कोटद्वार/देहरादून. बहुचर्चित अंकिता भंडारी मर्डर केस में आखिरकार इंसाफ की दिशा में एक बड़ा कदम उठ गया है. कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने शुक्रवार को अपना फैसला सुनाते हुए मुख्य आरोपी पुलकित आर्य और उसके दो साथियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को अंकिता की हत्या का दोषी करार दिया है. हालांकि, सजा का ऐलान अभी नहीं हुआ है, जिसे कोर्ट आगामी सुनवाई में सुनाएगी.
दो साल आठ महीने बाद मिला फैसला
यह मामला 18 सितंबर 2022 को सामने आया था, जब श्रीनगर गढ़वाल की रहने वाली अंकिता भंडारी की लाश ऋषिकेश के पास चीला नहर में बरामद हुई थी. वह वनंतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर कार्यरत थीं. जांच में सामने आया था कि अंकिता का अपने मालिक पुलकित आर्य से किसी बात को लेकर विवाद हुआ था, जिसके बाद पुलकित ने अपने दो कर्मचारियों सौरभ और अंकित के साथ मिलकर उसे नहर में धक्का देकर मार डाला.
एसआईटी ने की थी जांच, 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल
इस संवेदनशील मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया था. SIT ने अदालत में 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की, जिसमें कुल 97 गवाहों को नामित किया गया. अभियोजन पक्ष ने इनमें से 47 गवाहों को अदालत में पेश किया, जिसमें पुलिस विवेचना अधिकारी और अन्य महत्वपूर्ण गवाह शामिल रहे.
बीजेपी नेता का बेटा है मुख्य आरोपी
मुख्य आरोपी पुलकित आर्य, भाजपा के तत्कालीन नेता विनोद आर्य का बेटा है. इस घटना के सामने आने के बाद भाजपा ने तत्काल प्रभाव से विनोद आर्य को पार्टी से निष्कासित कर दिया था.
घटना के बाद राज्य भर में भारी जनाक्रोश देखने को मिला था. लोगों ने न्याय की मांग को लेकर सड़कों पर प्रदर्शन किए. इस जनदबाव के चलते राज्य सरकार को कार्रवाई तेज करनी पड़ी और SIT का गठन कर निष्पक्ष जांच का वादा किया गया.
आगे क्या?
अब सबकी निगाहें अदालत के अगले आदेश पर टिकी हैं, जिसमें तीनों दोषियों को सजा सुनाई जाएगी. मृतका के परिवार और आम जनता की मांग है कि दोषियों को कठोरतम सजा दी जाए, ताकि समाज में ऐसा कृत्य दोबारा न दोहराया जाए.
अंकिता भंडारी हत्याकांड सिर्फ एक व्यक्ति की हत्या नहीं, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा, सत्ता से जुड़े लोगों के दुरुपयोग और न्यायिक प्रक्रिया की परीक्षा का प्रतीक बन चुका है. अब देखना यह होगा कि अदालत दोषियों को कितनी कड़ी सजा देती है — जिससे न केवल पीड़िता को न्याय मिले, बल्कि समाज में एक मजबूत संदेश भी जाए.