पटना, 8 जुलाई (आईएएनएस)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही देश के स्तर पर विपक्षी दलों को एकजुट करने के प्रयास में जुटे हों, लेकिन हाल के दिनों में जिस तरह शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और विभाग के आईएएस अधिकारी केके पाठक का विवाद पार्टी स्तर तक पहुंचा, उससे लग रहा है कि महागठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।
जिस तरह बिहार के मंत्री और जदयू के नेता अशोक चौधरी और राजद नेता और एमएलसी सुनील कुमार सिंह बयान दे रहे हैं, उससे साफ है कि राजद और जदयू के बीच खींची लकीर अब मोटी होती जा रही है।
एमएलसी सुनील कुमार सिंह ने मंत्री अशोक चौधरी पर सीधा सियासी हमला बोलते हुए कहा कि वह हर रोज पार्टी बदलते हैं। सुनील कुमार सिंह ने उन पर व्यक्तिगत निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें जंगलराज याद आ रहा है, लेकिन उन्हें यह भी याद होना चाहिए कि अगर लालू प्रसाद नहीं होते तो वे जेल में होते।
उन्होंने यहां तक कहा कि उनका नाम एक नेता की हत्या में आया था। सिंह ने चौधरी पर बराबर दल बदलने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे कई घाट का पानी पी चुके हैं।
इससे पहले मंत्री चौधरी ने बिहार में जंगलराज की याद दिलाते हुए सिंह पर भाजपा की भाषा बोलने का आरोप लगाया था। सिंह यहीं नहीं रुके। सिंह ने सोशल मीडिया के जरिए भी अधिकारियों को ‘अंगुलिमाल’ तक कह दिया। ऐसी स्थिति में तय है कि अभी राजद और जदयू की तनातनी समाप्त नहीं होने वाली है।
–आईएएनएस
एमएनपी/एबीएम