बीजिंग, 13 जुलाई (आईएएनएस)। चीन पिछले कई दशकों से लगातार खुलेपन पर ज़ोर देता रहा है। इसके चलते चीन विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में सफल रहा। साथ ही चीन की तरक्की का लाभ अन्य देशों को भी मिला। कोरोना महामारी के दौर में चीन ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया। इन दिनों चीन के उद्योग जगत में उत्साह का माहौल देखा जा सकता है। विदेशी कंपनियां चीन के प्रति पहले की तरह आकर्षित हो रही हैं।
चीन में खुलेपन की नीति, कोविड महामारी के बाद की स्थिति और अर्थव्यवस्था पर सीमएजी संवाददाता अनिल पांडेय ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में अंतर्राष्ट्रीय मामलों के प्रोफेसर स्वर्ण सिंह से बातचीत की।
प्रोफेसर सिंह के मुताबिक हाल के तीन सालों में महामारी के कारण पूरी दुनिया की इकॉनमी को नुकसान पहुंचा है। सभी देशों में उथल-पुथल मची है। उसके साथ ही यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक चुनौती और परेशानी ज्यादा बढ़ गयी है। ऐसे में पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की बात आती है तो चीन की स्थिति पर दुनिया की नज़र रहती है। आज चीन 18 ट्रिलियन इकॉनमी वाला राष्ट्र है, अगर चीन की अर्थव्यवस्था पटरी पर आती है तो उसका समूचे विश्व पर सकारात्मक असर पड़ता है। खासतौर पर ऐसे देश जिनके साथ चीन के व्यापारिक संबंध बहुत मजबूत हैं, वे चीन में जीडीपी बढ़ने पर काफी रुचि रखते हैं।
अधिकतर विशेषज्ञ और गोल्डमैन साक्स जैसे संगठन यह मान रहे हैं कि चीन की इकॉनमी अब सही दिशा में आगे बढ़ रही है। इसलिए चीन में बाहरी निवेश आने के भी अच्छे संकेत दिख रहे हैं।
प्रोफेसर सिंह हाल में एक सम्मेलन में हिस्सा लेने पेइचिंग आए थे, इस बारे में उनका कहना है कि वातावरण बहुत अच्छा है, लोग आसानी से इधर-उधर आ-जा सकते हैं। हर जगह स्थिति सुधर चुकी है। यह बदलाव सभी के लिए एक अच्छा संदेश है। माहौल सामान्य होने से चीन में उपभोग में बहुत इजाफा हो रहा है। चीन 1 अरब 40 करोड़ की आबादी का देश है, और उसकी घरेलू खपत में बढ़ोतरी हो रही है, जिसका असर अर्थव्यवस्था पर दिखेगा। इसके साथ ही चीन में इंफ्रास्ट्रक्चर आदि क्षेत्रों में निवेश में वृद्धि हो रही है। कोरोना से पहले पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था का चालक चीन को माना जाता था, अब उसमें फिर से तेज़ी आने लगी है।
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा विभिन्न मंचों से दिए जा रहे संदेश को लेकर प्रो. सिंह कहते हैं कि अपने देश के लोगों का उत्साह बनाए रखना हर राष्ट्र के नेतृत्व की जिम्मेदारी होती है। जैसा कि देश में क्या माहौल है, उसे किस दिशा में जाना है और भविष्य की क्या रणनीति है आदि। चीनी राष्ट्रपति शी भी इस बारे में बखूबी काम कर रहे हैं और व्यापार व निवेश बढ़ाने पर उनका फोकस है। जिसका आने वाले दिनों में और अच्छा असर नज़र आएगा।
(प्रस्तुति- अनिल पांडेय, चाइना मीडिया ग्रुप, बीजिंग)
–आईएएनएस