भोपाल, 31 मई (आईएएनएस)। उज्जैन के महाकाल परिसर में स्थित महाकाल लोक में तेज आंधी और बवंडर के चलते गिरीं छह मूर्तियों की स्थिति का आकलन करने वाली कांग्रेस की समिति के सदस्य पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और कांग्रेस के मोर्चा संगठनों की प्रभारी शोभा ओझा ने इस परियोजना में तय शर्तो का पालन न किए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि मूर्तियां लगाने वाले को तीन गुना से अधिक भुगतान किया गया।
पूर्व मंत्री वर्मा और ओझा ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि महाकाल लोक परिसर के लिए शिवराज सरकार ने योजना के लिए लगभग 98 लाख रुपये की लागत का अनुमान लगाया था, मगर कमलनाथ सरकार ने इसे अपर्याप्त मानते हुए महाकाल लोक के लिए तीन सौ करोड़ की राशि स्वीकृत की थी। इसका कार्यादेश भी सात मार्च 2019 को जारी हुआ था।
कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि मूर्तियां की स्थापना में तय शर्तो का पालन नहीं किया गया। एफआरपी की बनी मूर्तियों की मजबूती के लिए लोहे का आंतरिक ढांचा बनाया जाता है, मगर महाकाल लोक में लगीं मूर्तियों में ऐसा नहीं किया गया। प्रतिमाओं के निर्माण में उपयोग की जाने वाले नेट की मोटाई 1200 से 1600 ग्राम जीएसएम होनी चाहिए, लेकिन महाकाल लोक में स्थापित मूर्तियों में 150 से 200 ग्राम जीएसएम के ही चाइनीज नेट का उपयोग किया गया।
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि प्रतिमाओं को बिना बेस (फाउंडेशन) के 10 फीट ऊंचे पेडेस्टल पर सीमेंट से जोड़ा गया। इसी कारण 30 किलोमीटर प्रतिघंटे की हल्की रफ्तार से चली हवा में ही प्रतिमाएं गिरकर क्षतिग्रस्त हो गईं। मूर्तियों की गुणवत्ता की जांच के लिए कार्यस्थल पर ही प्रयोगशाला स्थापित करने की शर्त थी, जो कि नहीं की गई।
कांग्रेस की ओर से मूर्ति की कीमत को लेकर सवाल उठाते हुए दावा किया गया है कि उज्जैन शहर में एक ही तरह के ठेकेदार द्वारा लगाई गईं मूर्तियों के निर्माण की लागत में व्यापक अंतर सामने आया है। उज्जैन के स्थानीय सिंधी समाज द्वारा 25 फीट ऊंची मूर्ति का निर्माण चार लाख 11 हजार रुपये में करवाया गया, जबकि महाकाल लोक में 15 फीट ऊंची मूर्ति के लिए 10 लाख दो हजार रुपये भुगतान किया गया। साधारण गणित के आधार पर 15 फीट ऊंची एक मूर्ति की कीमत अधिकतम तीन लाख रुपये होना चाहिए।
कांग्रस ने उज्जैन के कलेक्टर की इस घोषणा का जिक्र करते हुए कि पांच-सात दिनों में ही मूर्तियों की पुर्नस्थापना कर दी जाएगी, कहा कि कलेक्टर के बयान से स्पष्ट है कि खंडित मूर्तियों को ही जोड़-तोड़ कर फिर से स्थापित किया जाएगा।
–आईएएनएस
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