मुंबई, 16 जून (आईएएनएस)। भाजपा की महाराष्ट्र इकाई ने शुक्रवार को कर्नाटक की नई कांग्रेस सरकार द्वारा आरएसएस के संस्थापक के.बी. हेडगेवार और हिंदुत्व आइकन विनायक दामोदर उर्फ स्वातं˜यवीर सावरकर से जुड़े पाठ स्कूल की पाठ्यपुस्तकों से हटाने के फैसले की आलोचना की है।
राज्य भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मुंबई भाजपा प्रमुख आशीष शेलार ने भी इस मुद्दे पर अपने पूर्व सहयोगी, शिवसेना (उद्धव गुट) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की चुप्पी पर सवाल उठाया।
फडणवीस ने कहा, आप हेडगेवार और वीर सावरकर पर लिखे पाठों को मिटा सकते हैं, लेकिन आप उन्हें लोगों के दिलों से नहीं हटा सकते। आप उन लोगों को नहीं हटा सकते, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया।
ठाकरे पर तंज कसते हुए, जो अब कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन का हिस्सा हैं, फडणवीस ने कहा, जो लोग कांग्रेस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर बैठे हैं, अब आपकी क्या प्रतिक्रिया है? आप अल्पसंख्यकों के ऐसे तुष्टिकरण से सहमत हैं?
बावनकुले ने सवाल किया कि क्या – कर्नाटक प्रकरण के बाद – ठाकरे अब भी कांग्रेस के साथ रहेंगे या नहीं, और उनसे इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने का आग्रह किया।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के गुरुवार को उठाए गए इस कदम की निंदा करते हुए, शेलार ने स्पष्ट रूप से पूछा, ठाकरे की पार्टी अब कहां खड़ी होगी – सावरकर के साथ या कांग्रेस के साथ?
शेलार ने आरोप लगाया कि लोग बेदिमाग कांग्रेस के 60 साल के शासन से तंग आ चुके थे इसलिए उन्हें (सत्ता से) हटा दिया गया और अब महाराष्ट्र में शिवसेना (उद्धव गुट) का भी वही हश्र होने वाला है।
राज्य कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे ने पलटवार करते हुए शेलार से संयम बरतने और कांग्रेस को बदनाम करने की बजाय अपने निर्वाचन क्षेत्र के काम पर ध्यान देने का आग्रह किया।
लोंधे ने मंत्री बनने की महत्वाकांक्षा पालने वाले शेलार पर कटाक्ष करते हुए कहा, आप चाहे जो भी प्रयास करें या कांग्रेस को गाली दें, फडणवीस आपको कभी भी मंत्री नहीं बनाएंगे। इसलिए बेहतर होगा कि अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों के लिए काम करें।
–आईएएनएस
एकेजे