श्रीनगर, 3 जुलाई (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर सरकार ने सोमवार को भूमिहीन पीएमएवाई (जी) लाभार्थियों में से प्रत्येक को 5 मरला भूमि आवंटित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, अभी का जो अलॉटमेंट है, जो परमानेंट वेटिंग लिस्ट (2018-19) में थे, उन्हीं के लिए है। जो आगे के समय में बढ़ाया जा सकता है।
जम्मू-कश्मीर राजस्व कानूनों के तहत भूमि आवंटन के लिए संबंधित उपायुक्त द्वारा आवास प्लस लाभार्थियों की निम्नलिखित श्रेणियों पर विचार किया जाएगा। जिनमें ये श्रेणियां हैं- राज्य की भूमि पर रहने वाले लोग, वन भूमि पर रहने वाले लोग, राख और फार्म भूमि पर रहने वाले लोग, जहां निर्माण की अनुमति नहीं है। और, दाचीगाम पार्क के पास सरकार द्वारा विस्थापित लोगों को कृषि उद्देश्य के लिए आवंटित भूमि, जहां निर्माण की अनुमति नहीं है। किसी अन्य श्रेणी के मामले, जो अन्यथा आवास के लिए पात्र हैं, लेकिन उनके पास निर्माण के लिए कोई भूमि उपलब्ध नहीं है।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल (एलजी) मनोज सिन्हा ने कहा कि यह फैसला न केवल भूमिहीन गरीबों को जमीन का एक टुकड़ा और अपना घर पाने का हकदार बनाएगा, बल्कि यह उन्हें आजीविका का साधन भी प्रदान करेगा।
एलजी ने कहा कि समाज का गरीब तबका सरकारी नीतियों के केंद्र में है। एक बड़ी आबादी, जो आजादी के सात दशक बाद भी बुनियादी सुविधाओं और अधिकारों से वंचित थी, उसे विकास की मुख्यधारा में लाया जा रहा है।
उपराज्यपाल ने आगे कहा कि जम्मू कश्मीर सरकार समावेशी विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इस कदम से गरीबों और वंचितों के लिए अनंत अवसर खुलेंगे और इस ऐतिहासिक निर्णय के साथ प्रशासन राष्ट्र निर्माण के कार्य में उनके अपार योगदान को स्वीकार कर रहा है।
–आईएएनएस
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