कोलकाता, 28 जुलाई (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष (एलओपी) शुभेंदु अधिकारी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (आई-पीएसी) के संस्थापक प्रशांत किशोर को अवैध रूप से 512 करोड़ रुपये का टेंडर दिया।
आई-पीएसी को 2021 पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए तृणमूल कांग्रेस के अभियान कार्यक्रम की रणनीति बनाने के लिए नियुक्त किया गया था।
अधिकारी ने शुक्रवार को मीडियाकर्मियों से कहा, “निविदा राज्य सरकार से संबंधित थी, जिसे स्वयं मुख्यमंत्री द्वारा नियंत्रित किया जाता है।आई-पीएसी को विशेष लाभ देने के लिए राज्य सरकार के उपक्रम वेबेल का टेंडर रद्द कर दिया गया। इस विशेष मामले में निविदा मूल्य भी बढ़ाया गया था।”
उन्होंने कहा कि टेंडर का मूल्य पहले 120 करोड़ रुपये था, जिसे बाद में बढ़ाकर 152 करोड़ रुपये कर दिया गया।
एलओपी ने आरोप लगाया, “इस प्रकार 32 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ, जिससे आई-पीएसी को लाभ हुआ। पश्चिम बंगाल सरकार झूठे प्रचार के लिए आई-पीएसी का इस्तेमाल कर रही है। वास्तव में आई-पीएसी एक समानांतर राज्य सरकार चला रहा है।”
उन्होंने दावा किया कि यह जानकारी और संबंधित दस्तावेज उन्हें राज्य के नौकरशाहों के एक वर्ग द्वारा प्रदान किए गए थे।
एलओपी ने कहा, “मैंने संबंधित विवरण राज्य के राज्यपाल सी.वी.आनंद बोस को सौंप दिया है। यदि आवश्यक हुआ, तो राज्यपाल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मामले की जांच करने के लिए कह सकते हैं। मैं यह भी मांग कर रहा हूं कि मुख्यमंत्री को इस मामले में एक श्वेतपत्र लाना चाहिए।”
आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि शुभेंदु हमेशा आधारहीन आरोप लगाते हैं।
उन्होंने कहा, ”खुद उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के कई आरोप हैं। नारदा वीडियो मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने उन्हें एफआईआर में नामित किया था, जहां उन्हें नकदी स्वीकार करते देखा गया था।”
–आईएएनएस
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