नई दिल्ली, 29 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत का चालू खाता घाटा चालू वित्तवर्ष (2022-23) की दूसरी तिमाही में पहली तिमाही के 2.2 फीसदी से तेजी से बढ़कर जीडीपी का 4.4 फीसदी हो गया।
दूसरी तिमाही में चालू खाता शेष में 36.4 अरब डॉलर (जीडीपी का 4.4 प्रतिशत) का घाटा दर्ज किया गया, जो पहली तिमाही में 18.2 अरब डॉलर (जीडीपी का 2.2 प्रतिशत) से अधिक था।
दूसरी तिमाही में चालू खाते का घाटा 2022-23 की पहली तिमाही के 63 अरब डॉलर से बढ़कर 83.5 अरब डॉलर हो गया था।
दूसरी तिमाही में विदेशी मुद्रा भंडार में 30.4 अरब डॉलर की कमी हुई, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 31.2 अरब डॉलर की अभिवृद्धि हुई थी।
शुद्ध एफडीआई प्रवाह भी 2022-23 की पहली छमाही में गिरकर 20 अरब डॉलर रह गया, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 20.3 अरब डॉलर था।
ये गुरुवार को चालू वित्तवर्ष की दूसरी तिमाही के लिए भुगतान संतुलन पर आरबीआई द्वारा जारी आंकड़ों के कुछ प्रमुख विवरण हैं।
पोर्टफोलियो निवेश ने 2022-23 की पहली छमाही में 8.1 अरब डॉलर का शुद्ध बहिर्वाह दर्ज किया, जबकि एक साल पहले यह 4.3 अरब डॉलर था।
इस बीच, 2022-23 की पहली छमाही में साल-दर-साल आधार पर सेवाओं और निजी हस्तांतरण की उच्च शुद्ध प्राप्तियों के कारण शुद्ध अदृश्य प्राप्तियां अधिक थीं।
नॉन-रेजीडेंट डिपोजिट ने 2021-22 की दूसरी तिमाही में 0.8 अरब डॉलर के शुद्ध बहिर्वाह की तुलना में 2022-23 की दूसरी तिमाही में 2.5 अरब डॉलर का शुद्ध प्रवाह दर्ज किया।
चालू वित्तवर्ष की दूसरी तिमाही में शुद्ध विदेशी पोर्टफोलियो निवेश में 6.5 अरब डॉलर का प्रवाह दर्ज किया गया, जो 2021-22 की दूसरी तिमाही के 3.9 अरब डॉलर से अधिक है।
चालू वित्तवर्ष की दूसरी तिमाही में भारत में शुद्ध बाहरी वाणिज्यिक उधारी में 0.4 अरब डॉलर का बहिर्वाह दर्ज किया गया, जबकि एक साल पहले यह 4.3 अरब डॉलर का प्रवाह था।
–आईएएनएस
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