लखनऊ, 14 जून (आईएएनएस)। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने उस जनहित याचिका (पीआईएल) को खारिज कर दिया है, जिसमें लखनऊ जिला अदालत परिसर में गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी जीवा की 7 जून को हुई हत्या की केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच कराने की मांग की गई थी।
न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने जनहित याचिका को खारिज कर दिया। मामले में जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। याचिका स्थानीय वकील एम.एल. यादव ने दायर की थी।
राज्य सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश के महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा कोर्ट में पेश हुए।
याचिका की सुनवाई के दौरान मिश्रा ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने घटना की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है।
मिश्रा ने अदालत से कहा, तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एसआईटी का हिस्सा हैं और यह घटना केवल छह दिन पहले हुई है।
एसआईटी अगले 48 घंटों में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप सकती है।
संजीव माहेश्वरी जीवा की जिला अदालत स्थित एससी/एसटी कोर्ट रूम में हमलावर विजय यादव ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
–आईएएनएस
सीबीटी
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लखनऊ, 14 जून (आईएएनएस)। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने उस जनहित याचिका (पीआईएल) को खारिज कर दिया है, जिसमें लखनऊ जिला अदालत परिसर में गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी जीवा की 7 जून को हुई हत्या की केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच कराने की मांग की गई थी।
न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने जनहित याचिका को खारिज कर दिया। मामले में जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। याचिका स्थानीय वकील एम.एल. यादव ने दायर की थी।
राज्य सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश के महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा कोर्ट में पेश हुए।
याचिका की सुनवाई के दौरान मिश्रा ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने घटना की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है।
मिश्रा ने अदालत से कहा, तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एसआईटी का हिस्सा हैं और यह घटना केवल छह दिन पहले हुई है।
एसआईटी अगले 48 घंटों में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप सकती है।
संजीव माहेश्वरी जीवा की जिला अदालत स्थित एससी/एसटी कोर्ट रूम में हमलावर विजय यादव ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
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न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने जनहित याचिका को खारिज कर दिया। मामले में जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। याचिका स्थानीय वकील एम.एल. यादव ने दायर की थी।
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याचिका की सुनवाई के दौरान मिश्रा ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने घटना की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है।
मिश्रा ने अदालत से कहा, तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एसआईटी का हिस्सा हैं और यह घटना केवल छह दिन पहले हुई है।
एसआईटी अगले 48 घंटों में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप सकती है।
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न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने जनहित याचिका को खारिज कर दिया। मामले में जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। याचिका स्थानीय वकील एम.एल. यादव ने दायर की थी।
राज्य सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश के महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा कोर्ट में पेश हुए।
याचिका की सुनवाई के दौरान मिश्रा ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने घटना की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है।
मिश्रा ने अदालत से कहा, तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एसआईटी का हिस्सा हैं और यह घटना केवल छह दिन पहले हुई है।
एसआईटी अगले 48 घंटों में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप सकती है।
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न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने जनहित याचिका को खारिज कर दिया। मामले में जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। याचिका स्थानीय वकील एम.एल. यादव ने दायर की थी।
राज्य सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश के महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा कोर्ट में पेश हुए।
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मिश्रा ने अदालत से कहा, तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एसआईटी का हिस्सा हैं और यह घटना केवल छह दिन पहले हुई है।
एसआईटी अगले 48 घंटों में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप सकती है।
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राज्य सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश के महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा कोर्ट में पेश हुए।
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राज्य सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश के महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा कोर्ट में पेश हुए।
याचिका की सुनवाई के दौरान मिश्रा ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने घटना की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है।
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एसआईटी अगले 48 घंटों में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप सकती है।
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न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने जनहित याचिका को खारिज कर दिया। मामले में जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। याचिका स्थानीय वकील एम.एल. यादव ने दायर की थी।
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मिश्रा ने अदालत से कहा, तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एसआईटी का हिस्सा हैं और यह घटना केवल छह दिन पहले हुई है।
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राज्य सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश के महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा कोर्ट में पेश हुए।
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मिश्रा ने अदालत से कहा, तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एसआईटी का हिस्सा हैं और यह घटना केवल छह दिन पहले हुई है।
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न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने जनहित याचिका को खारिज कर दिया। मामले में जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। याचिका स्थानीय वकील एम.एल. यादव ने दायर की थी।
राज्य सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश के महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा कोर्ट में पेश हुए।
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