अनूपपुर, देशबन्धु. तीन हाथियों के समूह विगत दो दिनों से गोबरी के जंगल में दिन में ठहरने बाद रात होते ही खाने की तलाश में ग्रामीणों के खेतों में लगी फसलों को वनविभाग के गस्ती दल एवं ग्रामीणों को चकमा देते हुए चुपचाप खेतों में पहुंचकर फसलों को आहार बनाते हुये सुबह होते ही बुधवार को फिर से गोबरी के जंगल में पहुंचकर विश्राम कर रहे हैं.
तीन हाथियों का समूह विगत एक माह से अधिक समय से छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा को पार करते हुए अनूपपुर जिले के जैतहरी, अनूपपुर से राजेंद्रगाम इलाके में घूमते-फिरते हुए 3 दिन पूर्व एक बार फिर से जैतहरी तहसील के इलाके में वापस पहुंचकर विचरण कर रहे हैं. हाथियों द्वारा दिनों में जंगल में ठहरने बाद रात होते ही हाथी गस्ती दल में लगे वनविभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों, गामीणो को चकमा देते हुए नए-नए क्षेत्रों में पहुंचकर खेतो में लगी फसलों को अपना आहार बना रहे हैं.
विगत तीन दिन पूर्व राजेन्दग्राम के इलाके से वन परिक्षेत्र जैतहरी के बैहार वन बीट के जंगल में दिन में ठहरने बाद देर शाम होने पर तीनों हाथी गिरवी गांव के जंगल से बैहार के बंजारीघाट से उतर कर बैहार के दोखहाटोला के किनारे से ग्राम पंचायत गौरेला के ठेही गांव में स्थित प्राकृतिक एवं धार्मिक स्थल आरदा के समीप से बड़काटोला होते हुए वन परिक्षेत्र, थाना एवं तहसील अनूपपुर के अंतर्गत ग्राम केकरपानी के दुआहीटोला, बांका से कुदुरझोरी नाला पार कर मंगलवार की सुबह ग्राम पंचायत एवं वन बीट गोबरी के झुरहीतलैया नामक अपने अस्थाई रहवास स्थल के जंगल मे पहुंचकर विश्राम करते हुए गोबरी के ठाकुरबाबा के पास से जैतहरी-राजेंद्रग्राम मुख्य मार्ग पर कुछ देर के लिए पहुंच कर वापस झुरहीतलैया जंगल में दिनभर विश्राम करते रहे.
तीनों हाथी मंगलवार की शाम जंगल से निकलकर वन परिक्षेत्र अनूपपुर के दुधमनिया बीट अंतर्गत ग्राम पंचायत पगना के शक्तीकुण्डी से ग्राम पगना के जल्दाटोला बांध के समीप देर रात सभी को चकमा देते हुए नरेश सिंह एवं भूपेंद्र सिंह के खेतों में लगी धान की फसल को पूरे शांत माहौल में रात भर आहार बनाते हुए बुधवार की सुबह होते-होते शक्तिकुंडी के जंगल से बडवार नाला पार कर दूसरे दिन गोबरी के झुरहीतलैया के जंगल में विश्राम कर रहे हैं.
हाथियों द्वारा दो दिनों तक किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया गया किंतु मंगलवार की रात सभी को चकमा देते हुए पगना के जल्दाबांध के समीप दो किसानों के खेतों में लगी धान को शांतिपूर्ण तरीके से रात भर खाते रहे हैं.
विगत दो-तीन दिनों से मौसम में आए बदलाव एवं तेज पानी गिरने के कारण अधिकांश ग्रामीण खेतों में बने झोपड़ी में ठहरने की अपेक्षा बीच गांव में रात बिता रहे हैं, जिसका पूरा फायदा तीनों हाथी उठा रहे हैं, सोमवार एवं मंगलवार की रात वनविभाग एवं ग्रामीणों के द्वारा रात-रात भर हाथियों विचरण की तलाश में लगा रहा.
किंतु हाथी नए-नए स्थान पर पहुंचकर स्वतंत्र रूप से विचरण करते रहे, हाथियों के विचरण की जानकारी नहीं मिल पाने ग्रामीणों द्वारा अपने खेत एवं अन्य स्थानों में विद्युत लाइन खींचे जाने पर हाथियों की सुरक्षा को देखते हुए विद्युत आपूर्ति बंद रखी जा रही है. जिससे ग्रामीण विद्युत आपूर्ति बंद होने के कारण परेशान एवं नाराज होते दिखते हैं. जबकि सुबह होने पर ही रात में हाथियों के विचरण की जानकारी मिल पा रही है, बुधवार की रात यह तीनों हाथी किस ओर जाएंगे यह रात होने पर भी पता चल सकेगा.