चंडीगढ़, 30 मई (आईएएनएस)। आप के राज्यसभा सदस्य विक्रमजीत साहनी ने मंगलवार को पंजाब विश्वविद्यालय द्वारा पंजाबी को अनिवार्य विषयों की सूची से बाहर करने का मुद्दा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के समक्ष उठाया है।
उपराष्ट्रपति को लिखे पत्र में साहनी ने कहा कि पंजाब विश्वविद्यालय पंजाब के छात्रों के लिए स्थापित किया गया था और उन्हें स्नातक पाठ्यक्रमों में इस भाषा का अध्ययन करने के विशेषाधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय से 200 से अधिक कॉलेज संबद्ध हैं और उनके साथ नामांकित छात्रों को भी अपनी मातृभाषा का अध्ययन करने की सुविधा मिलनी चाहिए। जैसे पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला और गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर और अन्य विश्वविद्यालयों द्वारा किया जाता है।
उन्होंने उपराष्ट्रपति के संज्ञान में यह भी लाया कि सिंडिकेट का यह फैसला पंजाब भाषा अधिनियम के विपरीत है और इसे तुरंत ठीक करने की जरूरत है।
साहनी ने कहा कि सिंडिकेट को इस तरह का कठोर फैसला लेने का कोई अधिकार नहीं है, जबकि बोर्ड ऑफ स्टडीज और लैंग्वेज फैकल्टी ने पंजाबी को अनिवार्य विषय के रूप में रखने की सिफारिश की है।
साहनी ने आगाह किया कि पंजाब और पंजाबी के खिलाफ इस तरह के फैसलों को कभी भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सभी पंजाबी प्रेमी, चाहे वे हिंदू हों या सिख या मुसलमान, फैसले को लागू करने से रोकने के लिए एकजुट हैं।
–आईएएनएस
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