अनूपपुर, देशबन्धु. यह आमतौर पर साफ बात है कि अनूपपुर जिले का खाद्य विभाग और इसके अधिकारी कर्मचारी तब तक कोई भी हरकत में नहीं आते जब तक कि जनता की तरफ से इनके ऊपर कोई दबाव नहीं पड़ता है. लेकिन उसके बावजूद कार्यवाही के नाम पर कभी कभी होली, दीपावली जैसे त्योहारों में होटल, रेस्टोरेंटों में जाकर कागजी कोरम पूरा करके अपना पल्ला झाड़ने का काम कर लेते है.
खाद्य विभाग के अधिकारियों द्वारा जांच के नाम पर खाद्य पदार्थों के नमूने तो किलो-किलो भर लिए जाते है,लेकिन उनके परिणाम कभी सार्वजनिक क्यों नहीं होते, खाद्य पदार्थो के नमूनों की जांच विभाग के प्रयोगशाला में होती है या नहीं.
ज्ञात हो कि 2018 में एफएसएसएआई द्वारा रेस्टोरेंट और होटलों में खाद्य सुरक्षा का डिस्प्ले बोर्ड लगाने को अनिवार्य किया गया था, जिसका उद्देश्य था कि ग्राहक यह जान सके कि वह स्वच्छ और सुरक्षित भोजन कर रहे है या कि नहीं. लेकिन इतने सालों तक संपूर्ण राज्य में उक्त आदेश को जारी नहीं कर नियम को नजर अंदाज किया जाता रहा.
सात वर्ष बाद एफएसएसएआई ने जारी किया आदेश
मध्यप्रदेश राज्य में नागरिकों के हित के लिए खाद्य सुरक्षा को लेकर एक आदेश जारी किया गया था, किंतु उक्त आदेश को अब जाकर किया गया है. एफएसएसएआई ने 2018 में सभी रेस्टोरेंट और होटलों में फूड सेफ्टी डिस्प्ले बोर्ड लगाने के लिए निर्देशित किया था,लेकिन संपूर्ण प्रदेश में इस आदेश को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था.लेकिन आज सालों बाद अचानक विभाग द्वारा गहरी चिरनिंद्रा से जागकर हरकत में आकर उक्त आदेश को जारी किया गया है.जो प्रदेश के हर होटल,रेस्टोरेंट और फूड बिजनेस के ऊपर लागू होगा,वरना कार्यवाही की जाएगी.
डिस्प्ले बोर्ड से ग्राहकों को होगा फायदा
रेस्टोरेंट और होटलों पर खाद्य सुरक्षा का डिस्प्ले बोर्ड में द्घह्यह्यड्डद्ब लाइसेंस नंबर अंकित होगा जिससे ग्राहकों को यह जानकारी मिलेगी कि जो खाना उनके द्वारा खाया जा रहा है उसकी गुणवत्ता तय मानकों पर खरी उतरती है या फिर नहीं. वैसे खाद्य विभाग द्वारा यह आदेश विशेष रूप से ग्राहकों में खाद्य सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए उठाया गया है. आशंका हैं कि यह आदेश एक बार फिर सिर्फ कागजों तक ही सीमित रहेगा.