पुरी, 20 जून (आईएएनएस)। भगवान जगन्नाथ और उनके भाई भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथों को हरि बोल और जय जगन्नाथ के नारों के बीच मंगलवार को निर्धारित समय से थोड़ा पहले खींचना शुरू कर दिया गया।
रथ ग्रैंड रोड पर निकलने के साथ ही पवित्र त्रिमूर्ति ने श्री गुंडिचा मंदिर के लिए अपनी नौ दिवसीय यात्रा शुरू की।
पहाड़ी बिजे से लेकर छेरा पन्हारा तक तीन देवताओं के अनुष्ठानों के पूरा होने के बाद बेहद आध्यात्मिक वातावरण में तीर्थ नगरी में हजारों भक्तों ने रथ खींचना शुरू किया।
पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने अपने शिष्यों और सेवकों के साथ अपने-अपने रथों पर सवार देवताओं की पूजा की। इस अनुष्ठान के बाद पुरी के गजपति महाराजा दिब्यसिंह देब अपनी शाही पालकी में पहुंचे और पुजारियों द्वारा मंत्रोच्चार के बीच, सोने के झाडू से रथों की औपचारिक सफाई यानी छेरा पन्हारा अनुष्ठान किया।
पहांडी अनुष्ठान सुबह 9.30 बजे के निर्धारित समय से करीब एक घंटा पहले 8.35 बजे शुरू हुआ और दोपहर 12 बजे तक अनुष्ठान संपन्न हुआ। पुरी कलेक्टर समर्थ वर्मा ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि रथ समय पर शारदाबली पहुंचेंगे।
अपराह्न् लगभग 3.04 बजे सेवादारों द्वारा तीन विशाल रथों को खींचना शुरू किया गया। भगवान बलभद्र के तालध्वज को पहले खींचा गया, उसके बाद देवी सुभद्रा के दर्पदलन और भगवान जगन्नाथ के नंदीघोष को। गुंडिचा मंदिर में पहांड़ी अनुष्ठान बुधवार सुबह आयोजित किया जाएगा।
ओडिशा के राज्यपाल गणेशी लाल, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और अश्विनी वैष्णव तथा उड़ीसा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एस. मुरलीधर ने रथ यात्रा देखने के लिए पुरी का दौरा किया। इसके अलावा, ओडिशा के कई मंत्रियों, विधायकों और विपक्षी दल के नेताओं ने भी आज पुरी का दौरा किया।
उत्सव का सुरक्षित संचालन सुनिश्चित करने के लिए पुरी और उसके आसपास विभिन्न रैंकों के 1,000 अधिकारियों सहित 180 से अधिक प्लाटून पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। पुलिस ने यातायात सुचारू रखने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं।
–आईएएनएस
एकेजे