भुवनेश्वर, 3 जून (आईएएनएस)। ओडिशा सरकार ने बालासोर में हुए दर्दनाक ट्रेन हादसे के पीड़ितों के करीब 160 शवों को बेहतर संरक्षण और मृतकों के परिवार के सदस्यों द्वारा सुगम पहचान की सुविधा के लिए भुवनेश्वर लाने का फैसला किया है।
चेन्नई जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस और हावड़ा जाने वाली एसएमवीपी-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के बीच शुक्रवार शाम को ओडिशा के बालासोर में बहानागा बाजार रेलवे स्टेशन के पास हुई बड़ी दुर्घटना में कम से कम 288 लोगों की मौत हो गई और 900 से अधिक लोग घायल हो गए।
मुख्य सचिव प्रदीप कुमार जेना ने शनिवार शाम पत्रकारों से बात करते हुए कहा, हम लगभग 160 शवों को भुवनेश्वर लाएंगे और उन्हें विभिन्न सरकारी और निजी अस्पतालों की मोर्चरी में संरक्षित किया जाएगा।
उन्होंने कहा, हादसे की वजह से भद्रक और बालासोर जाने वाली ट्रेनों का संपर्क टूट गया है। इसलिए परिवार के सदस्य शवों को खोजने के लिए आसानी से भुवनेश्वर जा सकते हैं।
जेना ने कहा, अज्ञात शवों को 42 घंटे तक सुरक्षित रखा जाएगा। अगर कोई उन पर दावा नहीं करता है, तो हम उन्हें चिकित्सा प्रक्रियाओं के अनुसार निपटा सकते हैं।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, करीब 55 शवों की पहचान कर ली गई है, जिन्हें पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है।
अज्ञात शवों को बालासोर के बाहरी इलाके में उत्तरी उड़ीसा चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के बिजनेस पार्क, भंगा हाईस्कूल और एक अस्थायी मुर्दाघर में रखा गया है।
ओडिशा के विभिन्न अस्पतालों में कुल 1,175 लोगों को भर्ती कराया गया है, जिनमें से 793 को छुट्टी दे दी गई है।
–आईएएनएस
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