नई दिल्ली. देश के जाने-माने उद्योगपति अनिल अंबानी से प्रवर्तन निदेशालय (ED) आज पूछताछ करने जा रही है. यह कार्रवाई 17,000 करोड़ रुपये के कथित लोन फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की जा रही है. 66 वर्षीय अंबानी को PMLA (धनशोधन निवारण अधिनियम) के तहत समन भेजा गया था, जिसके बाद वह आज दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय में पेश होंगे.
सूत्रों के मुताबिक, ईडी ने 1 अगस्त को समन जारी किया था. इसके पहले 24 जुलाई से शुरू हुई छापेमारी में मुंबई के 35 से अधिक ठिकानों पर रेड मारी गई. ये स्थान अनिल अंबानी समूह की लगभग 50 कंपनियों और 25 अधिकारियों से संबंधित थे.
ईडी को शक है कि 2017 से 2019 के बीच यस बैंक से मिली लगभग 3,000 करोड़ की राशि का दुरुपयोग किया गया. साथ ही, यह आरोप भी है कि ग्रुप कंपनियों ने 17,000 करोड़ के ऋण को अन्य अनुचित गतिविधियों में इस्तेमाल किया.
इस मामले की जांच में वित्तीय अनियमितताओं, फर्जी निवेश, और धन के दुरुपयोग की संभावनाएं सामने आई हैं. ईडी अब इस पूरे नेटवर्क की तह तक जाकर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस घोटाले में कौन-कौन शामिल हैं.
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यह मामला क्यों है महत्वपूर्ण?
यह मामला केवल एक कारोबारी या समूह का नहीं है, बल्कि इससे वित्तीय संस्थाओं, कॉर्पोरेट गवर्नेंस, और कानूनी तंत्र की पारदर्शिता पर भी सवाल उठते हैं.
यह देश के बैंकिंग सेक्टर में भरोसे और ऋण व्यवस्था की पारदर्शिता से भी जुड़ा हुआ है.