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Home ताज़ा समाचार

नरम हिंदुत्व की राह पर सपा, नैमिषारण्य धाम से शुरू करेगी चुनाव अभियान

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June 4, 2023
in ताज़ा समाचार
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नरम हिंदुत्व की राह पर सपा, नैमिषारण्य धाम से शुरू करेगी चुनाव अभियान
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लखनऊ, 4 जून (आईएएनएस)। नरम हिंदुत्व को आगे बढ़ाने के अपने फैसले के बाद उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए अपने चुनाव अभियान की शुरुआत नैमिषारण्य धाम से करेगी। पार्टी अपने कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर रही है।

पहला प्रशिक्षण शिविर 5 जून को लखीमपुर खीरी में और दूसरा प्रशिक्षण शिविर सीतापुर में लगेगा।

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दोनों जिले अपने हिंदू धार्मिक स्थलों के लिए जाने जाते हैं। लखीमपुर खीरी में देवकाली और सीतापुर में नैमिषारण्य धाम स्थित है।

एक सपा नेता ने कहा, शिविर में शामिल होने वाले प्रतिभागियों के लिए आवास और भोजन को ध्यान में रखते हुए उपरोक्त स्थानों का चयन किया गया है। दोनों जिलों में हिंदू धार्मिक स्थल होनेा एक अतिरिक्त विशेषता है।

पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आयोजित प्रशिक्षण शिविरों को वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव और शिवपाल यादव सहित अन्य शीर्ष नेता संबोधित करेंगे।

एक बार जब प्रशिक्षण शिविर समाप्त हो जाएंगे, तो उम्मीद की जाती है कि अगस्त तक, पार्टी नेतृत्व प्रत्येक संसदीय क्षेत्र के लिए वरिष्ठ नेताओं की एक टीम नियुक्त करेगा, जो आम तौर पर लोगों से, और विशेष रूप से पार्टी के नेताओं से, संभावित उम्मीदवारों की चुनावी संभावनाओं के बारे में प्रतिक्रिया एकत्र करेगी।

पार्टी नेताओं ने कहा कि प्रशिक्षण शिविर और प्रतिक्रिया का संग्रह हर लोकसभा क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा, इसमें वे सीटें भी शामिल हैं, जो पार्टी राष्ट्रीय लोकदल जैसे सहयोगियों के लिए छोड़ सकती हैं।

दोनों कवायद चुनाव को लेकर सपा की आंतरिक तैयारी का हिस्सा है।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, सारी कवायद का उद्देश्य भाजपा और उसके सहयोगियों का मुकाबला करने के लिए कार्यकर्ताओं को तैयार करना है। शिविर सभी 80 निर्वाचन क्षेत्रों में आयोजित किए जाएंगे। हमने 2022 के विधानसभा चुनावों में भी ऐसा ही किया था।

1992 में पार्टी की स्थापना के बाद सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव द्वारा प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने की प्रथा पहली बार शुरू की गई थी। तब से यह प्रक्रिया जारी है।

पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी ने कहा, प्रत्येक प्रशिक्षण शिविर दो दिनों तक चलेगा। वरिष्ठ नेता जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं और जिला स्तर पर उनके नेताओं के साथ बातचीत करेंगे।

–आईएएनएस

सीबीटी

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लखनऊ, 4 जून (आईएएनएस)। नरम हिंदुत्व को आगे बढ़ाने के अपने फैसले के बाद उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए अपने चुनाव अभियान की शुरुआत नैमिषारण्य धाम से करेगी। पार्टी अपने कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर रही है।

पहला प्रशिक्षण शिविर 5 जून को लखीमपुर खीरी में और दूसरा प्रशिक्षण शिविर सीतापुर में लगेगा।

दोनों जिले अपने हिंदू धार्मिक स्थलों के लिए जाने जाते हैं। लखीमपुर खीरी में देवकाली और सीतापुर में नैमिषारण्य धाम स्थित है।

एक सपा नेता ने कहा, शिविर में शामिल होने वाले प्रतिभागियों के लिए आवास और भोजन को ध्यान में रखते हुए उपरोक्त स्थानों का चयन किया गया है। दोनों जिलों में हिंदू धार्मिक स्थल होनेा एक अतिरिक्त विशेषता है।

पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आयोजित प्रशिक्षण शिविरों को वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव और शिवपाल यादव सहित अन्य शीर्ष नेता संबोधित करेंगे।

एक बार जब प्रशिक्षण शिविर समाप्त हो जाएंगे, तो उम्मीद की जाती है कि अगस्त तक, पार्टी नेतृत्व प्रत्येक संसदीय क्षेत्र के लिए वरिष्ठ नेताओं की एक टीम नियुक्त करेगा, जो आम तौर पर लोगों से, और विशेष रूप से पार्टी के नेताओं से, संभावित उम्मीदवारों की चुनावी संभावनाओं के बारे में प्रतिक्रिया एकत्र करेगी।

पार्टी नेताओं ने कहा कि प्रशिक्षण शिविर और प्रतिक्रिया का संग्रह हर लोकसभा क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा, इसमें वे सीटें भी शामिल हैं, जो पार्टी राष्ट्रीय लोकदल जैसे सहयोगियों के लिए छोड़ सकती हैं।

दोनों कवायद चुनाव को लेकर सपा की आंतरिक तैयारी का हिस्सा है।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, सारी कवायद का उद्देश्य भाजपा और उसके सहयोगियों का मुकाबला करने के लिए कार्यकर्ताओं को तैयार करना है। शिविर सभी 80 निर्वाचन क्षेत्रों में आयोजित किए जाएंगे। हमने 2022 के विधानसभा चुनावों में भी ऐसा ही किया था।

1992 में पार्टी की स्थापना के बाद सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव द्वारा प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने की प्रथा पहली बार शुरू की गई थी। तब से यह प्रक्रिया जारी है।

पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी ने कहा, प्रत्येक प्रशिक्षण शिविर दो दिनों तक चलेगा। वरिष्ठ नेता जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं और जिला स्तर पर उनके नेताओं के साथ बातचीत करेंगे।

–आईएएनएस

सीबीटी

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लखनऊ, 4 जून (आईएएनएस)। नरम हिंदुत्व को आगे बढ़ाने के अपने फैसले के बाद उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए अपने चुनाव अभियान की शुरुआत नैमिषारण्य धाम से करेगी। पार्टी अपने कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर रही है।

पहला प्रशिक्षण शिविर 5 जून को लखीमपुर खीरी में और दूसरा प्रशिक्षण शिविर सीतापुर में लगेगा।

दोनों जिले अपने हिंदू धार्मिक स्थलों के लिए जाने जाते हैं। लखीमपुर खीरी में देवकाली और सीतापुर में नैमिषारण्य धाम स्थित है।

एक सपा नेता ने कहा, शिविर में शामिल होने वाले प्रतिभागियों के लिए आवास और भोजन को ध्यान में रखते हुए उपरोक्त स्थानों का चयन किया गया है। दोनों जिलों में हिंदू धार्मिक स्थल होनेा एक अतिरिक्त विशेषता है।

पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आयोजित प्रशिक्षण शिविरों को वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव और शिवपाल यादव सहित अन्य शीर्ष नेता संबोधित करेंगे।

एक बार जब प्रशिक्षण शिविर समाप्त हो जाएंगे, तो उम्मीद की जाती है कि अगस्त तक, पार्टी नेतृत्व प्रत्येक संसदीय क्षेत्र के लिए वरिष्ठ नेताओं की एक टीम नियुक्त करेगा, जो आम तौर पर लोगों से, और विशेष रूप से पार्टी के नेताओं से, संभावित उम्मीदवारों की चुनावी संभावनाओं के बारे में प्रतिक्रिया एकत्र करेगी।

पार्टी नेताओं ने कहा कि प्रशिक्षण शिविर और प्रतिक्रिया का संग्रह हर लोकसभा क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा, इसमें वे सीटें भी शामिल हैं, जो पार्टी राष्ट्रीय लोकदल जैसे सहयोगियों के लिए छोड़ सकती हैं।

दोनों कवायद चुनाव को लेकर सपा की आंतरिक तैयारी का हिस्सा है।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, सारी कवायद का उद्देश्य भाजपा और उसके सहयोगियों का मुकाबला करने के लिए कार्यकर्ताओं को तैयार करना है। शिविर सभी 80 निर्वाचन क्षेत्रों में आयोजित किए जाएंगे। हमने 2022 के विधानसभा चुनावों में भी ऐसा ही किया था।

1992 में पार्टी की स्थापना के बाद सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव द्वारा प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने की प्रथा पहली बार शुरू की गई थी। तब से यह प्रक्रिया जारी है।

पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी ने कहा, प्रत्येक प्रशिक्षण शिविर दो दिनों तक चलेगा। वरिष्ठ नेता जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं और जिला स्तर पर उनके नेताओं के साथ बातचीत करेंगे।

–आईएएनएस

सीबीटी

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लखनऊ, 4 जून (आईएएनएस)। नरम हिंदुत्व को आगे बढ़ाने के अपने फैसले के बाद उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए अपने चुनाव अभियान की शुरुआत नैमिषारण्य धाम से करेगी। पार्टी अपने कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर रही है।

पहला प्रशिक्षण शिविर 5 जून को लखीमपुर खीरी में और दूसरा प्रशिक्षण शिविर सीतापुर में लगेगा।

दोनों जिले अपने हिंदू धार्मिक स्थलों के लिए जाने जाते हैं। लखीमपुर खीरी में देवकाली और सीतापुर में नैमिषारण्य धाम स्थित है।

एक सपा नेता ने कहा, शिविर में शामिल होने वाले प्रतिभागियों के लिए आवास और भोजन को ध्यान में रखते हुए उपरोक्त स्थानों का चयन किया गया है। दोनों जिलों में हिंदू धार्मिक स्थल होनेा एक अतिरिक्त विशेषता है।

पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आयोजित प्रशिक्षण शिविरों को वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव और शिवपाल यादव सहित अन्य शीर्ष नेता संबोधित करेंगे।

एक बार जब प्रशिक्षण शिविर समाप्त हो जाएंगे, तो उम्मीद की जाती है कि अगस्त तक, पार्टी नेतृत्व प्रत्येक संसदीय क्षेत्र के लिए वरिष्ठ नेताओं की एक टीम नियुक्त करेगा, जो आम तौर पर लोगों से, और विशेष रूप से पार्टी के नेताओं से, संभावित उम्मीदवारों की चुनावी संभावनाओं के बारे में प्रतिक्रिया एकत्र करेगी।

पार्टी नेताओं ने कहा कि प्रशिक्षण शिविर और प्रतिक्रिया का संग्रह हर लोकसभा क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा, इसमें वे सीटें भी शामिल हैं, जो पार्टी राष्ट्रीय लोकदल जैसे सहयोगियों के लिए छोड़ सकती हैं।

दोनों कवायद चुनाव को लेकर सपा की आंतरिक तैयारी का हिस्सा है।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, सारी कवायद का उद्देश्य भाजपा और उसके सहयोगियों का मुकाबला करने के लिए कार्यकर्ताओं को तैयार करना है। शिविर सभी 80 निर्वाचन क्षेत्रों में आयोजित किए जाएंगे। हमने 2022 के विधानसभा चुनावों में भी ऐसा ही किया था।

1992 में पार्टी की स्थापना के बाद सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव द्वारा प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने की प्रथा पहली बार शुरू की गई थी। तब से यह प्रक्रिया जारी है।

पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी ने कहा, प्रत्येक प्रशिक्षण शिविर दो दिनों तक चलेगा। वरिष्ठ नेता जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं और जिला स्तर पर उनके नेताओं के साथ बातचीत करेंगे।

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पहला प्रशिक्षण शिविर 5 जून को लखीमपुर खीरी में और दूसरा प्रशिक्षण शिविर सीतापुर में लगेगा।

दोनों जिले अपने हिंदू धार्मिक स्थलों के लिए जाने जाते हैं। लखीमपुर खीरी में देवकाली और सीतापुर में नैमिषारण्य धाम स्थित है।

एक सपा नेता ने कहा, शिविर में शामिल होने वाले प्रतिभागियों के लिए आवास और भोजन को ध्यान में रखते हुए उपरोक्त स्थानों का चयन किया गया है। दोनों जिलों में हिंदू धार्मिक स्थल होनेा एक अतिरिक्त विशेषता है।

पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आयोजित प्रशिक्षण शिविरों को वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव और शिवपाल यादव सहित अन्य शीर्ष नेता संबोधित करेंगे।

एक बार जब प्रशिक्षण शिविर समाप्त हो जाएंगे, तो उम्मीद की जाती है कि अगस्त तक, पार्टी नेतृत्व प्रत्येक संसदीय क्षेत्र के लिए वरिष्ठ नेताओं की एक टीम नियुक्त करेगा, जो आम तौर पर लोगों से, और विशेष रूप से पार्टी के नेताओं से, संभावित उम्मीदवारों की चुनावी संभावनाओं के बारे में प्रतिक्रिया एकत्र करेगी।

पार्टी नेताओं ने कहा कि प्रशिक्षण शिविर और प्रतिक्रिया का संग्रह हर लोकसभा क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा, इसमें वे सीटें भी शामिल हैं, जो पार्टी राष्ट्रीय लोकदल जैसे सहयोगियों के लिए छोड़ सकती हैं।

दोनों कवायद चुनाव को लेकर सपा की आंतरिक तैयारी का हिस्सा है।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, सारी कवायद का उद्देश्य भाजपा और उसके सहयोगियों का मुकाबला करने के लिए कार्यकर्ताओं को तैयार करना है। शिविर सभी 80 निर्वाचन क्षेत्रों में आयोजित किए जाएंगे। हमने 2022 के विधानसभा चुनावों में भी ऐसा ही किया था।

1992 में पार्टी की स्थापना के बाद सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव द्वारा प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने की प्रथा पहली बार शुरू की गई थी। तब से यह प्रक्रिया जारी है।

पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी ने कहा, प्रत्येक प्रशिक्षण शिविर दो दिनों तक चलेगा। वरिष्ठ नेता जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं और जिला स्तर पर उनके नेताओं के साथ बातचीत करेंगे।

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पहला प्रशिक्षण शिविर 5 जून को लखीमपुर खीरी में और दूसरा प्रशिक्षण शिविर सीतापुर में लगेगा।

दोनों जिले अपने हिंदू धार्मिक स्थलों के लिए जाने जाते हैं। लखीमपुर खीरी में देवकाली और सीतापुर में नैमिषारण्य धाम स्थित है।

एक सपा नेता ने कहा, शिविर में शामिल होने वाले प्रतिभागियों के लिए आवास और भोजन को ध्यान में रखते हुए उपरोक्त स्थानों का चयन किया गया है। दोनों जिलों में हिंदू धार्मिक स्थल होनेा एक अतिरिक्त विशेषता है।

पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आयोजित प्रशिक्षण शिविरों को वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव और शिवपाल यादव सहित अन्य शीर्ष नेता संबोधित करेंगे।

एक बार जब प्रशिक्षण शिविर समाप्त हो जाएंगे, तो उम्मीद की जाती है कि अगस्त तक, पार्टी नेतृत्व प्रत्येक संसदीय क्षेत्र के लिए वरिष्ठ नेताओं की एक टीम नियुक्त करेगा, जो आम तौर पर लोगों से, और विशेष रूप से पार्टी के नेताओं से, संभावित उम्मीदवारों की चुनावी संभावनाओं के बारे में प्रतिक्रिया एकत्र करेगी।

पार्टी नेताओं ने कहा कि प्रशिक्षण शिविर और प्रतिक्रिया का संग्रह हर लोकसभा क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा, इसमें वे सीटें भी शामिल हैं, जो पार्टी राष्ट्रीय लोकदल जैसे सहयोगियों के लिए छोड़ सकती हैं।

दोनों कवायद चुनाव को लेकर सपा की आंतरिक तैयारी का हिस्सा है।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, सारी कवायद का उद्देश्य भाजपा और उसके सहयोगियों का मुकाबला करने के लिए कार्यकर्ताओं को तैयार करना है। शिविर सभी 80 निर्वाचन क्षेत्रों में आयोजित किए जाएंगे। हमने 2022 के विधानसभा चुनावों में भी ऐसा ही किया था।

1992 में पार्टी की स्थापना के बाद सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव द्वारा प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने की प्रथा पहली बार शुरू की गई थी। तब से यह प्रक्रिया जारी है।

पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी ने कहा, प्रत्येक प्रशिक्षण शिविर दो दिनों तक चलेगा। वरिष्ठ नेता जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं और जिला स्तर पर उनके नेताओं के साथ बातचीत करेंगे।

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पहला प्रशिक्षण शिविर 5 जून को लखीमपुर खीरी में और दूसरा प्रशिक्षण शिविर सीतापुर में लगेगा।

दोनों जिले अपने हिंदू धार्मिक स्थलों के लिए जाने जाते हैं। लखीमपुर खीरी में देवकाली और सीतापुर में नैमिषारण्य धाम स्थित है।

एक सपा नेता ने कहा, शिविर में शामिल होने वाले प्रतिभागियों के लिए आवास और भोजन को ध्यान में रखते हुए उपरोक्त स्थानों का चयन किया गया है। दोनों जिलों में हिंदू धार्मिक स्थल होनेा एक अतिरिक्त विशेषता है।

पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आयोजित प्रशिक्षण शिविरों को वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव और शिवपाल यादव सहित अन्य शीर्ष नेता संबोधित करेंगे।

एक बार जब प्रशिक्षण शिविर समाप्त हो जाएंगे, तो उम्मीद की जाती है कि अगस्त तक, पार्टी नेतृत्व प्रत्येक संसदीय क्षेत्र के लिए वरिष्ठ नेताओं की एक टीम नियुक्त करेगा, जो आम तौर पर लोगों से, और विशेष रूप से पार्टी के नेताओं से, संभावित उम्मीदवारों की चुनावी संभावनाओं के बारे में प्रतिक्रिया एकत्र करेगी।

पार्टी नेताओं ने कहा कि प्रशिक्षण शिविर और प्रतिक्रिया का संग्रह हर लोकसभा क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा, इसमें वे सीटें भी शामिल हैं, जो पार्टी राष्ट्रीय लोकदल जैसे सहयोगियों के लिए छोड़ सकती हैं।

दोनों कवायद चुनाव को लेकर सपा की आंतरिक तैयारी का हिस्सा है।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, सारी कवायद का उद्देश्य भाजपा और उसके सहयोगियों का मुकाबला करने के लिए कार्यकर्ताओं को तैयार करना है। शिविर सभी 80 निर्वाचन क्षेत्रों में आयोजित किए जाएंगे। हमने 2022 के विधानसभा चुनावों में भी ऐसा ही किया था।

1992 में पार्टी की स्थापना के बाद सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव द्वारा प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने की प्रथा पहली बार शुरू की गई थी। तब से यह प्रक्रिया जारी है।

पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी ने कहा, प्रत्येक प्रशिक्षण शिविर दो दिनों तक चलेगा। वरिष्ठ नेता जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं और जिला स्तर पर उनके नेताओं के साथ बातचीत करेंगे।

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पहला प्रशिक्षण शिविर 5 जून को लखीमपुर खीरी में और दूसरा प्रशिक्षण शिविर सीतापुर में लगेगा।

दोनों जिले अपने हिंदू धार्मिक स्थलों के लिए जाने जाते हैं। लखीमपुर खीरी में देवकाली और सीतापुर में नैमिषारण्य धाम स्थित है।

एक सपा नेता ने कहा, शिविर में शामिल होने वाले प्रतिभागियों के लिए आवास और भोजन को ध्यान में रखते हुए उपरोक्त स्थानों का चयन किया गया है। दोनों जिलों में हिंदू धार्मिक स्थल होनेा एक अतिरिक्त विशेषता है।

पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आयोजित प्रशिक्षण शिविरों को वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव और शिवपाल यादव सहित अन्य शीर्ष नेता संबोधित करेंगे।

एक बार जब प्रशिक्षण शिविर समाप्त हो जाएंगे, तो उम्मीद की जाती है कि अगस्त तक, पार्टी नेतृत्व प्रत्येक संसदीय क्षेत्र के लिए वरिष्ठ नेताओं की एक टीम नियुक्त करेगा, जो आम तौर पर लोगों से, और विशेष रूप से पार्टी के नेताओं से, संभावित उम्मीदवारों की चुनावी संभावनाओं के बारे में प्रतिक्रिया एकत्र करेगी।

पार्टी नेताओं ने कहा कि प्रशिक्षण शिविर और प्रतिक्रिया का संग्रह हर लोकसभा क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा, इसमें वे सीटें भी शामिल हैं, जो पार्टी राष्ट्रीय लोकदल जैसे सहयोगियों के लिए छोड़ सकती हैं।

दोनों कवायद चुनाव को लेकर सपा की आंतरिक तैयारी का हिस्सा है।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, सारी कवायद का उद्देश्य भाजपा और उसके सहयोगियों का मुकाबला करने के लिए कार्यकर्ताओं को तैयार करना है। शिविर सभी 80 निर्वाचन क्षेत्रों में आयोजित किए जाएंगे। हमने 2022 के विधानसभा चुनावों में भी ऐसा ही किया था।

1992 में पार्टी की स्थापना के बाद सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव द्वारा प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने की प्रथा पहली बार शुरू की गई थी। तब से यह प्रक्रिया जारी है।

पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी ने कहा, प्रत्येक प्रशिक्षण शिविर दो दिनों तक चलेगा। वरिष्ठ नेता जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं और जिला स्तर पर उनके नेताओं के साथ बातचीत करेंगे।

–आईएएनएस

सीबीटी

लखनऊ, 4 जून (आईएएनएस)। नरम हिंदुत्व को आगे बढ़ाने के अपने फैसले के बाद उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए अपने चुनाव अभियान की शुरुआत नैमिषारण्य धाम से करेगी। पार्टी अपने कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर रही है।

पहला प्रशिक्षण शिविर 5 जून को लखीमपुर खीरी में और दूसरा प्रशिक्षण शिविर सीतापुर में लगेगा।

दोनों जिले अपने हिंदू धार्मिक स्थलों के लिए जाने जाते हैं। लखीमपुर खीरी में देवकाली और सीतापुर में नैमिषारण्य धाम स्थित है।

एक सपा नेता ने कहा, शिविर में शामिल होने वाले प्रतिभागियों के लिए आवास और भोजन को ध्यान में रखते हुए उपरोक्त स्थानों का चयन किया गया है। दोनों जिलों में हिंदू धार्मिक स्थल होनेा एक अतिरिक्त विशेषता है।

पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आयोजित प्रशिक्षण शिविरों को वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव और शिवपाल यादव सहित अन्य शीर्ष नेता संबोधित करेंगे।

एक बार जब प्रशिक्षण शिविर समाप्त हो जाएंगे, तो उम्मीद की जाती है कि अगस्त तक, पार्टी नेतृत्व प्रत्येक संसदीय क्षेत्र के लिए वरिष्ठ नेताओं की एक टीम नियुक्त करेगा, जो आम तौर पर लोगों से, और विशेष रूप से पार्टी के नेताओं से, संभावित उम्मीदवारों की चुनावी संभावनाओं के बारे में प्रतिक्रिया एकत्र करेगी।

पार्टी नेताओं ने कहा कि प्रशिक्षण शिविर और प्रतिक्रिया का संग्रह हर लोकसभा क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा, इसमें वे सीटें भी शामिल हैं, जो पार्टी राष्ट्रीय लोकदल जैसे सहयोगियों के लिए छोड़ सकती हैं।

दोनों कवायद चुनाव को लेकर सपा की आंतरिक तैयारी का हिस्सा है।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, सारी कवायद का उद्देश्य भाजपा और उसके सहयोगियों का मुकाबला करने के लिए कार्यकर्ताओं को तैयार करना है। शिविर सभी 80 निर्वाचन क्षेत्रों में आयोजित किए जाएंगे। हमने 2022 के विधानसभा चुनावों में भी ऐसा ही किया था।

1992 में पार्टी की स्थापना के बाद सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव द्वारा प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने की प्रथा पहली बार शुरू की गई थी। तब से यह प्रक्रिया जारी है।

पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी ने कहा, प्रत्येक प्रशिक्षण शिविर दो दिनों तक चलेगा। वरिष्ठ नेता जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं और जिला स्तर पर उनके नेताओं के साथ बातचीत करेंगे।

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पहला प्रशिक्षण शिविर 5 जून को लखीमपुर खीरी में और दूसरा प्रशिक्षण शिविर सीतापुर में लगेगा।

दोनों जिले अपने हिंदू धार्मिक स्थलों के लिए जाने जाते हैं। लखीमपुर खीरी में देवकाली और सीतापुर में नैमिषारण्य धाम स्थित है।

एक सपा नेता ने कहा, शिविर में शामिल होने वाले प्रतिभागियों के लिए आवास और भोजन को ध्यान में रखते हुए उपरोक्त स्थानों का चयन किया गया है। दोनों जिलों में हिंदू धार्मिक स्थल होनेा एक अतिरिक्त विशेषता है।

पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आयोजित प्रशिक्षण शिविरों को वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव और शिवपाल यादव सहित अन्य शीर्ष नेता संबोधित करेंगे।

एक बार जब प्रशिक्षण शिविर समाप्त हो जाएंगे, तो उम्मीद की जाती है कि अगस्त तक, पार्टी नेतृत्व प्रत्येक संसदीय क्षेत्र के लिए वरिष्ठ नेताओं की एक टीम नियुक्त करेगा, जो आम तौर पर लोगों से, और विशेष रूप से पार्टी के नेताओं से, संभावित उम्मीदवारों की चुनावी संभावनाओं के बारे में प्रतिक्रिया एकत्र करेगी।

पार्टी नेताओं ने कहा कि प्रशिक्षण शिविर और प्रतिक्रिया का संग्रह हर लोकसभा क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा, इसमें वे सीटें भी शामिल हैं, जो पार्टी राष्ट्रीय लोकदल जैसे सहयोगियों के लिए छोड़ सकती हैं।

दोनों कवायद चुनाव को लेकर सपा की आंतरिक तैयारी का हिस्सा है।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, सारी कवायद का उद्देश्य भाजपा और उसके सहयोगियों का मुकाबला करने के लिए कार्यकर्ताओं को तैयार करना है। शिविर सभी 80 निर्वाचन क्षेत्रों में आयोजित किए जाएंगे। हमने 2022 के विधानसभा चुनावों में भी ऐसा ही किया था।

1992 में पार्टी की स्थापना के बाद सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव द्वारा प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने की प्रथा पहली बार शुरू की गई थी। तब से यह प्रक्रिया जारी है।

पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी ने कहा, प्रत्येक प्रशिक्षण शिविर दो दिनों तक चलेगा। वरिष्ठ नेता जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं और जिला स्तर पर उनके नेताओं के साथ बातचीत करेंगे।

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पहला प्रशिक्षण शिविर 5 जून को लखीमपुर खीरी में और दूसरा प्रशिक्षण शिविर सीतापुर में लगेगा।

दोनों जिले अपने हिंदू धार्मिक स्थलों के लिए जाने जाते हैं। लखीमपुर खीरी में देवकाली और सीतापुर में नैमिषारण्य धाम स्थित है।

एक सपा नेता ने कहा, शिविर में शामिल होने वाले प्रतिभागियों के लिए आवास और भोजन को ध्यान में रखते हुए उपरोक्त स्थानों का चयन किया गया है। दोनों जिलों में हिंदू धार्मिक स्थल होनेा एक अतिरिक्त विशेषता है।

पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आयोजित प्रशिक्षण शिविरों को वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव और शिवपाल यादव सहित अन्य शीर्ष नेता संबोधित करेंगे।

एक बार जब प्रशिक्षण शिविर समाप्त हो जाएंगे, तो उम्मीद की जाती है कि अगस्त तक, पार्टी नेतृत्व प्रत्येक संसदीय क्षेत्र के लिए वरिष्ठ नेताओं की एक टीम नियुक्त करेगा, जो आम तौर पर लोगों से, और विशेष रूप से पार्टी के नेताओं से, संभावित उम्मीदवारों की चुनावी संभावनाओं के बारे में प्रतिक्रिया एकत्र करेगी।

पार्टी नेताओं ने कहा कि प्रशिक्षण शिविर और प्रतिक्रिया का संग्रह हर लोकसभा क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा, इसमें वे सीटें भी शामिल हैं, जो पार्टी राष्ट्रीय लोकदल जैसे सहयोगियों के लिए छोड़ सकती हैं।

दोनों कवायद चुनाव को लेकर सपा की आंतरिक तैयारी का हिस्सा है।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, सारी कवायद का उद्देश्य भाजपा और उसके सहयोगियों का मुकाबला करने के लिए कार्यकर्ताओं को तैयार करना है। शिविर सभी 80 निर्वाचन क्षेत्रों में आयोजित किए जाएंगे। हमने 2022 के विधानसभा चुनावों में भी ऐसा ही किया था।

1992 में पार्टी की स्थापना के बाद सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव द्वारा प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने की प्रथा पहली बार शुरू की गई थी। तब से यह प्रक्रिया जारी है।

पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी ने कहा, प्रत्येक प्रशिक्षण शिविर दो दिनों तक चलेगा। वरिष्ठ नेता जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं और जिला स्तर पर उनके नेताओं के साथ बातचीत करेंगे।

–आईएएनएस

सीबीटी

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लखनऊ, 4 जून (आईएएनएस)। नरम हिंदुत्व को आगे बढ़ाने के अपने फैसले के बाद उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए अपने चुनाव अभियान की शुरुआत नैमिषारण्य धाम से करेगी। पार्टी अपने कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर रही है।

पहला प्रशिक्षण शिविर 5 जून को लखीमपुर खीरी में और दूसरा प्रशिक्षण शिविर सीतापुर में लगेगा।

दोनों जिले अपने हिंदू धार्मिक स्थलों के लिए जाने जाते हैं। लखीमपुर खीरी में देवकाली और सीतापुर में नैमिषारण्य धाम स्थित है।

एक सपा नेता ने कहा, शिविर में शामिल होने वाले प्रतिभागियों के लिए आवास और भोजन को ध्यान में रखते हुए उपरोक्त स्थानों का चयन किया गया है। दोनों जिलों में हिंदू धार्मिक स्थल होनेा एक अतिरिक्त विशेषता है।

पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आयोजित प्रशिक्षण शिविरों को वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव और शिवपाल यादव सहित अन्य शीर्ष नेता संबोधित करेंगे।

एक बार जब प्रशिक्षण शिविर समाप्त हो जाएंगे, तो उम्मीद की जाती है कि अगस्त तक, पार्टी नेतृत्व प्रत्येक संसदीय क्षेत्र के लिए वरिष्ठ नेताओं की एक टीम नियुक्त करेगा, जो आम तौर पर लोगों से, और विशेष रूप से पार्टी के नेताओं से, संभावित उम्मीदवारों की चुनावी संभावनाओं के बारे में प्रतिक्रिया एकत्र करेगी।

पार्टी नेताओं ने कहा कि प्रशिक्षण शिविर और प्रतिक्रिया का संग्रह हर लोकसभा क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा, इसमें वे सीटें भी शामिल हैं, जो पार्टी राष्ट्रीय लोकदल जैसे सहयोगियों के लिए छोड़ सकती हैं।

दोनों कवायद चुनाव को लेकर सपा की आंतरिक तैयारी का हिस्सा है।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, सारी कवायद का उद्देश्य भाजपा और उसके सहयोगियों का मुकाबला करने के लिए कार्यकर्ताओं को तैयार करना है। शिविर सभी 80 निर्वाचन क्षेत्रों में आयोजित किए जाएंगे। हमने 2022 के विधानसभा चुनावों में भी ऐसा ही किया था।

1992 में पार्टी की स्थापना के बाद सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव द्वारा प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने की प्रथा पहली बार शुरू की गई थी। तब से यह प्रक्रिया जारी है।

पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी ने कहा, प्रत्येक प्रशिक्षण शिविर दो दिनों तक चलेगा। वरिष्ठ नेता जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं और जिला स्तर पर उनके नेताओं के साथ बातचीत करेंगे।

–आईएएनएस

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लखनऊ, 4 जून (आईएएनएस)। नरम हिंदुत्व को आगे बढ़ाने के अपने फैसले के बाद उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए अपने चुनाव अभियान की शुरुआत नैमिषारण्य धाम से करेगी। पार्टी अपने कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर रही है।

पहला प्रशिक्षण शिविर 5 जून को लखीमपुर खीरी में और दूसरा प्रशिक्षण शिविर सीतापुर में लगेगा।

दोनों जिले अपने हिंदू धार्मिक स्थलों के लिए जाने जाते हैं। लखीमपुर खीरी में देवकाली और सीतापुर में नैमिषारण्य धाम स्थित है।

एक सपा नेता ने कहा, शिविर में शामिल होने वाले प्रतिभागियों के लिए आवास और भोजन को ध्यान में रखते हुए उपरोक्त स्थानों का चयन किया गया है। दोनों जिलों में हिंदू धार्मिक स्थल होनेा एक अतिरिक्त विशेषता है।

पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आयोजित प्रशिक्षण शिविरों को वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव और शिवपाल यादव सहित अन्य शीर्ष नेता संबोधित करेंगे।

एक बार जब प्रशिक्षण शिविर समाप्त हो जाएंगे, तो उम्मीद की जाती है कि अगस्त तक, पार्टी नेतृत्व प्रत्येक संसदीय क्षेत्र के लिए वरिष्ठ नेताओं की एक टीम नियुक्त करेगा, जो आम तौर पर लोगों से, और विशेष रूप से पार्टी के नेताओं से, संभावित उम्मीदवारों की चुनावी संभावनाओं के बारे में प्रतिक्रिया एकत्र करेगी।

पार्टी नेताओं ने कहा कि प्रशिक्षण शिविर और प्रतिक्रिया का संग्रह हर लोकसभा क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा, इसमें वे सीटें भी शामिल हैं, जो पार्टी राष्ट्रीय लोकदल जैसे सहयोगियों के लिए छोड़ सकती हैं।

दोनों कवायद चुनाव को लेकर सपा की आंतरिक तैयारी का हिस्सा है।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, सारी कवायद का उद्देश्य भाजपा और उसके सहयोगियों का मुकाबला करने के लिए कार्यकर्ताओं को तैयार करना है। शिविर सभी 80 निर्वाचन क्षेत्रों में आयोजित किए जाएंगे। हमने 2022 के विधानसभा चुनावों में भी ऐसा ही किया था।

1992 में पार्टी की स्थापना के बाद सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव द्वारा प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने की प्रथा पहली बार शुरू की गई थी। तब से यह प्रक्रिया जारी है।

पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी ने कहा, प्रत्येक प्रशिक्षण शिविर दो दिनों तक चलेगा। वरिष्ठ नेता जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं और जिला स्तर पर उनके नेताओं के साथ बातचीत करेंगे।

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पहला प्रशिक्षण शिविर 5 जून को लखीमपुर खीरी में और दूसरा प्रशिक्षण शिविर सीतापुर में लगेगा।

दोनों जिले अपने हिंदू धार्मिक स्थलों के लिए जाने जाते हैं। लखीमपुर खीरी में देवकाली और सीतापुर में नैमिषारण्य धाम स्थित है।

एक सपा नेता ने कहा, शिविर में शामिल होने वाले प्रतिभागियों के लिए आवास और भोजन को ध्यान में रखते हुए उपरोक्त स्थानों का चयन किया गया है। दोनों जिलों में हिंदू धार्मिक स्थल होनेा एक अतिरिक्त विशेषता है।

पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आयोजित प्रशिक्षण शिविरों को वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव और शिवपाल यादव सहित अन्य शीर्ष नेता संबोधित करेंगे।

एक बार जब प्रशिक्षण शिविर समाप्त हो जाएंगे, तो उम्मीद की जाती है कि अगस्त तक, पार्टी नेतृत्व प्रत्येक संसदीय क्षेत्र के लिए वरिष्ठ नेताओं की एक टीम नियुक्त करेगा, जो आम तौर पर लोगों से, और विशेष रूप से पार्टी के नेताओं से, संभावित उम्मीदवारों की चुनावी संभावनाओं के बारे में प्रतिक्रिया एकत्र करेगी।

पार्टी नेताओं ने कहा कि प्रशिक्षण शिविर और प्रतिक्रिया का संग्रह हर लोकसभा क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा, इसमें वे सीटें भी शामिल हैं, जो पार्टी राष्ट्रीय लोकदल जैसे सहयोगियों के लिए छोड़ सकती हैं।

दोनों कवायद चुनाव को लेकर सपा की आंतरिक तैयारी का हिस्सा है।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, सारी कवायद का उद्देश्य भाजपा और उसके सहयोगियों का मुकाबला करने के लिए कार्यकर्ताओं को तैयार करना है। शिविर सभी 80 निर्वाचन क्षेत्रों में आयोजित किए जाएंगे। हमने 2022 के विधानसभा चुनावों में भी ऐसा ही किया था।

1992 में पार्टी की स्थापना के बाद सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव द्वारा प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने की प्रथा पहली बार शुरू की गई थी। तब से यह प्रक्रिया जारी है।

पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी ने कहा, प्रत्येक प्रशिक्षण शिविर दो दिनों तक चलेगा। वरिष्ठ नेता जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं और जिला स्तर पर उनके नेताओं के साथ बातचीत करेंगे।

–आईएएनएस

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लखनऊ, 4 जून (आईएएनएस)। नरम हिंदुत्व को आगे बढ़ाने के अपने फैसले के बाद उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए अपने चुनाव अभियान की शुरुआत नैमिषारण्य धाम से करेगी। पार्टी अपने कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर रही है।

पहला प्रशिक्षण शिविर 5 जून को लखीमपुर खीरी में और दूसरा प्रशिक्षण शिविर सीतापुर में लगेगा।

दोनों जिले अपने हिंदू धार्मिक स्थलों के लिए जाने जाते हैं। लखीमपुर खीरी में देवकाली और सीतापुर में नैमिषारण्य धाम स्थित है।

एक सपा नेता ने कहा, शिविर में शामिल होने वाले प्रतिभागियों के लिए आवास और भोजन को ध्यान में रखते हुए उपरोक्त स्थानों का चयन किया गया है। दोनों जिलों में हिंदू धार्मिक स्थल होनेा एक अतिरिक्त विशेषता है।

पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आयोजित प्रशिक्षण शिविरों को वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव और शिवपाल यादव सहित अन्य शीर्ष नेता संबोधित करेंगे।

एक बार जब प्रशिक्षण शिविर समाप्त हो जाएंगे, तो उम्मीद की जाती है कि अगस्त तक, पार्टी नेतृत्व प्रत्येक संसदीय क्षेत्र के लिए वरिष्ठ नेताओं की एक टीम नियुक्त करेगा, जो आम तौर पर लोगों से, और विशेष रूप से पार्टी के नेताओं से, संभावित उम्मीदवारों की चुनावी संभावनाओं के बारे में प्रतिक्रिया एकत्र करेगी।

पार्टी नेताओं ने कहा कि प्रशिक्षण शिविर और प्रतिक्रिया का संग्रह हर लोकसभा क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा, इसमें वे सीटें भी शामिल हैं, जो पार्टी राष्ट्रीय लोकदल जैसे सहयोगियों के लिए छोड़ सकती हैं।

दोनों कवायद चुनाव को लेकर सपा की आंतरिक तैयारी का हिस्सा है।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, सारी कवायद का उद्देश्य भाजपा और उसके सहयोगियों का मुकाबला करने के लिए कार्यकर्ताओं को तैयार करना है। शिविर सभी 80 निर्वाचन क्षेत्रों में आयोजित किए जाएंगे। हमने 2022 के विधानसभा चुनावों में भी ऐसा ही किया था।

1992 में पार्टी की स्थापना के बाद सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव द्वारा प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने की प्रथा पहली बार शुरू की गई थी। तब से यह प्रक्रिया जारी है।

पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी ने कहा, प्रत्येक प्रशिक्षण शिविर दो दिनों तक चलेगा। वरिष्ठ नेता जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं और जिला स्तर पर उनके नेताओं के साथ बातचीत करेंगे।

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पहला प्रशिक्षण शिविर 5 जून को लखीमपुर खीरी में और दूसरा प्रशिक्षण शिविर सीतापुर में लगेगा।

दोनों जिले अपने हिंदू धार्मिक स्थलों के लिए जाने जाते हैं। लखीमपुर खीरी में देवकाली और सीतापुर में नैमिषारण्य धाम स्थित है।

एक सपा नेता ने कहा, शिविर में शामिल होने वाले प्रतिभागियों के लिए आवास और भोजन को ध्यान में रखते हुए उपरोक्त स्थानों का चयन किया गया है। दोनों जिलों में हिंदू धार्मिक स्थल होनेा एक अतिरिक्त विशेषता है।

पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आयोजित प्रशिक्षण शिविरों को वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव और शिवपाल यादव सहित अन्य शीर्ष नेता संबोधित करेंगे।

एक बार जब प्रशिक्षण शिविर समाप्त हो जाएंगे, तो उम्मीद की जाती है कि अगस्त तक, पार्टी नेतृत्व प्रत्येक संसदीय क्षेत्र के लिए वरिष्ठ नेताओं की एक टीम नियुक्त करेगा, जो आम तौर पर लोगों से, और विशेष रूप से पार्टी के नेताओं से, संभावित उम्मीदवारों की चुनावी संभावनाओं के बारे में प्रतिक्रिया एकत्र करेगी।

पार्टी नेताओं ने कहा कि प्रशिक्षण शिविर और प्रतिक्रिया का संग्रह हर लोकसभा क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा, इसमें वे सीटें भी शामिल हैं, जो पार्टी राष्ट्रीय लोकदल जैसे सहयोगियों के लिए छोड़ सकती हैं।

दोनों कवायद चुनाव को लेकर सपा की आंतरिक तैयारी का हिस्सा है।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, सारी कवायद का उद्देश्य भाजपा और उसके सहयोगियों का मुकाबला करने के लिए कार्यकर्ताओं को तैयार करना है। शिविर सभी 80 निर्वाचन क्षेत्रों में आयोजित किए जाएंगे। हमने 2022 के विधानसभा चुनावों में भी ऐसा ही किया था।

1992 में पार्टी की स्थापना के बाद सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव द्वारा प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने की प्रथा पहली बार शुरू की गई थी। तब से यह प्रक्रिया जारी है।

पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी ने कहा, प्रत्येक प्रशिक्षण शिविर दो दिनों तक चलेगा। वरिष्ठ नेता जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं और जिला स्तर पर उनके नेताओं के साथ बातचीत करेंगे।

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