नई दिल्ली, 9 जून (आईएएनएस)। दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को लोधी कॉलोनी पुलिस थाने में तैनात एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर को रिश्वत के मामले में दोषी ठहराया।
विशेष न्यायाधीश नमृता अग्रवाल ने एसआई गोपाल सिंह को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि लोक सेवक होने के नाते और इतनी शक्ति होने के कारण पुलिस अधिकारियों से अपेक्षा की जाती है कि वे जरूरत पड़ने पर जनता के लिए उपलब्ध होकर समाज के लिए एक मानक स्थापित करें।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, आरोपी ने अनीता नाम की शिकायतकर्ता से 2 लाख रुपये की रिश्वत मांगी। अनीता और उसके पति के नाम को एक विवाद के संबंध में दायर एक शिकायत से हटाने के बदले में मांग की गई थी, जिसकी जांच आरोपी कर रहा था।
मार्वल कॉमिक्स और फिल्मों के एक प्रसिद्ध सूत्र का हवाला देते हुए जज ने कहा : विथ ग्रेट पावर कम्स ग्रेट रिस्पॉन्सिबिलिटी एक कहावत है, जो हालांकि मार्वल कॉमिक्स और फिल्मों द्वारा लोकप्रिय हुई, विशेष रूप से लोक सेवकों के लिए एक कठिन आचार संहिता बन गई। यह इसका मतलब यह है कि सत्ता का केवल उसके विशेषाधिकारों के लिए आनंद नहीं लिया जा सकता है, लेकिन अनिवार्य रूप से इसके धारकों को नैतिक रूप से जिम्मेदार बनाता है कि वे इसके साथ क्या करना चुनते हैं और वे इसके साथ क्या करने में विफल रहते हैं।
उन्होंने कहा कि सत्ता के पदों पर बैठे व्यक्तियों के लिए विनम्रता और संदेह के साथ सत्ता तक पहुंचना महत्वपूर्ण है, यह पहचानते हुए कि वे स्वाभाविक रूप से उस अधिकार के लायक नहीं हैं और यह उनकी जिम्मेदारी बन जाती है कि वे अपने अधिकार के तहत गरिमा के साथ व्यवहार करें।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पुलिस बल की समाज के भीतर व्यापक उपस्थिति है, जो सरकार के एक ²श्य प्रतिनिधित्व के रूप में कार्य करता है।
लोक सेवकों को महत्वपूर्ण शक्तियां सौंपे जाने के कारण पुलिस अधिकारियों से अपेक्षा की जाती है कि वे आवश्यकता के समय जनता के लिए आसानी से उपलब्ध होकर एक सामाजिक बेंचमार्क स्थापित करें।
उन्होंने कहा, वे भारत के संविधान में निहित जीवन के अधिकार, स्वतंत्रता, सुरक्षा आदि के संरक्षण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस प्रकार, पुलिस जवाबदेही की आवश्यकता उन महान शक्तियों द्वारा स्पष्ट की जाती है जो पुलिस बलों का संचालन करती हैं।
–आईएएनएस
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