नई दिल्ली, 22 दिसम्बर (आईएएनएस)। भारत और चीन ने कोर कमांडर स्तर की 17वें दौर की वार्ता के दौरान पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी पर जमीनी स्तर पर सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने पर सहमति जताई है।
रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को बयान में कहा, बैठक 20 दिसंबर 2022 को चीनी क्षेत्र में चुशूल-मोल्दो सीमा मीटिंग प्वाइंट पर आयोजित की गई थी।
17 जुलाई, 2022 को हुई पिछली बैठक के बाद हुई प्रगति के आधार पर, दोनों पक्षों ने पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ संबंधित मुद्दों के समाधान पर विचारों का आदान-प्रदान किया। रक्षा मंत्रालय ने कहा- शेष मुद्दों के जल्द से जल्द समाधान के लिए दोनों के बीच स्पष्ट और गहन चर्चा हुई, जल्द से जल्द पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी पर अमन-चैन की बहाली में मदद मिलेगी और द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति होगी।
उन्होंने कहा- अंतरिम रूप से दोनों पक्ष पश्चिमी क्षेत्र में जमीन पर सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने पर सहमत हुए। दोनों पक्षों ने नजदीकी संपर्क में रहने और सैन्य और राजनयिक बातचीत बनाए रखने के अलावा जल्द से जल्द शेष मुद्दों के परस्पर स्वीकार्य समाधान पर काम करने पर सहमति व्यक्त की।
नौ दिसंबर के गतिरोध के बाद 17वें दौर की यह पहली बैठक थी। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के लगभग 300 सैनिकों ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में यांग्त्से में एलएसी का उल्लंघन करने का प्रयास किया, जिसके परिणामस्वरूप झड़प हुई। एक सूत्र ने बताया कि झड़प के दौरान भारतीय और चीनी दोनों सैनिकों को चोटें आईं थी। छह घायल भारतीय जवानों को गुवाहाटी के सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन हताहत या गंभीर चोट की सूचना नहीं थी।
सूत्रों के मुताबिक, चीन बार-बार 17 हजार फीट ऊंची चोटी पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है। भारतीय सेना के सूत्रों ने कहा कि चोटी पर भारत का कड़ा नियंत्रण है।
–आईएएनएस
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