जोहान्सबर्ग, 24 जुलाई (आईएएनएस)। आर्थिक गठबंधन और एशियाई देशों के साथ संबंधों के लिए जिम्मेदार दक्षिण अफ्रीका के राजदूत अनिल सुकलाल ने कहा कि 40 से अधिक देशों ने ब्रिक्स में शामिल होने में रुचि दिखाई है।
आरटी की रिपोर्ट के अनुसार, राजनयिक ने जोहान्सबर्ग में कहा कि 22 देशों ने औपचारिक रूप से समूह में शामिल होने के लिए आवेदन किया है, जबकि “इतनी ही संख्या में” राज्य “अनौपचारिक रूप से ब्रिक्स सदस्य बनने के बारे में पूछ रहे हैं”।
सुकलाल ने ब्रिक्स को एक “समावेशी” संगठन बताया जो बड़े वैश्विक समुदाय के साथ बातचीत के लिए हमेशा खुला रहा है।
आरटी की रिपोर्ट के अनुसार, इस समूह में इस समय ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं और वैश्विक आबादी का 40 प्रतिशत से अधिक और दुनिया की जीडीपी का लगभग एक चौथाई हिस्सा है।
सूकलाल ने कहा कि ब्रिक्स ग्लोबल नॉर्थ और ग्लोबल साउथ के बीच अंतर नहीं करता है और किसी भी ऐसे देश से बात करने के लिए तैयार है, जिसका “अधिक समावेशी और न्यायसंगत वैश्विक व्यवस्था के लिए समान दृष्टिकोण है, जहां हम दुनिया के बड़े हिस्से को हाशिए पर नहीं रखते हैं, जिसमें कई विकासशील देश भी शामिल हैं।”
आरटी की रिपोर्ट के अनुसार, राजनयिक ने बताया कि हालांकि संयुक्त राष्ट्र ने अभी तक व्यापक सुधार शुरू नहीं किए हैं, जो उभरते देशों को एक बड़ी आवाज देगा, ब्रिक्स ने स्थिति को सुधारने के लिए अपना रास्ता तैयार किया है।
हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ब्लॉक “एक प्रमुख आर्थिक शक्ति बनने का प्रयास नहीं करता है”, बल्कि “परिवर्तन के लिए काम करने के लिए समावेशी तरीके से एक बड़ा प्रभाव” रखना चाहता है।
उन्होंने कहा, ”हम ऐसी दुनिया नहीं चाहते, जहां हमारे पास एक या दो वैश्विक आधिपत्य हों।” उन्होंने बताया कि सत्ता का ऐसा वितरण वैश्विक समुदाय में विभाजन पैदा करता है।
आरटी की रिपोर्ट के अनुसार, सूकलाल ने पहले पत्रकारों से अपनी टिप्पणी में कहा था कि अर्जेंटीना, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात उन देशों में से हैं जो इस समूह में शामिल होना चाहते हैं।
दक्षिण अफ्रीका इस साल ब्रिक्स वार्षिक शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा, जो 22-24 अगस्त तक जोहान्सबर्ग में होगा, जिसमें राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने लगभग 70 वैश्विक नेताओं को निमंत्रण भेजा है।
–आईएएनएस
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