शिमला, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार को कहा है कि प्रदेश में जय राम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल के अंत में बजट आवंटित किए बिना और पर्याप्त कर्मचारियों के बिना 590 से अधिक संस्थान खोले थे, इन सभी संस्थाओं को समीक्षा तक बंद करने का फैसला लिया गया है।
नई दिल्ली में कई दिनों तक क्वारंटीन रहने के बाद यहां पत्रकारों से बातचीत में सीएम ने कहा कि ज्यादातर संस्थान केवल एक कर्मचारी के साथ खोले गए थे। राज्य की राजधानी पहुंचने पर सीएम ने पिछली सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि अपने पिछले छह महीनों में मतदाताओं को मूर्ख बनाते हुए स्वास्थ्य, शिक्षा, राजस्व और अन्य संस्थानों को खोलने का प्रयास किया।
उन्होंने कहा कि इन सभी 590 संस्थानों को चालू करने के लिए करीब 3,000 करोड़ रुपये की जरूरत है। हैरानी की बात है कि राज्य 75000 करोड़ रुपये से अधिक के भारी वित्तीय कर्ज के जाल में फंसा हुआ है और डबल इंजन की सरकार होने का दावा करने वाली भाजपा सरकार अपने कार्यकाल के दौरान केंद्र सरकार से एक पैसे की भी मदद नहीं ले सकी।
सीएम सुक्खू ने कहा कि 30 से अधिक स्वास्थ्य संस्थान खोले गए हैं, जिनमें चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी भी नहीं हैं और बड़ी संख्या में संस्थान केवल एक कर्मचारी के साथ खोले गए हैं। उन्होंने कहा कि यह अजीब बात है कि एसडीएम का कार्यालय खोल दिया गया, लेकिन वहां कोई एसडीएम तैनात नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकांश संस्थानों में आस-पास के संस्थानों के कर्मचारियों को अस्थायी रूप से तैनात किया गया था। उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान खोले गए स्वास्थ्य संस्थान मानव और मशीनरी से रहित हैं और लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए केवल एक बहाना है।
सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार पूरे मामले को लोगों के सामने उठाएगी और उन्हें पिछली भाजपा सरकार की करतूतों से अवगत कराएगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने ऐसे संस्थानों को बंद करने का फैसला किया है और इन सभी की समीक्षा की जाएगी और यदि योग्य और जरूरी पाया गए तो बजटीय प्रावधान करने के बाद इन्हें खोला जाएगा।
सुक्खू ने कहा कि सरकार शासन प्रणाली में बदलाव के लिए है, न कि सत्ता का सुख लेने के लिए। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि मांगों के अनुसार और लोगों के हित में संस्थान खोले जाएं।
इसके अलावा सीएम ने कहा कि जेओए (आईटी) पेपर लीक मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी प्रदेश में भाजपा सरकार के कार्यकाल से चल रहे पेपर घोटाले को दर्शाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य में सीमेंट संयंत्रों से संबंधित मुद्दे को लेकर चिंतित है। उन्होंने कहा कि पूरा मामला सीमेंट प्लांट प्रबंधन और ट्रक ऑपरेटर्स यूनियन के बीच का है और इसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में प्रदेश के लोगों को सीमेंट सस्ती दरों पर मिलेगा।
–आईएएनएस
एफजेड/एसजीके