अनूपपुर, देशबन्धु. 45 दिन अनूपपुर जिले में विचरण करने के बाद दोनों हाथी वापस जाने के लिए वन परिक्षेत्र जैतहरी अंतर्गत गुरुवार की सुबह धनगवां बीट के जंगल में पहुंचकर दिन में विश्राम कर रहे हैं, जो देर रात होने पर किस ओर रवाना होंगे यह रात होने पर ही पता चल सकेगा. दो दिन पूर्व दोनों हाथी राजेंद्रग्राम के धर्मदास-गिरवी के जंगल में दिन में ठहरने बाद रात होने पर जैतहरी थाना एवं तहसील के ग्राम पंचायत बैहार के दुखवाटोला से ठेही, गौरेला, केकरपानी गांव के किनारे से होते हुए.
बुधवार की सुबह ग्राम पंचायत एवं बीट गोबरी के जंगल में पहुंचकर विश्राम करने वाद बुधवार की देर रात होने पर चुपचाप से ठेगरहा के जंगल से निकलकर तिपान नदी अनूपपुर-जैतहरी रेल मार्ग तथा मुख्य मार्ग को जैतहरी के समीप गडुहा नाला के पास से निकल कर मिलन की कुटिया होटल के पीछे तथा मोजरबेयर की बाउंड्री के बीच छुलहनी जंगल में देर रात तक विचरण करते हुए.
एक बार फिर से मुख्य मार्ग को पार कर रेलवे लाइन के किनारे किनारे से मुख्य मार्ग को पार कर बेलियाफाटक एवं राजा पेट्रोल पंप के बीच से गुवांरी, चांदपुर, टकहुली, पटौराटोला, क्योटार होते हुए गुरुवार की सुबह वन परिक्षेत्र जैतहरी अंतर्गत अमगवां बीट के जंगल झंडीडोंगरी के पास पहुंचकर विश्राम कर रहे हैं.
विगत रात को दोनों हाथियों ने दो मकान में तोड़फोड़ कर कुछ ग्रामीणों के खेतों में लगी फसलों को अपना आहार बनाया है, दोनों हाथी 45 दिनो तक अनूपपुर जिले में विचरण करते हुए धनगवां के जंगल में वापस जाने का मन बना लिया है, जो एक-दो दिन में छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा में प्रवेश कर वापस जा सकते हैं.
दोनों हाथ द्वारा 45 दिनों के मध्य अनूपपुर जिले के जैतहरी अनूपपुर एवं राजेंद्रग्राम तहसील एवं क्षेत्र में अनेकों स्थानों पर दिन में जंगल में ठहरकर रात होते ही जंगलों से लगे ग्रामीण अंचलों में पहुंचकर लगभग 50 से ग्रामीणों के घरों में तोड़फोड़ कर खेत एवं बाड़ियो में लगे विभिन्न तरह के अनाजों को अपना आहार बनाया है.
हाथियों द्वारा निरंतर किया जा रहे नुकसान से पूरे जिले में भय का वातावरण बना हुआ है. वही अनूपपुर कलेक्टर एवं वन मंडलाधिकारी के निर्देश पर वनविभाग का मैदानी अमला राजस्व विभाग के पटवारी के साथ मिलकर हाथियों के द्वारा किए गए नुकसान पर मुआवजा का प्रकरण तैयार कर पीड़ितों के खातों में राशि जमा कराया गया है.