कोच्चि, 12 जून (आईएएनएस)। एक महिला ने केरल हाई कोर्ट में एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है, जिसमें आरोप लगाया है कि उसे उसकी समलैंगिक पार्टनर को उसके माता-पिता ने जबरदस्ती उससे अलग कर दिया। महिला ने अदालत से मदद की गुहार लगाई है।
हाई कोर्ट की खंडपीठ ने याचिका पर विचार करने के बाद पुलिस को निर्देश दिया कि वह याचिकाकर्ता की पार्टनर को 19 जून तक अदालत के सामने पेश करे।
कोर्ट ने याचिकाकर्ता की पार्टनर के माता-पिता को भी नोटिस जारी किया।
अपनी दलील में शिकायतकर्ता ने कहा कि वह और उसकी साथी दोनों रूढ़िवादी मुस्लिम परिवारों से हैं और उनके परिवारों को उनके रिश्ते के बारे में पता चलने के बाद, उन्होंने उन्हें अलग करने की बहुत कोशिश की।
इसके बाद दोनों समलैंगिक पार्टनर 27 जनवरी को अपने घर से चली गई लेकिन जल्द ही दोनों महिलाओं के रिश्तेदारों ने पुलिस से संपर्क किया और अपराध दर्ज करवा दिया।
फिर निचली अदालत उनके बचाव में आई और दोनों को एक साथ रहने की अनुमति दी और वे एनार्कुलम जिले में बस गए। महिला ने कहा कि अब उसकी साथी को उसके माता-पिता ने 30 मई को जबरदस्ती उठा लिया और फिलहाल वह उनकी कैद में है।
अपनी दलील में महिला ने आगे कहा कि इस बारे में पुलिस से संपर्क करने के बावजूद पुलिस कार्रवाई करने में विफल रही और उसे शक है कि उसकी पार्टनर को उसका परिवार देश से बाहर भेज देगा।
–आईएएनएस
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