अनूपपुर, देशबन्धु. जिले के जैतहरी क्षेत्र में शुक्रवार एवं शनिवार की रात हाथी ने धनगवां बीट के ग्रामों में नौ ग्रामीणों के घरों में तोड़फोड़ कर नुकसान करते हुए दो किसानो की फसलों को अपना आहार बनाया. शनिवार की सुबह फिर से धनगवां के जंगल में अपना डेरा जमाया हैं.
शनिवार की रात किस ओर विचरण करेगा यह रात होने पर ही पता चल सकेगा. वहीं हाथी के विचरण को लेकर ग्रमीणों ने पूरी रात जाग कर बिता रहे हैं. ग्राम कुसुमहाई के पाडाडोल मोहल्ला में हाथी से पीड़ित दो आदिवासी परिवारों ने एक दिन पूर्व ही घर की सामग्रियों रस्सी के सहारे को पेड़ में चढ़ा कर सुरक्षित रख दिया.
एक हाथी तीन दिन पूर्व छग की सीमा पार कर अनूपपुर जिले के जैतहरी क्षेत्र के जंगल में अपना डेरा जमाया हुआ हैं. जो दिन में विश्राम करने बाद रात में आहार की तलाश में जंगल से निकल कर ग्रामीण अंचलो में पहुंचकर ग्रामीणों के खेत -बांड़ी में लगे व घरों में रखी विभिन्न प्रकार के खाने की सामग्रियों को अपना आहार बना सुबह होने के पूर्व फिर से जंगल चले गये.
जानकारी अनुसार शुक्रवार की रात हाथी जंगल से निकलकर कुसुमहाई गांव के पाड़ाढोल टोला में वनकर्मियों एवं ग्रामीणों को देखकर दौड़ने बाद तीन ग्रमीणों के घरों में तोड़फोड़ कर अनाज खाया. विगत कई वर्षों से हाथियों के आने एवं जाने का यह मार्ग होने के कारण ग्रतीणों ने अपने खाने पीने की सामग्री को हाथी के आने की संभावना पर पेड़ में रस्सी के सहारे बांधकर चढ़कर सुरक्षित रख दिया हैं.
जो हाथी के पहुंच से दूर होने के कारण बचा रहा. हाथी कुसुमहाई के झंडीटोला के 9 घरों में तोड़फोड़ कर एवं खेतों में लगी फसलों को बनाते हुए देर रात चांदपुर,टकहुली,कुशमहाई होते हुए सुबह होने पर धनगवां बीट के जंगल में अपना डेरा जमाया हैं. हाथी के विचरण पर प्रशासनकी टीम निरंतर नजर रखते हुए ग्रामीणों को सतर्क पर एवं सचेत रहने की बात विभिन्न माध्यमों से कर रहे हैं.