नई दिल्ली, 6 जुलाई (आईएएनएस)। जेएम फाइनेंशियल ने एक रिसर्च में कहा कि अगर ज्यादा हवाई किराया एक मल्टी-ईयर फेनोमेना (बहु-वर्षीय घटना) है, तो उच्च रिटर्न अनुपात इस कम प्रवेश बाधा वाले सेक्टर में ज्यादा पैसे वाले अन्य बड़े कॉर्पोरेट घरानों को आकर्षित करने की संभावना है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अकासा एयर ने एक साल में 5 प्रतिशत मार्केट हिस्सेदारी हासिल की है। इस साल की शुरुआत में मई में गो फर्स्ट की बाजार में 6.4 प्रतिशत हिस्सेदारी थी और उसके पास 26 विमान थे। इसके दिवालिया होने से बाजार में मौजूदा प्लेयर्स को फायदा हुआ और उन्होंने किराए में बढ़ोतरी कर दी।
एटीएफ की कम कीमत (क्वार्टर-ऑन-क्वार्टर में 13.7 प्रतिशत की गिरावट) के साथ-साथ स्थिर आईएनआर ने इस क्षेत्र के लिए लाभप्रदता की संभावनाओं को और बढ़ावा दिया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सेक्टर के प्रति उत्साही लोगों के मन में मुख्य सवाल यह है कि क्या इस अत्यधिक लाभदायक अवधि को एक या दो साल के लिए बढ़ा दिया जाए या नहीं, इसे एकाधिकार बाजार से जुड़े लाभों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाए।
मार्जिनल प्लेयर्स (स्पाइसजेट 5.4 प्रतिशत/अकासा 4.8 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी) को भी इस असाधारण लाभदायक अवधि में महत्वपूर्ण बैलेंस शीट में सुधार देखने को मिलेगा, जिससे उन्हें भविष्य में सेक्टर चक्रीयता का सामना करने का साधन मिलेगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि टाटा समूह की वर्तमान में घरेलू बाजार में हिस्सेदारी 26.3 प्रतिशत है और वह अपने नए विशाल बेड़े ऑर्डर के साथ अपनी हिस्सेदारी को तेजी से बढ़ाने का इरादा रखता है।
बोइंग और एयरबस (अतिरिक्त 370 विमान खरीदने के विकल्प) के साथ 470 विमानों के लिए एयर इंडिया के ऑर्डर के बाद इंडिगो ने 500 एयरबस ए320 फैमली के एकल कॉरिडोर वाले विमानों के लिए ऑर्डर दिया है।
यह ऑर्डर 480 विमानों की मौजूदा ऑर्डर बुक के अतिरिक्त आया है जिनकी डिलीवरी 2030 तक पूरा होने की उम्मीद है होने की उम्मीद है। यह इंडिगो को 2030 और 2035 के बीच डिलीवरी की एक और स्थिर धारा प्रदान करेगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अकासा एयर ने 72 विमानों के पहले से दिए गए ऑर्डर के बाद चार विमानों के लिए एक अतिरिक्त ऑर्डर भी दिया है। कंपनी कैलेंडर वर्ष के अंत से पहले तीन अंकों वाले विमान का ऑर्डर देने की भी योजना बना रही है।
आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे में के तेज गति से बढ़ने की संभावना है। भारत अपने विमानन बुनियादी ढांचे में पर्याप्त वृद्धि के लिए तैयार है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने वित्त वर्ष 2025 तक कुल हवाई अड्डों को 148 से बढ़ाकर 200-220 करने की योजना की घोषणा की है।
मेट्रो हवाई अड्डों की क्षमता बढ़ाने के प्रयास चल रहे हैं, अगले दशक में कुल क्षमता मौजूदा 221 मिलियन यात्री प्रति वर्ष (एमपीपीए) से बढ़ाकर 456 एमपीपीए से अधिक करने की योजना है। ड्राफ्ट एयरक्राफ्ट बिल 2023 में एक प्रावधान है जिससे केंद्र द्वारा हवाई किराए पर सीमा लगाई जा सकती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान में, नागरिक उड्डयन मंत्रालय और डीजीसीए एयरलाइन किराए को विनियमित नहीं कर सकते हैं। हालांकि, ड्राफ्ट एयरक्राफ्ट बिल 2023 उन्हें हवाई परिवहन सेवाओं के ऑपरेटरों के टैरिफ की अस्वीकृति या संशोधन जैसे मामलों पर आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना द्वारा नियम बनाने की अनुमति देता है।
–आईएएनएस
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