ग्रेटर नोएडा, 10 जून (आईएएनएस)। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी का एक नया कारनामा सामने आया है। एक आरटीआई के जवाब में ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने बताया है कि डेढ़ साल में 4 करोड़ 80 लाख रुपए की बिजली खर्च की गई है। पहले 2 साल में 71 लाख रुपए चाय पर खर्च करने का जवाब ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने आरटीआई पर दिया था और अब बिजली के बिल का।
दरअसल ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का कार्यालय लगभग 400 करोड़ रुपये की लागत से तैयार कर इको फ्रैंडली का दम भरा गया था। दावा किया गया था कि ऊर्जा (बिजली) की कम खपत होगी। आप को जानकर आश्चर्य होगा कि प्राधिकरण कार्यालय का एक-एक माह का बिजली बिल चालीस लाख रुपये तक का है। वातानुकूलित कार्यालय में बैठ अधिकारियों ने मात्र डेढ़ साल में चार करोड़ अस्सी लाख रुपये की बिजली का उपयोग कर लिया।
अधिकारियों व कर्मचारियों की सुविधा का ध्यान रखते हुए उन्हे कार्यालय के लिए बड़े-बड़े कमरे दिए गए। दावा किया गया था कि बिल्डिंग की डिजाइन इस प्रकार से तैयार की गई कि ऊर्जा की बहुत कम खपत होगी, लेकिन अब बिजली का एक-एक माह का बिल बीस से लेकर चालीस लाख रुपये तक का है। अमूमन गर्मी के समय बिजली का बिल ज्यादा और ठंड में कम आता है, लेकिन यहां उल्टा है। जनवरी में पड़ने वाली कड़ाके की ठंड में भी बिजली का बिल 28 लाख रुपये तक का है। जनवरी व फरवरी 2021 में कार्यालय का बिजली बिल 27 व 28 लाख रुपये का है। वहीं, मई में पड़ने गर्मी में बिल 21 लाख का है। जो कि समझ से परे है। जून 2022 में सर्वाधिक बिल 39 लाख रुपये का है। भारी भरकम बिल से ही पता चल जाता है बिजली की बचत करने को लेकर अधिकारी कितने संजीदा हैं।
–आईएएनएस
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