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Home ताज़ा समाचार

भाविक कोलाडिया का देशद्रोहियों में शामिल होना बेहद दुखद : अशनीर

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December 24, 2022
in ताज़ा समाचार
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भाविक कोलाडिया का देशद्रोहियों में शामिल होना बेहद दुखद : अशनीर
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नई दिल्ली, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतपे के पूर्व सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक अश्नीर ग्रोवर ने अपनी पुस्तक दोगलापन में सह-संस्थापक शाश्वत मनसुखभाई नकरानी और भाविक कोलाडिया पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि उनके लिए यह जानना सबसे दर्दनाक था कि कोलाडिया देशद्रोहियों में से थे।

कोलाडिया इस साल फिनटेक कंपनी से अन्य कार्यो के लिए आगे बढ़े।

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ग्रोवर ने अपनी किताब में लिखा, मैं अकेला व्यक्ति था, जिसने उन पर विश्वास किया और अमेरिका में उनकी असफल शुरुआत के बाद उन्हें कामयाबी हासिल करने के लिए प्रेरित किया। मैंने उन्हें भारतपे शुरू करने के महीनों के भीतर 4 करोड़ रुपये का सेकेंडरी करने की अनुमति दी थी, जबकि कंपनी ने केवल 1.9 करोड़ रुपये जुटाए थे।

ग्रोवर ने आगे कहा, भाविक मालवीय नगर में मेरे पूरी तरह से सुसज्जित घर में दो साल तक बिना किराए का एक पैसा दिए रहे। माधुरी ने अपना कारोबार शुरू करने के लिए उनकी पत्नी को करोड़ों रुपये कर्ज के रूप में दिए।

नकरानी के बारे में ग्रोवर ने कहा कि वह मानने लगे हैं कि जो कुछ नहीं करता वह सबसे ज्यादा फायदे में रहता है।

ग्रोवर ने आरोप लगाया, सुहेल से प्रभावित सीईओ, जो बाद में शामिल हुए, उन्होंने किसी भी बोर्ड मीटिंग में एक शब्द भी नहीं कहा और किसी भी निवेशक द्वारा एक पैसा भी उन पर नहीं लगाया गया। मेरे भारतपे का एकमात्र चेहरा बनने के बाद वह शायद बहुत छोटा महसूस करने लगे। उन्हें इस बारे में अन्य साजिशकर्ताओं द्वारा परेशान किया गया होगा।

उन्होंने अपनी पुस्तक में कहा, विडंबना यह है कि मैं वह था, जिसने उन्हें अपने निवेशकों से बचाया था, जबकि मैंने भारी-भरकम लिफ्टिंग की थी, क्योंकि वह आईआईटी-दिल्ली वापस गए और स्नातक की पढ़ाई पूरी की, संस्थान से तो वह पहले ही बाहर हो गए।

अपने कार्यकाल के दौरान भारतपे में 88.6 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में दीवानी मुकदमे का सामना कर रहे ग्रोवर ने इससे पहले सीईओ समीर और अध्यक्ष रजनीश कुमार पर निशाना साधा था।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

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नई दिल्ली, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतपे के पूर्व सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक अश्नीर ग्रोवर ने अपनी पुस्तक दोगलापन में सह-संस्थापक शाश्वत मनसुखभाई नकरानी और भाविक कोलाडिया पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि उनके लिए यह जानना सबसे दर्दनाक था कि कोलाडिया देशद्रोहियों में से थे।

कोलाडिया इस साल फिनटेक कंपनी से अन्य कार्यो के लिए आगे बढ़े।

ग्रोवर ने अपनी किताब में लिखा, मैं अकेला व्यक्ति था, जिसने उन पर विश्वास किया और अमेरिका में उनकी असफल शुरुआत के बाद उन्हें कामयाबी हासिल करने के लिए प्रेरित किया। मैंने उन्हें भारतपे शुरू करने के महीनों के भीतर 4 करोड़ रुपये का सेकेंडरी करने की अनुमति दी थी, जबकि कंपनी ने केवल 1.9 करोड़ रुपये जुटाए थे।

ग्रोवर ने आगे कहा, भाविक मालवीय नगर में मेरे पूरी तरह से सुसज्जित घर में दो साल तक बिना किराए का एक पैसा दिए रहे। माधुरी ने अपना कारोबार शुरू करने के लिए उनकी पत्नी को करोड़ों रुपये कर्ज के रूप में दिए।

नकरानी के बारे में ग्रोवर ने कहा कि वह मानने लगे हैं कि जो कुछ नहीं करता वह सबसे ज्यादा फायदे में रहता है।

ग्रोवर ने आरोप लगाया, सुहेल से प्रभावित सीईओ, जो बाद में शामिल हुए, उन्होंने किसी भी बोर्ड मीटिंग में एक शब्द भी नहीं कहा और किसी भी निवेशक द्वारा एक पैसा भी उन पर नहीं लगाया गया। मेरे भारतपे का एकमात्र चेहरा बनने के बाद वह शायद बहुत छोटा महसूस करने लगे। उन्हें इस बारे में अन्य साजिशकर्ताओं द्वारा परेशान किया गया होगा।

उन्होंने अपनी पुस्तक में कहा, विडंबना यह है कि मैं वह था, जिसने उन्हें अपने निवेशकों से बचाया था, जबकि मैंने भारी-भरकम लिफ्टिंग की थी, क्योंकि वह आईआईटी-दिल्ली वापस गए और स्नातक की पढ़ाई पूरी की, संस्थान से तो वह पहले ही बाहर हो गए।

अपने कार्यकाल के दौरान भारतपे में 88.6 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में दीवानी मुकदमे का सामना कर रहे ग्रोवर ने इससे पहले सीईओ समीर और अध्यक्ष रजनीश कुमार पर निशाना साधा था।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

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नई दिल्ली, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतपे के पूर्व सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक अश्नीर ग्रोवर ने अपनी पुस्तक दोगलापन में सह-संस्थापक शाश्वत मनसुखभाई नकरानी और भाविक कोलाडिया पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि उनके लिए यह जानना सबसे दर्दनाक था कि कोलाडिया देशद्रोहियों में से थे।

कोलाडिया इस साल फिनटेक कंपनी से अन्य कार्यो के लिए आगे बढ़े।

ग्रोवर ने अपनी किताब में लिखा, मैं अकेला व्यक्ति था, जिसने उन पर विश्वास किया और अमेरिका में उनकी असफल शुरुआत के बाद उन्हें कामयाबी हासिल करने के लिए प्रेरित किया। मैंने उन्हें भारतपे शुरू करने के महीनों के भीतर 4 करोड़ रुपये का सेकेंडरी करने की अनुमति दी थी, जबकि कंपनी ने केवल 1.9 करोड़ रुपये जुटाए थे।

ग्रोवर ने आगे कहा, भाविक मालवीय नगर में मेरे पूरी तरह से सुसज्जित घर में दो साल तक बिना किराए का एक पैसा दिए रहे। माधुरी ने अपना कारोबार शुरू करने के लिए उनकी पत्नी को करोड़ों रुपये कर्ज के रूप में दिए।

नकरानी के बारे में ग्रोवर ने कहा कि वह मानने लगे हैं कि जो कुछ नहीं करता वह सबसे ज्यादा फायदे में रहता है।

ग्रोवर ने आरोप लगाया, सुहेल से प्रभावित सीईओ, जो बाद में शामिल हुए, उन्होंने किसी भी बोर्ड मीटिंग में एक शब्द भी नहीं कहा और किसी भी निवेशक द्वारा एक पैसा भी उन पर नहीं लगाया गया। मेरे भारतपे का एकमात्र चेहरा बनने के बाद वह शायद बहुत छोटा महसूस करने लगे। उन्हें इस बारे में अन्य साजिशकर्ताओं द्वारा परेशान किया गया होगा।

उन्होंने अपनी पुस्तक में कहा, विडंबना यह है कि मैं वह था, जिसने उन्हें अपने निवेशकों से बचाया था, जबकि मैंने भारी-भरकम लिफ्टिंग की थी, क्योंकि वह आईआईटी-दिल्ली वापस गए और स्नातक की पढ़ाई पूरी की, संस्थान से तो वह पहले ही बाहर हो गए।

अपने कार्यकाल के दौरान भारतपे में 88.6 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में दीवानी मुकदमे का सामना कर रहे ग्रोवर ने इससे पहले सीईओ समीर और अध्यक्ष रजनीश कुमार पर निशाना साधा था।

–आईएएनएस

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कोलाडिया इस साल फिनटेक कंपनी से अन्य कार्यो के लिए आगे बढ़े।

ग्रोवर ने अपनी किताब में लिखा, मैं अकेला व्यक्ति था, जिसने उन पर विश्वास किया और अमेरिका में उनकी असफल शुरुआत के बाद उन्हें कामयाबी हासिल करने के लिए प्रेरित किया। मैंने उन्हें भारतपे शुरू करने के महीनों के भीतर 4 करोड़ रुपये का सेकेंडरी करने की अनुमति दी थी, जबकि कंपनी ने केवल 1.9 करोड़ रुपये जुटाए थे।

ग्रोवर ने आगे कहा, भाविक मालवीय नगर में मेरे पूरी तरह से सुसज्जित घर में दो साल तक बिना किराए का एक पैसा दिए रहे। माधुरी ने अपना कारोबार शुरू करने के लिए उनकी पत्नी को करोड़ों रुपये कर्ज के रूप में दिए।

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कोलाडिया इस साल फिनटेक कंपनी से अन्य कार्यो के लिए आगे बढ़े।

ग्रोवर ने अपनी किताब में लिखा, मैं अकेला व्यक्ति था, जिसने उन पर विश्वास किया और अमेरिका में उनकी असफल शुरुआत के बाद उन्हें कामयाबी हासिल करने के लिए प्रेरित किया। मैंने उन्हें भारतपे शुरू करने के महीनों के भीतर 4 करोड़ रुपये का सेकेंडरी करने की अनुमति दी थी, जबकि कंपनी ने केवल 1.9 करोड़ रुपये जुटाए थे।

ग्रोवर ने आगे कहा, भाविक मालवीय नगर में मेरे पूरी तरह से सुसज्जित घर में दो साल तक बिना किराए का एक पैसा दिए रहे। माधुरी ने अपना कारोबार शुरू करने के लिए उनकी पत्नी को करोड़ों रुपये कर्ज के रूप में दिए।

नकरानी के बारे में ग्रोवर ने कहा कि वह मानने लगे हैं कि जो कुछ नहीं करता वह सबसे ज्यादा फायदे में रहता है।

ग्रोवर ने आरोप लगाया, सुहेल से प्रभावित सीईओ, जो बाद में शामिल हुए, उन्होंने किसी भी बोर्ड मीटिंग में एक शब्द भी नहीं कहा और किसी भी निवेशक द्वारा एक पैसा भी उन पर नहीं लगाया गया। मेरे भारतपे का एकमात्र चेहरा बनने के बाद वह शायद बहुत छोटा महसूस करने लगे। उन्हें इस बारे में अन्य साजिशकर्ताओं द्वारा परेशान किया गया होगा।

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ग्रोवर ने आगे कहा, भाविक मालवीय नगर में मेरे पूरी तरह से सुसज्जित घर में दो साल तक बिना किराए का एक पैसा दिए रहे। माधुरी ने अपना कारोबार शुरू करने के लिए उनकी पत्नी को करोड़ों रुपये कर्ज के रूप में दिए।

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ग्रोवर ने आगे कहा, भाविक मालवीय नगर में मेरे पूरी तरह से सुसज्जित घर में दो साल तक बिना किराए का एक पैसा दिए रहे। माधुरी ने अपना कारोबार शुरू करने के लिए उनकी पत्नी को करोड़ों रुपये कर्ज के रूप में दिए।

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ग्रोवर ने आगे कहा, भाविक मालवीय नगर में मेरे पूरी तरह से सुसज्जित घर में दो साल तक बिना किराए का एक पैसा दिए रहे। माधुरी ने अपना कारोबार शुरू करने के लिए उनकी पत्नी को करोड़ों रुपये कर्ज के रूप में दिए।

नकरानी के बारे में ग्रोवर ने कहा कि वह मानने लगे हैं कि जो कुछ नहीं करता वह सबसे ज्यादा फायदे में रहता है।

ग्रोवर ने आरोप लगाया, सुहेल से प्रभावित सीईओ, जो बाद में शामिल हुए, उन्होंने किसी भी बोर्ड मीटिंग में एक शब्द भी नहीं कहा और किसी भी निवेशक द्वारा एक पैसा भी उन पर नहीं लगाया गया। मेरे भारतपे का एकमात्र चेहरा बनने के बाद वह शायद बहुत छोटा महसूस करने लगे। उन्हें इस बारे में अन्य साजिशकर्ताओं द्वारा परेशान किया गया होगा।

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नई दिल्ली, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतपे के पूर्व सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक अश्नीर ग्रोवर ने अपनी पुस्तक दोगलापन में सह-संस्थापक शाश्वत मनसुखभाई नकरानी और भाविक कोलाडिया पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि उनके लिए यह जानना सबसे दर्दनाक था कि कोलाडिया देशद्रोहियों में से थे।

कोलाडिया इस साल फिनटेक कंपनी से अन्य कार्यो के लिए आगे बढ़े।

ग्रोवर ने अपनी किताब में लिखा, मैं अकेला व्यक्ति था, जिसने उन पर विश्वास किया और अमेरिका में उनकी असफल शुरुआत के बाद उन्हें कामयाबी हासिल करने के लिए प्रेरित किया। मैंने उन्हें भारतपे शुरू करने के महीनों के भीतर 4 करोड़ रुपये का सेकेंडरी करने की अनुमति दी थी, जबकि कंपनी ने केवल 1.9 करोड़ रुपये जुटाए थे।

ग्रोवर ने आगे कहा, भाविक मालवीय नगर में मेरे पूरी तरह से सुसज्जित घर में दो साल तक बिना किराए का एक पैसा दिए रहे। माधुरी ने अपना कारोबार शुरू करने के लिए उनकी पत्नी को करोड़ों रुपये कर्ज के रूप में दिए।

नकरानी के बारे में ग्रोवर ने कहा कि वह मानने लगे हैं कि जो कुछ नहीं करता वह सबसे ज्यादा फायदे में रहता है।

ग्रोवर ने आरोप लगाया, सुहेल से प्रभावित सीईओ, जो बाद में शामिल हुए, उन्होंने किसी भी बोर्ड मीटिंग में एक शब्द भी नहीं कहा और किसी भी निवेशक द्वारा एक पैसा भी उन पर नहीं लगाया गया। मेरे भारतपे का एकमात्र चेहरा बनने के बाद वह शायद बहुत छोटा महसूस करने लगे। उन्हें इस बारे में अन्य साजिशकर्ताओं द्वारा परेशान किया गया होगा।

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अपने कार्यकाल के दौरान भारतपे में 88.6 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में दीवानी मुकदमे का सामना कर रहे ग्रोवर ने इससे पहले सीईओ समीर और अध्यक्ष रजनीश कुमार पर निशाना साधा था।

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ग्रोवर ने अपनी किताब में लिखा, मैं अकेला व्यक्ति था, जिसने उन पर विश्वास किया और अमेरिका में उनकी असफल शुरुआत के बाद उन्हें कामयाबी हासिल करने के लिए प्रेरित किया। मैंने उन्हें भारतपे शुरू करने के महीनों के भीतर 4 करोड़ रुपये का सेकेंडरी करने की अनुमति दी थी, जबकि कंपनी ने केवल 1.9 करोड़ रुपये जुटाए थे।

ग्रोवर ने आगे कहा, भाविक मालवीय नगर में मेरे पूरी तरह से सुसज्जित घर में दो साल तक बिना किराए का एक पैसा दिए रहे। माधुरी ने अपना कारोबार शुरू करने के लिए उनकी पत्नी को करोड़ों रुपये कर्ज के रूप में दिए।

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ग्रोवर ने अपनी किताब में लिखा, मैं अकेला व्यक्ति था, जिसने उन पर विश्वास किया और अमेरिका में उनकी असफल शुरुआत के बाद उन्हें कामयाबी हासिल करने के लिए प्रेरित किया। मैंने उन्हें भारतपे शुरू करने के महीनों के भीतर 4 करोड़ रुपये का सेकेंडरी करने की अनुमति दी थी, जबकि कंपनी ने केवल 1.9 करोड़ रुपये जुटाए थे।

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नई दिल्ली, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतपे के पूर्व सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक अश्नीर ग्रोवर ने अपनी पुस्तक दोगलापन में सह-संस्थापक शाश्वत मनसुखभाई नकरानी और भाविक कोलाडिया पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि उनके लिए यह जानना सबसे दर्दनाक था कि कोलाडिया देशद्रोहियों में से थे।

कोलाडिया इस साल फिनटेक कंपनी से अन्य कार्यो के लिए आगे बढ़े।

ग्रोवर ने अपनी किताब में लिखा, मैं अकेला व्यक्ति था, जिसने उन पर विश्वास किया और अमेरिका में उनकी असफल शुरुआत के बाद उन्हें कामयाबी हासिल करने के लिए प्रेरित किया। मैंने उन्हें भारतपे शुरू करने के महीनों के भीतर 4 करोड़ रुपये का सेकेंडरी करने की अनुमति दी थी, जबकि कंपनी ने केवल 1.9 करोड़ रुपये जुटाए थे।

ग्रोवर ने आगे कहा, भाविक मालवीय नगर में मेरे पूरी तरह से सुसज्जित घर में दो साल तक बिना किराए का एक पैसा दिए रहे। माधुरी ने अपना कारोबार शुरू करने के लिए उनकी पत्नी को करोड़ों रुपये कर्ज के रूप में दिए।

नकरानी के बारे में ग्रोवर ने कहा कि वह मानने लगे हैं कि जो कुछ नहीं करता वह सबसे ज्यादा फायदे में रहता है।

ग्रोवर ने आरोप लगाया, सुहेल से प्रभावित सीईओ, जो बाद में शामिल हुए, उन्होंने किसी भी बोर्ड मीटिंग में एक शब्द भी नहीं कहा और किसी भी निवेशक द्वारा एक पैसा भी उन पर नहीं लगाया गया। मेरे भारतपे का एकमात्र चेहरा बनने के बाद वह शायद बहुत छोटा महसूस करने लगे। उन्हें इस बारे में अन्य साजिशकर्ताओं द्वारा परेशान किया गया होगा।

उन्होंने अपनी पुस्तक में कहा, विडंबना यह है कि मैं वह था, जिसने उन्हें अपने निवेशकों से बचाया था, जबकि मैंने भारी-भरकम लिफ्टिंग की थी, क्योंकि वह आईआईटी-दिल्ली वापस गए और स्नातक की पढ़ाई पूरी की, संस्थान से तो वह पहले ही बाहर हो गए।

अपने कार्यकाल के दौरान भारतपे में 88.6 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में दीवानी मुकदमे का सामना कर रहे ग्रोवर ने इससे पहले सीईओ समीर और अध्यक्ष रजनीश कुमार पर निशाना साधा था।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतपे के पूर्व सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक अश्नीर ग्रोवर ने अपनी पुस्तक दोगलापन में सह-संस्थापक शाश्वत मनसुखभाई नकरानी और भाविक कोलाडिया पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि उनके लिए यह जानना सबसे दर्दनाक था कि कोलाडिया देशद्रोहियों में से थे।

कोलाडिया इस साल फिनटेक कंपनी से अन्य कार्यो के लिए आगे बढ़े।

ग्रोवर ने अपनी किताब में लिखा, मैं अकेला व्यक्ति था, जिसने उन पर विश्वास किया और अमेरिका में उनकी असफल शुरुआत के बाद उन्हें कामयाबी हासिल करने के लिए प्रेरित किया। मैंने उन्हें भारतपे शुरू करने के महीनों के भीतर 4 करोड़ रुपये का सेकेंडरी करने की अनुमति दी थी, जबकि कंपनी ने केवल 1.9 करोड़ रुपये जुटाए थे।

ग्रोवर ने आगे कहा, भाविक मालवीय नगर में मेरे पूरी तरह से सुसज्जित घर में दो साल तक बिना किराए का एक पैसा दिए रहे। माधुरी ने अपना कारोबार शुरू करने के लिए उनकी पत्नी को करोड़ों रुपये कर्ज के रूप में दिए।

नकरानी के बारे में ग्रोवर ने कहा कि वह मानने लगे हैं कि जो कुछ नहीं करता वह सबसे ज्यादा फायदे में रहता है।

ग्रोवर ने आरोप लगाया, सुहेल से प्रभावित सीईओ, जो बाद में शामिल हुए, उन्होंने किसी भी बोर्ड मीटिंग में एक शब्द भी नहीं कहा और किसी भी निवेशक द्वारा एक पैसा भी उन पर नहीं लगाया गया। मेरे भारतपे का एकमात्र चेहरा बनने के बाद वह शायद बहुत छोटा महसूस करने लगे। उन्हें इस बारे में अन्य साजिशकर्ताओं द्वारा परेशान किया गया होगा।

उन्होंने अपनी पुस्तक में कहा, विडंबना यह है कि मैं वह था, जिसने उन्हें अपने निवेशकों से बचाया था, जबकि मैंने भारी-भरकम लिफ्टिंग की थी, क्योंकि वह आईआईटी-दिल्ली वापस गए और स्नातक की पढ़ाई पूरी की, संस्थान से तो वह पहले ही बाहर हो गए।

अपने कार्यकाल के दौरान भारतपे में 88.6 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में दीवानी मुकदमे का सामना कर रहे ग्रोवर ने इससे पहले सीईओ समीर और अध्यक्ष रजनीश कुमार पर निशाना साधा था।

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नई दिल्ली, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतपे के पूर्व सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक अश्नीर ग्रोवर ने अपनी पुस्तक दोगलापन में सह-संस्थापक शाश्वत मनसुखभाई नकरानी और भाविक कोलाडिया पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि उनके लिए यह जानना सबसे दर्दनाक था कि कोलाडिया देशद्रोहियों में से थे।

कोलाडिया इस साल फिनटेक कंपनी से अन्य कार्यो के लिए आगे बढ़े।

ग्रोवर ने अपनी किताब में लिखा, मैं अकेला व्यक्ति था, जिसने उन पर विश्वास किया और अमेरिका में उनकी असफल शुरुआत के बाद उन्हें कामयाबी हासिल करने के लिए प्रेरित किया। मैंने उन्हें भारतपे शुरू करने के महीनों के भीतर 4 करोड़ रुपये का सेकेंडरी करने की अनुमति दी थी, जबकि कंपनी ने केवल 1.9 करोड़ रुपये जुटाए थे।

ग्रोवर ने आगे कहा, भाविक मालवीय नगर में मेरे पूरी तरह से सुसज्जित घर में दो साल तक बिना किराए का एक पैसा दिए रहे। माधुरी ने अपना कारोबार शुरू करने के लिए उनकी पत्नी को करोड़ों रुपये कर्ज के रूप में दिए।

नकरानी के बारे में ग्रोवर ने कहा कि वह मानने लगे हैं कि जो कुछ नहीं करता वह सबसे ज्यादा फायदे में रहता है।

ग्रोवर ने आरोप लगाया, सुहेल से प्रभावित सीईओ, जो बाद में शामिल हुए, उन्होंने किसी भी बोर्ड मीटिंग में एक शब्द भी नहीं कहा और किसी भी निवेशक द्वारा एक पैसा भी उन पर नहीं लगाया गया। मेरे भारतपे का एकमात्र चेहरा बनने के बाद वह शायद बहुत छोटा महसूस करने लगे। उन्हें इस बारे में अन्य साजिशकर्ताओं द्वारा परेशान किया गया होगा।

उन्होंने अपनी पुस्तक में कहा, विडंबना यह है कि मैं वह था, जिसने उन्हें अपने निवेशकों से बचाया था, जबकि मैंने भारी-भरकम लिफ्टिंग की थी, क्योंकि वह आईआईटी-दिल्ली वापस गए और स्नातक की पढ़ाई पूरी की, संस्थान से तो वह पहले ही बाहर हो गए।

अपने कार्यकाल के दौरान भारतपे में 88.6 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में दीवानी मुकदमे का सामना कर रहे ग्रोवर ने इससे पहले सीईओ समीर और अध्यक्ष रजनीश कुमार पर निशाना साधा था।

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ग्रोवर ने अपनी किताब में लिखा, मैं अकेला व्यक्ति था, जिसने उन पर विश्वास किया और अमेरिका में उनकी असफल शुरुआत के बाद उन्हें कामयाबी हासिल करने के लिए प्रेरित किया। मैंने उन्हें भारतपे शुरू करने के महीनों के भीतर 4 करोड़ रुपये का सेकेंडरी करने की अनुमति दी थी, जबकि कंपनी ने केवल 1.9 करोड़ रुपये जुटाए थे।

ग्रोवर ने आगे कहा, भाविक मालवीय नगर में मेरे पूरी तरह से सुसज्जित घर में दो साल तक बिना किराए का एक पैसा दिए रहे। माधुरी ने अपना कारोबार शुरू करने के लिए उनकी पत्नी को करोड़ों रुपये कर्ज के रूप में दिए।

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उन्होंने अपनी पुस्तक में कहा, विडंबना यह है कि मैं वह था, जिसने उन्हें अपने निवेशकों से बचाया था, जबकि मैंने भारी-भरकम लिफ्टिंग की थी, क्योंकि वह आईआईटी-दिल्ली वापस गए और स्नातक की पढ़ाई पूरी की, संस्थान से तो वह पहले ही बाहर हो गए।

अपने कार्यकाल के दौरान भारतपे में 88.6 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में दीवानी मुकदमे का सामना कर रहे ग्रोवर ने इससे पहले सीईओ समीर और अध्यक्ष रजनीश कुमार पर निशाना साधा था।

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