नई दिल्ली. एयर इंडिया विमान हादसा को लेकर विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट सामने आ गई है. इस रिपोर्ट में तकनीकी खामी नहीं, बल्कि संभावित मानवीय त्रुटि और कॉकपिट में भ्रम को हादसे की वजह बताया गया है.
क्या कहती है जांच रिपोर्ट?
रिपोर्ट के अनुसार, एयर इंडिया फ्लाइट 171 के दोनों इंजन टेकऑफ के ठीक 3 सेकंड बाद ईंधन नियंत्रण स्विच ‘रन’ से ‘कटऑफ’ स्थिति में चले गए, जिससे इंजन बंद हो गए और विमान उड़ान भरने के 34 सेकंड के भीतर ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
रिपोर्ट में कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर के हवाले से बताया गया कि पायलटों के बीच भ्रम की स्थिति थी. एक पायलट दूसरे से पूछता है, “तुमने फ्यूल क्यों कट किया?”, जबकि दूसरा जवाब देता है, “मैंने ऐसा नहीं किया.” यह संवाद इस बात की ओर इशारा करता है कि दोनों पायलटों में तालमेल की कमी थी.
कौन उड़ा रहा था विमान?
उड़ान के समय सह-पायलट क्लाइव कुंदर विमान उड़ा रहे थे, जबकि मुख्य पायलट सुमीत सभरवाल निगरानी कर रहे थे.
सभरवाल के पास बोइंग 787 पर 8,600 घंटे से अधिक का अनुभव था.
कुंदर के पास 1,100 घंटे का उड़ान अनुभव था.
रिपोर्ट के अनुसार, दोनों पायलटों ने उड़ान से पहले पर्याप्त विश्राम किया था.
क्या विमान में तकनीकी खामी थी?
AAIB की 15 पृष्ठों की प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है कि
विमान और GE Genx-1B इंजन तकनीकी रूप से सक्षम थे.
विमान का वजन निर्धारित सीमाओं के भीतर था.
उड़ान के दौरान मौसम पूरी तरह सामान्य था.
FAA (अमेरिकी विमानन नियामक) ने 2018 में एक सलाह जारी की थी कि ईंधन नियंत्रण स्विच की लॉकिंग प्रणाली में संभावित ढील हो सकती है, लेकिन यह अनिवार्य नहीं थी, इसलिए एयर इंडिया ने इस पर कार्रवाई नहीं की थी.
हादसे पर एयर इंडिया की प्रतिक्रिया
रिपोर्ट के सार्वजनिक होते ही एयर इंडिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर बयान जारी कर कहा,
“हम इस त्रासदी से गहरे दुखी हैं और प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. एयर इंडिया नियामक एजेंसियों और जांच टीम के साथ मिलकर पूरी पारदर्शिता से सहयोग कर रही है.”
आगे क्या?
रिपोर्ट के अनुसार, अभी जांच अधूरी है और अन्य तकनीकी डेटा, रिकॉर्ड और हितधारकों से प्राप्त जानकारी का विश्लेषण जारी है. अंतिम रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि हादसे का अंतिम कारण क्या था और क्या इससे भविष्य में बचा जा सकता था.
विशेषज्ञों की राय में: यह हादसा एक बार फिर कॉकपिट क्रू के बीच कम्युनिकेशन गैप और प्रक्रियात्मक अनुशासन की अहमियत को उजागर करता है. अंतिम रिपोर्ट का इंतजार रहेगा, ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके. यदि आप चाहें तो इस रिपोर्ट का विज़ुअल टेबल, सोशल मीडिया बुलेटिन या वॉयसओवर स्क्रिप्ट भी तैयार कर सकता हूँ.