कुुंडम, देशबन्धु. होली के त्यौहार में प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी कुंडम में फागों का कार्यक्रम संपन्न हुआ। भगवान भोलेनाथ के दरबार में पूर्व विधायक नंदनी मरावी की उपस्थिति में फागों का रंगारंग कार्यक्रम में गायक हुब्बी लाल चक्रवर्ती पत्रकार कुंडम द्वारा फाग प्रस्तुत की गई। फाग के संवाद में कथा कृष्णजी अर्जुन को समझ रहे थे कि भगवान भोलेनाथ का ध्यान कर लो तब आप जयद्रथ का वध कर सकते हैं।यह मनमोहक छवि प्रस्तुत की गई है और मृदंग में पवन कुमार झारिया टीमकी वाजक रत्नेश झारिया मृदंग में चौबे प्रसाद झारिया सुग्रीम प्रसाद झारिया छोटे लाल रजक छोटेलाल झारिया चमा झारिया प्रसादी रविदास सुरेंद्र प्रधान एवं समस्त कलाकार गायक कवि क्षेत्रवासी वहां पहुंचे।
कुंडेश्वर धाम मैं कमलेश साहू राधेश्याम साहू जगदीश साहू सुखदेव साहू विनोद साहू राजेश साहू रवि कुमार साहू सहित कुंडम बखरी साहू परिवार के सानिध्य में कार्यक्रम संपन्न हुआ इस अवसर पर रिटायरमेंट कृषि विभाग अधिकारी पीएल झारिया पिंकू तिवारी पूरन यादव रामफल झारिया जनार्दन साहू सुरेंद्र चक्रवर्ती मदन चक्रवर्ती द्वारका चक्रवर्ती और कुंडेश्वर धाम के काशी दास महाराज संत बद्री दास जी महाराज रघुवीर दास महाराज और ग्राम लखनवाड़ा सदाफल सरसावा एवं कुंडम नगर से समस्त क्षेत्र से भक्त लोग फाग सुनने के लिए कुंडेश्वर धाम पहुंचकर आनंद लिया गया।
धैर्य रखने से बड़ा संकट टल जाता है : पौराणिक राघवेन्द्र
गांधीग्राम, देशबन्धु। बाजार वार्ड के पास गांधीग्राम में चल रही श्रीमद भागवत पुराण कथा में रविवार को व्यास गद्दी की आसंदी से पौराणिक राघवेन्द्र त्रिपाठी ने कपिल उपाख्यान, ध्रुव चरित्र, अजामिल कथा एवं भक्त प्रहलाद की कथा सुनाई। कथा व्यास पौराणिक राघवेन्द्र ने बताया कि किसी भी स्थान पर बिना निमंत्रण जाने से पहले यह ध्यान जरूर रखना चाहिए कि वहां आपका, अपने इष्ट या अपने गुरु का अपमान न हो। यदि ऐसा होने की आशंका हो तो उस स्थान पर जाना नहीं चाहिए। माता सती ने भी भगवान शिव की बात नहीं मानी थी, अपमानित होने के कारण उन्हें स्वयं को अग्नि में स्वाह होना पड़ा। ध्रुव चरित्र की कथा को सुनाते हुए श्री त्रिपाठी ने कहा कि ध्रुव की सौतेली मां सुरुचि के द्वारा अपमानित होने पर भी उसकी मां सुनीति ने धैर्य नहीं खोया, जिससे एक बहुत बड़ा संकट टल गया। परिवार को बचाए रखने के लिए धैर्य संयम की नितांत आवश्यकता रहती है।
भक्त ध्रुव द्वारा तपस्या कर श्रीहरि को प्रसन्न करने की कथा को सुनाते हुए बताया कि भक्ति के लिए कोई उम्र बाधा नहीं है। भक्ति को बचपन में ही करने की प्रेरणा देनी चाहिए, क्योंकि बचपन कच्ची मिट्टी की तरह होता है, उसे जैसा चाहे वैसा पात्र बनाया जा सकता है। प्रह्लाद चरित्र के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि भगवान नृसिंह रुप में लोहे के खंभे को फाड़कर प्रकट हुए थे। क्योंकि प्रहलाद को विश्वास था कि मेरे भगवान इस लोहे के खंभे में भी हैं और उस विश्वास को पूर्ण करने के लिए भगवान उसी में से प्रकट हुए एवं हिरण्यकश्यप का वध कर प्रहलाद के प्राणों की रक्षा की। भक्त श्रेष्ठ ध्रुव, विष्णु भगवान, नरसिंह भगवान, हिरण्यकश्यप एवं भक्त प्रह्लाद की कथा श्रवण ने भक्तगणों के मन को मोह लिया। श्रीमद् भागवत पुराण की आरती यजमान – गोपाल पटेल- होरी बाई, कमलेश-मधु पटेल, गोविंद पटेल, गिरानीलाल पटेल, प्रेमलाल पटेल , प्रदीप पटेल जनपद सदस्य पनागर , राकेश पटेल ,अवधेश पटेल ने की।