अहमदाबाद, 7 जुलाई (आईएएनएस)। गुजरात हाईकोर्ट ने आपराधिक मानहानि के एक मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को दोषी ठहराये जाने और दो साल की जेल की सजा के निचली अदालत के फैसले पर रोक से शुक्रवार को इनकार कर दिया। इस सजा के कारण कांग्रेस नेता की सांसदी भी चली गई है।
अदालत ने फैसला सुनाया कि दोषसिद्धि पर रोक लगाना एक अपवाद है, नियम नहीं। न्यायमूर्ति हेमंत प्रच्छक की पीठ ने आदेश सुनाते हुए यह टिप्पणी की।
अदालत ने कहा, “राहुल गांधी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की बिल्कुल निराधार मांग कर रहे हैं। दोषसिद्धि पर रोक कोई नियम नहीं है। (गांधी) के खिलाफ 10 मामले लंबित हैं। राजनीति में शुचिता की जरूरत है…
“कैम्ब्रिज में गांधी द्वारा वीर सावरकर के खिलाफ शब्दों का इस्तेमाल करने के बाद पुणे कोर्ट में वीर सावरकर के पोते द्वारा (गांधी) के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है… दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार करने से किसी भी तरह से आवेदक के साथ अन्याय नहीं होगा। दोषसिद्धि पर रोक लगाने का कोई उचित आधार नहीं है। दोषसिद्धि उचित, सही और कानूनी है।”
मानहानि का मामला, जो 2019 के लोकसभा चुनाव अभियान से जुड़ा है। उन्होंने कर्नाटक में एक जनसभा में कहा था़ “सभी चोरों का एक ही सरनेम मोदी कैसे है।”
इस टिप्पणी की व्याख्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भगोड़े व्यवसायी नीरव मोदी और ललित मोदी के बीच एक अंतर्निहित संबंध निकालने के प्रयास के रूप में की गई थी।
राहुल गांधी के वकील बी.एम. मंगुकिया ने कहा, “साक्ष्यों के अभाव के बावजूद यह फैसला सुनाया गया है। मामले के बारे में अदालत की टिप्पणियों में, इसका विश्लेषण गलत है। राहुल गांधी पर जिन बातों का आरोप है, उनका कोई सबूत नहीं है।”
गुजरात भाजपा नेता पूर्णेश मोदी ने कहा, “2019 में राहुल गांधी ने एक टिप्पणी की थी ‘सभी चोरों का सरनेम मोदी कैसे है’। इसके बाद हमने सूरत कोर्ट में केस दायर किया। चाहे वीर सावरकर हों या ये, राहुल गांधी को ऐसी टिप्पणियों पर सोचना चाहिए और ऐसा नहीं करना चाहिए। इसकी बजाय उन्हें भारत में सम्मानजनक व्यवहार करना चाहिए।”
युवा कांग्रेस प्रमुख श्रीनिवास बीवी ने कहा, ”आप कभी भी सच्चाई को हरा नहीं सकते। यह फैसला क्यों लिया गया ये सभी जानते हैं। जब राहुल गांधी जी ने अडाणी मुद्दे पर बात की और ‘शेल कंपनियों’ के माध्यम से समूह में आने वाले 20,000 करोड़ रुपये के बारे में पूछा – तो यह मुद्दा शुरू हुआ। देश की जनता यह देख रही है और वह सच्चाई का पक्ष लेगी। हम भी लड़ना जारी रखेंगे।”
कांग्रेस प्रवक्ता अलका लांबा ने कहा, “यह कोई झटका नहीं है। यह कानूनी लड़ाई है और हम इसे लड़ेंगे। राहुल गांधी बस एक ही बात कहते हैं, ‘डरो मत’ और हम डरने वाले नहीं हैं। हम लड़ेंगे और जीतेंगे क्योंकि यह लोकतांत्रिक अधिकारों के खिलाफ है। राहुल गांधी ने अभी अडाणी के खिलाफ और शेल कंपनियों द्वारा उनके 20,000 करोड़ रुपये के निवेश पर एक सवाल पूछा था। हम इस लड़ाई को अंत तक लड़ेंगे।”
कांग्रेस कोषाध्यक्ष पवन बंसल ने कहा, “यह फैसला गलत है। यह फैसला नहीं लिया जाना चाहिए था।”
–आईएएनएस
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