कोलकाता, 6 जुलाई (आईएएनएस)। ऐसे समय में, जब पश्चिम बंगाल में विपक्षी दल, खासकर भाजपा, नियमित रूप से तृणमूल कांग्रेस को “बुआ और भतीजे” की पार्टी कहकर उपहास कर रहे हैं, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने गुरुवार को इन प्रयासों की कड़ी निंदा की। राजनीति में वंश स्थापित करने की प्रवृत्ति को लोकतंत्र का सबसे बड़ा शत्रु बताया।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने कहा, “अगर भाजपा राजनीति में वंशवाद की स्थापना को रोकने के लिए कोई नया कानून लाती है और इस पर संसद के पटल पर एक विधेयक पेश करती है, तो मैं इसका समर्थन करने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा। मेरा मानना है कि वंशवाद की राजनीति लोकतांत्रिक व्यवस्था की सबसे बड़ी दुश्मन है।”
यहां पत्रकारों से बात करते हुए बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस का भी मजाक उड़ाया, जिन्होंने 8 जुलाई को होने वाले पंचायत चुनावों से पहले राज्य में जारी हिंसा को लेकर राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) की लगातार आलोचना की।
उन्होंने कहा, “हमारे राज्यपाल अत्यंत सक्षम और बुद्धिमान हैं। लेकिन पश्चिम बंगाल को ऐसे बुद्धिमान राज्यपाल की जरूरत नहीं है और इसलिए मैं केंद्र सरकार से अनुरोध करूंगा कि उन्हें मणिपुर या मध्य प्रदेश के संवैधानिक प्रमुख के रूप में नियुक्त किया जाए। ऐसी बुद्धि और विवेक वाले व्यक्ति की जरूरत बंगाल में नहीं, बल्कि मणिपुर की डबल इंजन सरकार में है।”
सरकारी स्कूलों में कथित करोड़ों रुपये के भर्ती घोटाले के संबंध में पूछताछ के लिए अभिनेत्री से नेता बनीं तृणमूल की युवा शाखा की अध्यक्ष सायोनी घोष को ईडी द्वारा लगातार समन जारी किए जाने पर टिप्पणी करते हुए बनर्जी ने कहा कि यह सिर्फ उन्हें ही नहीं, बल्कि केंद्र के निर्देशों के बाद केंद्रीय एजेंसियां कई अन्य लोगों के प्रति भी इसी तरह का प्रतिशोधपूर्ण रवैया दिखा रही हैं।
बनर्जी ने कहा, “यहां तक कि मुझे मेरे जनसंपर्क कार्यक्रम के दौरान सीबीआई और ईडी द्वारा अलग-अलग बुलाया गया था। मेरी पत्नी और बच्चों को विदेश की उड़ान में चढ़ने की अनुमति नहीं दी गई। मैंने केंद्रीय एजेंसियों की निष्पक्षता के बारे में बहुत कुछ कहा है। जिस दिन वे भाजपा नेताओं को बुलाएंगे, मैं उन्हें तटस्थ कहूंगा।”
–आईएएनएस
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