टीकमगढ़, देशबन्धु. जिले की ग्राम पंचायत उमरी में खेत सड़क निर्माण योजना में गड़बड़ी की शिकायत दर्ज कराई गई है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि थोड़ी सी मिट्टी डलवाकर मशीन से काम कराया गया और 22 लाख रुपये की राशि का भुगतान कर दिया गया।
ग्राम पंचायत निवासी राम सिंह परमार ने 2 सितंबर को कलेक्टर विवेक श्रोतिय से इसकी शिकायत की थी। कलेक्टर ने मामले की जांच टीकमगढ़ जनपद सीईओ मनीष शेंडे को सौंपी है।
परमार के अनुसार, ग्राम पंचायत उमरी में बडागांव ककरवाहा मुख्यमार्ग से अखतया वर ऊमरी तक खेत सड़क निर्माण कार्य 2024-25 स्वीकृत हुआ था। इसमें सरपंच जगदीश यादव, सचिव रमेश यादव और तत्कालीन उपयंत्री बृजेंद्र पर मिलीभगत का आरोप है।
शिकायत में कहा गया है कि 5-6 लाख रुपये में मशीनों से मिट्टी फैलाकर पूरा काम दिखाया गया और 22 लाख रुपये के फर्जी बिल लगाकर पूरी राशि निकाल ली।
इंजीनियर नीशू जैन ने फाइनल मूल्यांकन किया। वर्तमान में सड़क पर कीचड़ फैला है, जिससे आवागमन में परेशानी हो रही है। जनपद सीईओ मनीष शेंडे ने कलेक्टर के निर्देश पर मनरेगा सहायक यंत्री सुरेंद्र अग्रवाल को मौके पर जाकर निरीक्षण करने का आदेश दिया था।
हालांकि, कलेक्टर और जनपद सीईओ के निर्देशों के बावजूद सहायक यंत्री ने अब तक सड़क का निरीक्षण नहीं किया है। सहायक यंत्री सुरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि काम की अधिकता के कारण वे अभी तक परीक्षण नहीं कर पाए हैं। शिकायतकर्ता ने गुरुवार को एक बार फिर कलेक्टर से मामले की शिकायत की है।
राम सिंह परमार ने बताया कि उन्होंने 7 जुलाई को भी कलेक्टर से शिकायत की थी, जिसकी जांच मनरेगा सहायक यंत्री को दी गई थी, लेकिन तब भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। जनपद सीईओ मनीष शेंडे ने पुष्टि की कि सहायक यंत्री मनरेगा सुरेंद्र अग्रवाल को 2 सितंबर को जांच के लिए पत्र जारी किया गया था, जिसमें दो दिन में रिपोर्ट देने को कहा गया था। उन्होंने कहा कि अभी तक जांच रिपोर्ट नहीं मिली है।
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इनका कहना है, इस मामले में सहायक यंत्री सुरेंद्र अग्रवाल का कहना है कि मेरे पास कई जांच पेंडिंग हैं। काम की अधिकता के कारण उमरी पंचायत की सड़क की जांच नहीं हो पाई है। जल्द ही जांच रिपोर्ट जनपद सीईओ को सौंप देंगे ।