गुवाहाटी, 11 जून (आईएएनएस)। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को सभी उपायुक्तों (डीसी) और अन्य अधिकारियों को मानसून से पहले राज्य में बाढ़ की तैयारी व रिस्पांस सिस्टम (प्रतिक्रिया प्रणाली) को तेज करने का आदेश दिया है।
मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को राहत शिविर स्थापित करने और राहत वितरण केंद्रों को सुव्यवस्थित करने को कहा है। उन्होंने जिले के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे पिछले साल के तटबंध टूटने वाले क्षेत्रों का दौरा करें, ताकि उसके अनुसार एहतियाती कदम उठाए जा सकें।
उन्होंने जिला प्रशासन से संवेदनशील क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या में जियोबैग्स उपलब्ध कराने को भी कहा है। उन्होंने कहा कि उपायुक्तों को अपने जिलों में उपलब्ध खाद्य भंडार और बफर स्टॉक व चारा स्टॉक की उपलब्धता का आकलन करना चाहिए।
पिछले साल कछार जिले में बराक नदी के तटबंध के टूटने से हुए नुकसान का जिक्र करते हुए सीएम सरमा ने जिले के अधिकारियों से तटबंधों को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी अनैतिक तत्वों को रोकने के लिए कड़ी निगरानी रखने को कहा है, जिससे बड़े पैमाने पर बाढ़ आ सकती है।
मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को बैठकें करने और अपने-अपने जिलों के लिए डॉक्टरों की उपलब्धता पर एक योजना तैयार करने के लिए आदेश दिया है। उन्होंने राहत शिविरों में डॉक्टरों और नर्सो को शिविर निवासियों के किसी भी चिकित्सा आपात स्थिति में भाग लेने का भी निर्देश दिया।
सीएम ने डीसी कामरूप (मेट्रो) को जिले के 382 भूस्खलन संभावित क्षेत्रों पर निरंतर निगरानी रखने और भारी व लगातार बारिश के मामले में जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया है।
असम में मानसून की बाढ़ एक वार्षिक घटना है। बाढ़ हर साल आबादी के एक बड़े हिस्से को प्रभावित करती है। पिछले साल, राज्य ने दीमा हसाओ जिले में विनाशकारी प्रभाव वाली बाढ़ देखी।
–आईएएनएस
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