रांची, 10 जून (आईएएनएस)। झारखंड सरकार की रिक्रूटमेंट पॉलिसी के विरोध में झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स एसोसिएशन और झारखंड यूथ एसोसिएशन की ओर से बुलाये गये 48 घंटे का झारखंड बंद आज से शुरू हो गया है। राज्य के ज्यादातर जिलों में इसका मिला-जुला असर दिख रहा है।
बंद समर्थक संगठनों की मांग है कि झारखंड में तीसरे और चौथे दर्जे की नौकरियों में शत-प्रतिशत झारखंडियों के लिए आरक्षित किया जाए और झारखंडी उन्हें माना जाए, जिनके पूर्वजों के नाम 1932 के लैंड सर्वे के कागजात (खतियान) में दर्ज हों। सरकार ने रिक्रूटमेंट की जो पॉलिसी लाई है, उसमें इन नौकरियों में 40 फीसदी सीटें ओपन टू ऑल हैं। यानी 40 फीसदी सीटों पर झारखंड से बाहर के प्रदेशों के अभ्यर्थियों की भी बहाली हो सकती है।
पिछले तीन महीनों में यह तीसरी बार है, जब इस मुद्दे को लेकर छात्र संगठनों ने झारखंड बंद बुलाया है। इस बार 10 और 11 जून को दो दिवसीय बंद का ऐलान किया गया है। रांची, हजारीबाग, रामगढ़, गिरिडीह, बोकारो, धनबाद, साहिबगंज सहित कई शहरों में बंद समर्थक सुबह से ही सड़कों पर उतरे हैं। सबसे ज्यादा असर लंबी दूरी के वाहनों पर पड़ा है। राजधानी रांची में सामान्य दिनों की अपेक्षा आज कम वाहन सड़कों पर दिखाई दे रहे हैं वहीं दूसरी ओर राजधानी से खुलने वाली अधिकांश बसों को बस स्टैंड में ही रोक दिया गया है। हालांकि बाजार सामान्य दिनों की तरह खुले हैं। झारखंड बंद को देखते हुए रांची जिला प्रशासन ने 107 नेताओं को नोटिस भेजा है। इनमें अमर महतो, विनय कुमार वर्मा, शैलेंद्र यादव, अनिल महतो, कमलेश राम, शमीम अली, सुमित उरांव, उमेश यादव, संजय महतो, मोतीलाल महतो, सोनू कुमार, मनोज यादव, योगेश भारती, सत्यनारायण शुक्ला, अमनदीप मुंडा सहित अन्य लोग शामिल हैं। रांची में 1,500 पुलिस के जवान तैनात किए गये हैं। बंद समर्थकों पर नजर रखने के लिए मुख्यमंत्री आवास, मोरहाबादी मैदान और उसके आसपास के इलाके में दो दर्जन से अधिक अलग से सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं। इसके अलावा दो ड्रोन कैमरा भी रखा गया है। झारखंड बंद के दौरान ड्रोन कैमरे से बंद समर्थकों की गतिविधियों की निगरानी की जायेगी। रांची के एसएसपी कौशल किशोर ने कहा है कि झारखंड बंद के दौरान अशांति फैलाने वाले लोगों को कतई बख्शा नहीं जायेगा।
रांची-टाटा रोड पर नामकुम थाना क्षेत्र के रामपुर के पास बंद समर्थकों ने शनिवार को सड़क पर टायर जलाया। हालांकि जैसी ही पुलिस को सूचना मिली, पुलिस वहां पहुंच गयी। इसके बाद बंद समर्थक भाग निकले। सरायकेला-खरसावां जिले में चौका-कांड्रा सड़क पर बंद समर्थक निकले और छिटपुट रूप से चल रहे मालवाहक वाहनों को बंद कराया।
साहिबगंज में बंद समर्थकों ने बाजार एवं दुकानें बंद करा दीं। यहां गाड़ियों को चलने से रोका जा रहा है। चाईबासा में बंद का मिला-जुला असर है। यहां भी बंद समर्थकों ने जगह-जगह रास्ता रोका है।
–आईएएनएस
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