने वाली चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। उनके करीबी लोगों ने कहा कि वह भारत में घरेलू स्थिति के बारे में सवालों के जवाब देने में संकोच नहीं करेंगे। उनके पहले के कुछ बयानों पर अपने देश में आलोचकों से तीखी प्रतिक्रिया मिली थी।

सैम पित्रोदा, जो लंबे समय से अमेरिका में गांधी परिवार के सहयोगी रहे हैं और कांग्रेस नेता की यात्रा की योजना से निकटता से जुड़े हुए हैं, ने कहा, राहुल की यात्रा लोकतंत्र के बारे में हमारी चिंता को बढ़ाने की इच्छा से प्रेरित है।

उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि दुनिया भर में लोकतंत्र के सामने खड़ी चुनौतियों के बारे में बात करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है – तुर्की से हंगरी, मैक्सिको से लेकर भारत और यहां तक कि अमेरिका में भी। उन्होंने कहा, हम विविधता और समावेश के लिए हैं और हम इसके बारे में बात करेंगे।

यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी भारत की स्थिति के बारे में बात करेंगे, पित्रोदा ने कहा, हां, अगर उनसे इसके बारे में पूछा जाए।

पिछले उदाहरणों में, राहुल द्वारा विदेश में बयान दिए जाने के बाद हुए विवादों के बारे में पूछे जाने पर पित्रोदा ने कहा, हमारा उन पर कोई नियंत्रण नहीं है। वे तब भी कहते हैं, जब हम कुछ नहीं कहते।

ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ बातचीत में राहुल की टिप्पणी ने हाल ही में भारत में कथित तौर पर विदेशी हस्तक्षेप की मांग को लेकर भारत में प्रतिद्वंद्वी दलों ने कड़ी आलोचना की थी। कांग्रेस नेता और पार्टी, दोनों ने हालांकि कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा था।

उम्मीद है कि राहुल गांधी स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय और डायस्पोरा सदस्यों से बातचीत के लिए पहले पश्चिमी तट की यात्रा करेंगे और फिर संस्थानों के साथ अधिक बातचीत के लिए वाशिंगटन डीसी के माध्यम से पूर्वी तट पर स्थित न्यूयॉर्क जाएंगे।

पित्रोदा ने कहा कि अमेरिका में प्रवासी भारतीयों की संख्या और उनकी वित्तीय व राजनीतिक ताकत तेजी से बढ़ रही है। इन्हें कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) जैसे राजनीतिक दलों द्वारा लुभाया गया है।

राहुल गांधी इस यात्रा के जरिए परिवार के इतिहास के एक और हिस्से में अपना नाम जोड़ने के लिए तैयार हैं। वह वाशिंगटन डीसी के प्रतिष्ठित नेशनल प्रेस क्लब में पत्रकारों के साथ लंच पर बातचीत में भाग लेंगे। पहली बार 1956 में उनके पिता के नाना जवाहरलाल नेहरू, 1966 में दादी इंदिरा गांधी और 1985 में उनके पिता राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री के रूप में नेशनल प्रेस क्लब को संबोधित किया था।

भारत जोड़ो यात्रा में व्यापक जनसमर्थन मिलने के बाद कर्नाटक चुनावों में पार्टी के शानदार प्रदर्शन के बाद कांग्रेस नेता अमेरिका पहुंचेंगे। उनकी यात्रा की योजना हालांकि काफी पहले बनाई गई थी। पित्रोदा ने कहा, राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा को पार्टी और कांग्रेस नेता के भाग्य में बदलाव वाली यात्रा के रूप में डिजाइन किया गया है।

उन्होंने कहा, इस यात्रा का उद्देश्य लोकसभा से राहुल गांधी की अयोग्यता के मुद्दे या कर्नाटक चुनाव में सफलता से कांग्रेस की किस्मत में अचानक आए बदलाव को भुनाना नहीं है।

पित्रोदा ने कहा, इस तरह की यात्राओं की योजना महज 20 दिनों में नहीं बनाई जा सकती। राहुल की यात्रा का दूसरा उद्देश्य यहां के प्रवासियों से जुड़ना है। यहां 50 लाख भारतीय अमेरिकी हैं, जो जीवन के सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम कर रहे हैं और हम उन्हें पहचानना चाहते हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

वाशिंगटन, 25 मई (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी आगामी अमेरिका यात्रा के दौरान अपनी सार्वजनिक बातचीत में दुनिया भर में लोकतंत्र के सामने आने वाली चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। उनके करीबी लोगों ने कहा कि वह भारत में घरेलू स्थिति के बारे में सवालों के जवाब देने में संकोच नहीं करेंगे। उनके पहले के कुछ बयानों पर अपने देश में आलोचकों से तीखी प्रतिक्रिया मिली थी।

सैम पित्रोदा, जो लंबे समय से अमेरिका में गांधी परिवार के सहयोगी रहे हैं और कांग्रेस नेता की यात्रा की योजना से निकटता से जुड़े हुए हैं, ने कहा, राहुल की यात्रा लोकतंत्र के बारे में हमारी चिंता को बढ़ाने की इच्छा से प्रेरित है।

उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि दुनिया भर में लोकतंत्र के सामने खड़ी चुनौतियों के बारे में बात करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है – तुर्की से हंगरी, मैक्सिको से लेकर भारत और यहां तक कि अमेरिका में भी। उन्होंने कहा, हम विविधता और समावेश के लिए हैं और हम इसके बारे में बात करेंगे।

यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी भारत की स्थिति के बारे में बात करेंगे, पित्रोदा ने कहा, हां, अगर उनसे इसके बारे में पूछा जाए।

पिछले उदाहरणों में, राहुल द्वारा विदेश में बयान दिए जाने के बाद हुए विवादों के बारे में पूछे जाने पर पित्रोदा ने कहा, हमारा उन पर कोई नियंत्रण नहीं है। वे तब भी कहते हैं, जब हम कुछ नहीं कहते।

ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ बातचीत में राहुल की टिप्पणी ने हाल ही में भारत में कथित तौर पर विदेशी हस्तक्षेप की मांग को लेकर भारत में प्रतिद्वंद्वी दलों ने कड़ी आलोचना की थी। कांग्रेस नेता और पार्टी, दोनों ने हालांकि कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा था।

उम्मीद है कि राहुल गांधी स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय और डायस्पोरा सदस्यों से बातचीत के लिए पहले पश्चिमी तट की यात्रा करेंगे और फिर संस्थानों के साथ अधिक बातचीत के लिए वाशिंगटन डीसी के माध्यम से पूर्वी तट पर स्थित न्यूयॉर्क जाएंगे।

पित्रोदा ने कहा कि अमेरिका में प्रवासी भारतीयों की संख्या और उनकी वित्तीय व राजनीतिक ताकत तेजी से बढ़ रही है। इन्हें कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) जैसे राजनीतिक दलों द्वारा लुभाया गया है।

राहुल गांधी इस यात्रा के जरिए परिवार के इतिहास के एक और हिस्से में अपना नाम जोड़ने के लिए तैयार हैं। वह वाशिंगटन डीसी के प्रतिष्ठित नेशनल प्रेस क्लब में पत्रकारों के साथ लंच पर बातचीत में भाग लेंगे। पहली बार 1956 में उनके पिता के नाना जवाहरलाल नेहरू, 1966 में दादी इंदिरा गांधी और 1985 में उनके पिता राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री के रूप में नेशनल प्रेस क्लब को संबोधित किया था।

भारत जोड़ो यात्रा में व्यापक जनसमर्थन मिलने के बाद कर्नाटक चुनावों में पार्टी के शानदार प्रदर्शन के बाद कांग्रेस नेता अमेरिका पहुंचेंगे। उनकी यात्रा की योजना हालांकि काफी पहले बनाई गई थी। पित्रोदा ने कहा, राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा को पार्टी और कांग्रेस नेता के भाग्य में बदलाव वाली यात्रा के रूप में डिजाइन किया गया है।

उन्होंने कहा, इस यात्रा का उद्देश्य लोकसभा से राहुल गांधी की अयोग्यता के मुद्दे या कर्नाटक चुनाव में सफलता से कांग्रेस की किस्मत में अचानक आए बदलाव को भुनाना नहीं है।

पित्रोदा ने कहा, इस तरह की यात्राओं की योजना महज 20 दिनों में नहीं बनाई जा सकती। राहुल की यात्रा का दूसरा उद्देश्य यहां के प्रवासियों से जुड़ना है। यहां 50 लाख भारतीय अमेरिकी हैं, जो जीवन के सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम कर रहे हैं और हम उन्हें पहचानना चाहते हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

वाशिंगटन, 25 मई (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी आगामी अमेरिका यात्रा के दौरान अपनी सार्वजनिक बातचीत में दुनिया भर में लोकतंत्र के सामने आने वाली चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। उनके करीबी लोगों ने कहा कि वह भारत में घरेलू स्थिति के बारे में सवालों के जवाब देने में संकोच नहीं करेंगे। उनके पहले के कुछ बयानों पर अपने देश में आलोचकों से तीखी प्रतिक्रिया मिली थी।

सैम पित्रोदा, जो लंबे समय से अमेरिका में गांधी परिवार के सहयोगी रहे हैं और कांग्रेस नेता की यात्रा की योजना से निकटता से जुड़े हुए हैं, ने कहा, राहुल की यात्रा लोकतंत्र के बारे में हमारी चिंता को बढ़ाने की इच्छा से प्रेरित है।

उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि दुनिया भर में लोकतंत्र के सामने खड़ी चुनौतियों के बारे में बात करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है – तुर्की से हंगरी, मैक्सिको से लेकर भारत और यहां तक कि अमेरिका में भी। उन्होंने कहा, हम विविधता और समावेश के लिए हैं और हम इसके बारे में बात करेंगे।

यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी भारत की स्थिति के बारे में बात करेंगे, पित्रोदा ने कहा, हां, अगर उनसे इसके बारे में पूछा जाए।

पिछले उदाहरणों में, राहुल द्वारा विदेश में बयान दिए जाने के बाद हुए विवादों के बारे में पूछे जाने पर पित्रोदा ने कहा, हमारा उन पर कोई नियंत्रण नहीं है। वे तब भी कहते हैं, जब हम कुछ नहीं कहते।

ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ बातचीत में राहुल की टिप्पणी ने हाल ही में भारत में कथित तौर पर विदेशी हस्तक्षेप की मांग को लेकर भारत में प्रतिद्वंद्वी दलों ने कड़ी आलोचना की थी। कांग्रेस नेता और पार्टी, दोनों ने हालांकि कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा था।

उम्मीद है कि राहुल गांधी स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय और डायस्पोरा सदस्यों से बातचीत के लिए पहले पश्चिमी तट की यात्रा करेंगे और फिर संस्थानों के साथ अधिक बातचीत के लिए वाशिंगटन डीसी के माध्यम से पूर्वी तट पर स्थित न्यूयॉर्क जाएंगे।

पित्रोदा ने कहा कि अमेरिका में प्रवासी भारतीयों की संख्या और उनकी वित्तीय व राजनीतिक ताकत तेजी से बढ़ रही है। इन्हें कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) जैसे राजनीतिक दलों द्वारा लुभाया गया है।

राहुल गांधी इस यात्रा के जरिए परिवार के इतिहास के एक और हिस्से में अपना नाम जोड़ने के लिए तैयार हैं। वह वाशिंगटन डीसी के प्रतिष्ठित नेशनल प्रेस क्लब में पत्रकारों के साथ लंच पर बातचीत में भाग लेंगे। पहली बार 1956 में उनके पिता के नाना जवाहरलाल नेहरू, 1966 में दादी इंदिरा गांधी और 1985 में उनके पिता राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री के रूप में नेशनल प्रेस क्लब को संबोधित किया था।

भारत जोड़ो यात्रा में व्यापक जनसमर्थन मिलने के बाद कर्नाटक चुनावों में पार्टी के शानदार प्रदर्शन के बाद कांग्रेस नेता अमेरिका पहुंचेंगे। उनकी यात्रा की योजना हालांकि काफी पहले बनाई गई थी। पित्रोदा ने कहा, राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा को पार्टी और कांग्रेस नेता के भाग्य में बदलाव वाली यात्रा के रूप में डिजाइन किया गया है।

उन्होंने कहा, इस यात्रा का उद्देश्य लोकसभा से राहुल गांधी की अयोग्यता के मुद्दे या कर्नाटक चुनाव में सफलता से कांग्रेस की किस्मत में अचानक आए बदलाव को भुनाना नहीं है।

पित्रोदा ने कहा, इस तरह की यात्राओं की योजना महज 20 दिनों में नहीं बनाई जा सकती। राहुल की यात्रा का दूसरा उद्देश्य यहां के प्रवासियों से जुड़ना है। यहां 50 लाख भारतीय अमेरिकी हैं, जो जीवन के सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम कर रहे हैं और हम उन्हें पहचानना चाहते हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

वाशिंगटन, 25 मई (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी आगामी अमेरिका यात्रा के दौरान अपनी सार्वजनिक बातचीत में दुनिया भर में लोकतंत्र के सामने आने वाली चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। उनके करीबी लोगों ने कहा कि वह भारत में घरेलू स्थिति के बारे में सवालों के जवाब देने में संकोच नहीं करेंगे। उनके पहले के कुछ बयानों पर अपने देश में आलोचकों से तीखी प्रतिक्रिया मिली थी।

सैम पित्रोदा, जो लंबे समय से अमेरिका में गांधी परिवार के सहयोगी रहे हैं और कांग्रेस नेता की यात्रा की योजना से निकटता से जुड़े हुए हैं, ने कहा, राहुल की यात्रा लोकतंत्र के बारे में हमारी चिंता को बढ़ाने की इच्छा से प्रेरित है।

उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि दुनिया भर में लोकतंत्र के सामने खड़ी चुनौतियों के बारे में बात करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है – तुर्की से हंगरी, मैक्सिको से लेकर भारत और यहां तक कि अमेरिका में भी। उन्होंने कहा, हम विविधता और समावेश के लिए हैं और हम इसके बारे में बात करेंगे।

यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी भारत की स्थिति के बारे में बात करेंगे, पित्रोदा ने कहा, हां, अगर उनसे इसके बारे में पूछा जाए।

पिछले उदाहरणों में, राहुल द्वारा विदेश में बयान दिए जाने के बाद हुए विवादों के बारे में पूछे जाने पर पित्रोदा ने कहा, हमारा उन पर कोई नियंत्रण नहीं है। वे तब भी कहते हैं, जब हम कुछ नहीं कहते।

ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ बातचीत में राहुल की टिप्पणी ने हाल ही में भारत में कथित तौर पर विदेशी हस्तक्षेप की मांग को लेकर भारत में प्रतिद्वंद्वी दलों ने कड़ी आलोचना की थी। कांग्रेस नेता और पार्टी, दोनों ने हालांकि कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा था।

उम्मीद है कि राहुल गांधी स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय और डायस्पोरा सदस्यों से बातचीत के लिए पहले पश्चिमी तट की यात्रा करेंगे और फिर संस्थानों के साथ अधिक बातचीत के लिए वाशिंगटन डीसी के माध्यम से पूर्वी तट पर स्थित न्यूयॉर्क जाएंगे।

पित्रोदा ने कहा कि अमेरिका में प्रवासी भारतीयों की संख्या और उनकी वित्तीय व राजनीतिक ताकत तेजी से बढ़ रही है। इन्हें कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) जैसे राजनीतिक दलों द्वारा लुभाया गया है।

राहुल गांधी इस यात्रा के जरिए परिवार के इतिहास के एक और हिस्से में अपना नाम जोड़ने के लिए तैयार हैं। वह वाशिंगटन डीसी के प्रतिष्ठित नेशनल प्रेस क्लब में पत्रकारों के साथ लंच पर बातचीत में भाग लेंगे। पहली बार 1956 में उनके पिता के नाना जवाहरलाल नेहरू, 1966 में दादी इंदिरा गांधी और 1985 में उनके पिता राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री के रूप में नेशनल प्रेस क्लब को संबोधित किया था।

भारत जोड़ो यात्रा में व्यापक जनसमर्थन मिलने के बाद कर्नाटक चुनावों में पार्टी के शानदार प्रदर्शन के बाद कांग्रेस नेता अमेरिका पहुंचेंगे। उनकी यात्रा की योजना हालांकि काफी पहले बनाई गई थी। पित्रोदा ने कहा, राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा को पार्टी और कांग्रेस नेता के भाग्य में बदलाव वाली यात्रा के रूप में डिजाइन किया गया है।

उन्होंने कहा, इस यात्रा का उद्देश्य लोकसभा से राहुल गांधी की अयोग्यता के मुद्दे या कर्नाटक चुनाव में सफलता से कांग्रेस की किस्मत में अचानक आए बदलाव को भुनाना नहीं है।

पित्रोदा ने कहा, इस तरह की यात्राओं की योजना महज 20 दिनों में नहीं बनाई जा सकती। राहुल की यात्रा का दूसरा उद्देश्य यहां के प्रवासियों से जुड़ना है। यहां 50 लाख भारतीय अमेरिकी हैं, जो जीवन के सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम कर रहे हैं और हम उन्हें पहचानना चाहते हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

वाशिंगटन, 25 मई (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी आगामी अमेरिका यात्रा के दौरान अपनी सार्वजनिक बातचीत में दुनिया भर में लोकतंत्र के सामने आने वाली चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। उनके करीबी लोगों ने कहा कि वह भारत में घरेलू स्थिति के बारे में सवालों के जवाब देने में संकोच नहीं करेंगे। उनके पहले के कुछ बयानों पर अपने देश में आलोचकों से तीखी प्रतिक्रिया मिली थी।

सैम पित्रोदा, जो लंबे समय से अमेरिका में गांधी परिवार के सहयोगी रहे हैं और कांग्रेस नेता की यात्रा की योजना से निकटता से जुड़े हुए हैं, ने कहा, राहुल की यात्रा लोकतंत्र के बारे में हमारी चिंता को बढ़ाने की इच्छा से प्रेरित है।

उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि दुनिया भर में लोकतंत्र के सामने खड़ी चुनौतियों के बारे में बात करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है – तुर्की से हंगरी, मैक्सिको से लेकर भारत और यहां तक कि अमेरिका में भी। उन्होंने कहा, हम विविधता और समावेश के लिए हैं और हम इसके बारे में बात करेंगे।

यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी भारत की स्थिति के बारे में बात करेंगे, पित्रोदा ने कहा, हां, अगर उनसे इसके बारे में पूछा जाए।

पिछले उदाहरणों में, राहुल द्वारा विदेश में बयान दिए जाने के बाद हुए विवादों के बारे में पूछे जाने पर पित्रोदा ने कहा, हमारा उन पर कोई नियंत्रण नहीं है। वे तब भी कहते हैं, जब हम कुछ नहीं कहते।

ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ बातचीत में राहुल की टिप्पणी ने हाल ही में भारत में कथित तौर पर विदेशी हस्तक्षेप की मांग को लेकर भारत में प्रतिद्वंद्वी दलों ने कड़ी आलोचना की थी। कांग्रेस नेता और पार्टी, दोनों ने हालांकि कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा था।

उम्मीद है कि राहुल गांधी स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय और डायस्पोरा सदस्यों से बातचीत के लिए पहले पश्चिमी तट की यात्रा करेंगे और फिर संस्थानों के साथ अधिक बातचीत के लिए वाशिंगटन डीसी के माध्यम से पूर्वी तट पर स्थित न्यूयॉर्क जाएंगे।

पित्रोदा ने कहा कि अमेरिका में प्रवासी भारतीयों की संख्या और उनकी वित्तीय व राजनीतिक ताकत तेजी से बढ़ रही है। इन्हें कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) जैसे राजनीतिक दलों द्वारा लुभाया गया है।

राहुल गांधी इस यात्रा के जरिए परिवार के इतिहास के एक और हिस्से में अपना नाम जोड़ने के लिए तैयार हैं। वह वाशिंगटन डीसी के प्रतिष्ठित नेशनल प्रेस क्लब में पत्रकारों के साथ लंच पर बातचीत में भाग लेंगे। पहली बार 1956 में उनके पिता के नाना जवाहरलाल नेहरू, 1966 में दादी इंदिरा गांधी और 1985 में उनके पिता राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री के रूप में नेशनल प्रेस क्लब को संबोधित किया था।

भारत जोड़ो यात्रा में व्यापक जनसमर्थन मिलने के बाद कर्नाटक चुनावों में पार्टी के शानदार प्रदर्शन के बाद कांग्रेस नेता अमेरिका पहुंचेंगे। उनकी यात्रा की योजना हालांकि काफी पहले बनाई गई थी। पित्रोदा ने कहा, राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा को पार्टी और कांग्रेस नेता के भाग्य में बदलाव वाली यात्रा के रूप में डिजाइन किया गया है।

उन्होंने कहा, इस यात्रा का उद्देश्य लोकसभा से राहुल गांधी की अयोग्यता के मुद्दे या कर्नाटक चुनाव में सफलता से कांग्रेस की किस्मत में अचानक आए बदलाव को भुनाना नहीं है।

पित्रोदा ने कहा, इस तरह की यात्राओं की योजना महज 20 दिनों में नहीं बनाई जा सकती। राहुल की यात्रा का दूसरा उद्देश्य यहां के प्रवासियों से जुड़ना है। यहां 50 लाख भारतीय अमेरिकी हैं, जो जीवन के सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम कर रहे हैं और हम उन्हें पहचानना चाहते हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

वाशिंगटन, 25 मई (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी आगामी अमेरिका यात्रा के दौरान अपनी सार्वजनिक बातचीत में दुनिया भर में लोकतंत्र के सामने आने वाली चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। उनके करीबी लोगों ने कहा कि वह भारत में घरेलू स्थिति के बारे में सवालों के जवाब देने में संकोच नहीं करेंगे। उनके पहले के कुछ बयानों पर अपने देश में आलोचकों से तीखी प्रतिक्रिया मिली थी।

सैम पित्रोदा, जो लंबे समय से अमेरिका में गांधी परिवार के सहयोगी रहे हैं और कांग्रेस नेता की यात्रा की योजना से निकटता से जुड़े हुए हैं, ने कहा, राहुल की यात्रा लोकतंत्र के बारे में हमारी चिंता को बढ़ाने की इच्छा से प्रेरित है।

उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि दुनिया भर में लोकतंत्र के सामने खड़ी चुनौतियों के बारे में बात करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है – तुर्की से हंगरी, मैक्सिको से लेकर भारत और यहां तक कि अमेरिका में भी। उन्होंने कहा, हम विविधता और समावेश के लिए हैं और हम इसके बारे में बात करेंगे।

यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी भारत की स्थिति के बारे में बात करेंगे, पित्रोदा ने कहा, हां, अगर उनसे इसके बारे में पूछा जाए।

पिछले उदाहरणों में, राहुल द्वारा विदेश में बयान दिए जाने के बाद हुए विवादों के बारे में पूछे जाने पर पित्रोदा ने कहा, हमारा उन पर कोई नियंत्रण नहीं है। वे तब भी कहते हैं, जब हम कुछ नहीं कहते।

ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ बातचीत में राहुल की टिप्पणी ने हाल ही में भारत में कथित तौर पर विदेशी हस्तक्षेप की मांग को लेकर भारत में प्रतिद्वंद्वी दलों ने कड़ी आलोचना की थी। कांग्रेस नेता और पार्टी, दोनों ने हालांकि कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा था।

उम्मीद है कि राहुल गांधी स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय और डायस्पोरा सदस्यों से बातचीत के लिए पहले पश्चिमी तट की यात्रा करेंगे और फिर संस्थानों के साथ अधिक बातचीत के लिए वाशिंगटन डीसी के माध्यम से पूर्वी तट पर स्थित न्यूयॉर्क जाएंगे।

पित्रोदा ने कहा कि अमेरिका में प्रवासी भारतीयों की संख्या और उनकी वित्तीय व राजनीतिक ताकत तेजी से बढ़ रही है। इन्हें कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) जैसे राजनीतिक दलों द्वारा लुभाया गया है।

राहुल गांधी इस यात्रा के जरिए परिवार के इतिहास के एक और हिस्से में अपना नाम जोड़ने के लिए तैयार हैं। वह वाशिंगटन डीसी के प्रतिष्ठित नेशनल प्रेस क्लब में पत्रकारों के साथ लंच पर बातचीत में भाग लेंगे। पहली बार 1956 में उनके पिता के नाना जवाहरलाल नेहरू, 1966 में दादी इंदिरा गांधी और 1985 में उनके पिता राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री के रूप में नेशनल प्रेस क्लब को संबोधित किया था।

भारत जोड़ो यात्रा में व्यापक जनसमर्थन मिलने के बाद कर्नाटक चुनावों में पार्टी के शानदार प्रदर्शन के बाद कांग्रेस नेता अमेरिका पहुंचेंगे। उनकी यात्रा की योजना हालांकि काफी पहले बनाई गई थी। पित्रोदा ने कहा, राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा को पार्टी और कांग्रेस नेता के भाग्य में बदलाव वाली यात्रा के रूप में डिजाइन किया गया है।

उन्होंने कहा, इस यात्रा का उद्देश्य लोकसभा से राहुल गांधी की अयोग्यता के मुद्दे या कर्नाटक चुनाव में सफलता से कांग्रेस की किस्मत में अचानक आए बदलाव को भुनाना नहीं है।

पित्रोदा ने कहा, इस तरह की यात्राओं की योजना महज 20 दिनों में नहीं बनाई जा सकती। राहुल की यात्रा का दूसरा उद्देश्य यहां के प्रवासियों से जुड़ना है। यहां 50 लाख भारतीय अमेरिकी हैं, जो जीवन के सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम कर रहे हैं और हम उन्हें पहचानना चाहते हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

Related Posts

कट्टा-कारतूस लेकर घूम रहा बदमाश पकड़ाया
जबलपुर

कट्टा-कारतूस लेकर घूम रहा बदमाश पकड़ाया

May 31, 2025
ट्रंप को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, अमेरिका में 5 लाख से अधिक प्रवासियों पर संकट गहराया
अंतरराष्ट्रीय

ट्रंप को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, अमेरिका में 5 लाख से अधिक प्रवासियों पर संकट गहराया

May 31, 2025
ट्रैक्टर-ट्रॉली और वैन की भीषण टक्कर
ताज़ा समाचार

बुलंदशहर में दर्दनाक सड़क हादसा : ट्रैक्टर-ट्रॉली और वैन की भीषण टक्कर में तीन की मौत

May 31, 2025
जौनपुर जिला अस्पताल में किन्नरों का नग्न तांडव, डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों से मारपीट
ताज़ा समाचार

जौनपुर जिला अस्पताल में किन्नरों का हंगामा: नग्न तांडव से मची अफरातफरी, डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों से मारपीट

May 31, 2025
ओडिशा का स्कूल टॉपर बना दिहाड़ी मजदूर,
ताज़ा समाचार

ओडिशा का स्कूल टॉपर बना दिहाड़ी मजदूर, मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश

May 31, 2025
भोपाल मोदी भव्य स्वागत, सिंदूरी साड़ियों में पहुंचीं महिलाएं
ताज़ा समाचार

भोपाल: पीएम मोदी का भव्य स्वागत, सिंदूरी साड़ियों में पहुंचीं महिलाएं

May 31, 2025
Next Post
राहुल ने 2013 के माओवादी हमले में मारे गए कांग्रेस नेताओं को दी श्रद्धांजलि

राहुल ने 2013 के माओवादी हमले में मारे गए कांग्रेस नेताओं को दी श्रद्धांजलि

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

[email protected]

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

083022
Total views : 5883665
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In