कोलकाता, 23 जुलाई (आईएएनएस)। करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों ने आखिरकार उन शिक्षकों से पूछताछ शुरू कर दी है, जिन्हें कथित तौर पर रिश्वत लेकर विभिन्न सरकारी स्कूलों में भर्ती किया गया था।
सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार को शुरू हुई पूछताछ रविवार को भी जारी है और अगले कुछ दिनों तक जारी रहेगी। जिन व्यक्तियों से पूछताछ की जा रही है, वे वैसे लोग हैं जो वर्तमान में सीबीआई अधिकारियों द्वारा प्राप्त रिकॉर्ड के अनुसार शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में उत्तीर्ण नहीं होने के बावजूद विभिन्न स्कूलों में कार्यरत हैं।
हाल ही में, मामले की जांच कर रही केंद्रीय एजेंसियों को उन उम्मीदवारों के प्रति नरम रुख अपनाने के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय और सीबीआई और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालतों सहित विभिन्न स्तरों पर अदालतों की नाराजगी का सामना करना पड़ा है, जिन्होंने पैसे देकर नौकरी हासिल की थी।
सूत्रों ने कहा कि इस मामले में अब तक जिन लोगों से पूछताछ की गई है, उनमें से कई ने दावा किया है कि उन्होंने संबंधित जिलों में बिचौलियों के माध्यम से भर्ती अधिकारियों से संपर्क किया था।
पिछले साल 23 जुलाई को, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को स्कूल भर्ती मामले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया था, जब केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने मुखर्जी के आवासों से भारी नकदी बरामद की थी।
वे दोनों वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं और उनके वकील द्वारा उन्हें जमानत पर रिहा कराने के सभी प्रयास व्यर्थ साबित हो रहे हैं। चटर्जी के अलावा, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के दो अन्य विधायक माणिक भट्टाचार्य और जीबन कृष्ण साहा भी वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं। भट्टाचार्य पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष भी हैं।
–आईएएनएस
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