लखनऊ, 2 जुलाई (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में पिछले साढ़े तीन साल में अलग-अलग पुलिस मुठभेड़ों में 16 गैंगस्टर और उनके गिरोह के सदस्यों को मार गिराया गया है, जबकि 42 अलग-अलग मामलों में 19 माफियाओं सहित 55 अन्य को दोषी ठहराया गया है और सजा सुनाई जा चुकी है।
राज्य पुलिस ने जनवरी 2020 से लगभग साढ़े तीन वर्षों में 69 माफियाओं और उनके गिरोह के 1,153 सदस्यों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की।
यूपी पुलिस के विशेष महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि जनवरी 2020 से राज्य पुलिस अपराधियों और माफियाओं पर सख्त कार्रवाई कर रही है और उनके द्वारा खरीदी और कब्जा की गई 3,516 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त कर लिया गया और ध्वस्त कर दिया गया या अवैध कब्जे से मुक्त कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, विभिन्न सरकारी ठेकों और अन्य व्यवसायों में अपराधियों और माफियाओं की भागीदारी पर अंकुश लगाया गया, जिससे उन्हें 1,424 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ।
प्रशांत कुमार ने कहा कि इन तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 650 आपराधिक मामले दर्ज किए गए और उनमें से कम से कम 549 को गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने कहा कि 239 पर गुंडा अधिनियम, 704 पर गैंगस्टर अधिनियम और 18 पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 110जी के प्रावधानों के तहत 336 लोगों के खिलाफ निवारक उपाय किए गए।
विशेष महानिदेशक ने कहा कि इसी तरह 92 नए आपराधिक गिरोह पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज किए गए और गिरोह के नेताओं और सदस्यों पर निगरानी बढ़ा दी गई।
उन्होंने कहा कि 404 अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोली गई और उनमें से 83 के खिलाफ ‘जिला बदर’ (एक निश्चित अवधि के लिए एक निश्चित जिले से नियमित अपराधियों का निष्कासन) की कार्रवाई की गई, जबकि 25 अपराधियों की जमानत रद्द कर दी गई और उन्हें वापस जेल भेज दिया गया।
–आईएएनएस
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