नई दिल्ली, 14 जून (आईएएनएस)। राजस्थान के भरतपुर इलाके से पीड़ितों, खासकर वरिष्ठ नागरिकों का सेक्सटॉर्शन करने वाले मेवात के एक 50 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने कहा कि आरोपी की पहचान भरतपुर जिला निवासी अलामुद्दीन के रूप में हुई है। उसके पास से जब्त किए गए आठ फोन में से पीड़ितों के 140 वीडियो, स्क्रीनशॉट भी बरामद किए गए हैं।
अधिकारी ने कहा कि एक मोबाइल में पीड़ितों के साथ कुछ चैट भी थी। आरोपी दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की तस्वीरों को व्हाट्सऐप फोटो के रूप में इस्तेमाल कर रहा था।
मूलचंद गर्ग ने पांच जून को दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके आधार पर आरोपी की गिरफ्तारी हुई है। गर्ग ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि 31 मई को उन्हें एक अज्ञात व्हाट्सऐप वीडियो कॉल मिला था, जिसमें एक लड़की बिना कपड़े के बैठी थी और उसके बाद कॉल काट दी गई थी।
पीड़ित ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि लड़की ने उसके फेस का स्क्रीनशॉट ले लिया था। कुछ समय बाद, उन्हें दो अन्य नंबरों से फोन आया। फोन करने वाले लोगों ने दिल्ली में साइबर क्राइम डिवीजन से होने का दावा किया था। उन्होंने पीड़ित को बताया कि कथित स्क्रीनशॉट वायरल होने वाला है।
पीड़ित को बड़ी रकम चुकाने की धमकी दी। उन्होंने कहा कि यदि जल्दी पैसे नहीं दिए गए तो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जाएगा और आपकी गिरफ्तारी हो जाएगी। नतीजतन, शिकायतकर्ता ने जालसाज द्वारा दिए गए बैंक खाते में 47,076 रुपये ट्रांसफर कर दिए।
शाहदरा के डीसीपी रोहित मीणा ने कहा कि जांच के दौरान एक खास नंबर की पहचान हुई जो राजस्थान के अभयपुर इलाके में सक्रिय था। 8 जून को स्थानीय कानून प्रवर्तन के साथ एक पुलिस दल अभयपुर पहुंचा और अलामुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया
अलामुद्दीन की तलाशी लेने पर उसके कब्जे से आठ मोबाइल फोन और छह सिम कार्ड बरामद हुए। डीसीपी ने कहा कि मोबाइल फोन के विश्लेषण में विभिन्न पीड़ितों की विशेषता वाले 140 स्क्रीनशॉट का पता चला, जिनमें से अधिकांश वरिष्ठ नागरिक थे। इन स्क्रीनशॉट में पीड़ितों को एक नग्न लड़की की स्पष्ट इमेज के साथ चित्रित किया गया था।
इसके अलावा, अलामुद्दीन ने कबूल किया कि उसने और उसके दो बेटों ने कई पीड़ितों के खिलाफ इसी तरह के अपराध किए थे और काफी पैसा कमाया था।
अलामुद्दीन को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। डीसीपी ने कहा, गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान करने, उनकी गतिविधियों से संबंधित अतिरिक्त खातों का पता लगाने और अन्य शिकायतों व गिरोह से जुड़े पीड़ितों के बीच संबंध स्थापित करने के लिए जांच चल रही है।
–आईएएनएस
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