नई दिल्ली. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के तेज़ी से बढ़ते वर्चस्व के चलते दुनियाभर में नौकरियों पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. एक हालिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अगले पांच वर्षों में ड्राइवर, कोडर, रिक्रूटर और फैक्ट्री वर्कर जैसी कम से कम 8 प्रकार की नौकरियां पूरी तरह से समाप्त हो सकती हैं. यह चेतावनी तकनीक के क्षेत्र में काम करने वाले लाखों लोगों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है.
सबसे बड़ा खतरा ड्राइवरों की नौकरियों पर
रिपोर्ट के अनुसार, सबसे अधिक खतरा ट्रक ड्राइवर, टैक्सी ड्राइवर और डिलीवरी बॉय जैसी नौकरियों पर है.
AI आधारित सेल्फ-ड्राइविंग कारें,
ऑटोनोमस ट्रक,
और डिलीवरी ड्रोन
जैसी तकनीकें पहले ही कई विकसित देशों में परीक्षण के दौर में हैं. जैसे-जैसे यह तकनीक परिपक्व होगी, इन क्षेत्रों में मानव हस्तक्षेप की आवश्यकता लगभग समाप्त हो जाएगी.
भर्ती करने वालों की भूमिका भी होगी सीमित
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि रिक्रूटर्स और ह्यूमन रिसोर्स प्रोफेशनल्स की भूमिकाएं भी AI से प्रभावित हो रही हैं.
AI टूल्स अब रिज़्यूमे स्कैनिंग,
स्किल एनालिसिस,
और उम्मीदवार मूल्यांकन जैसे कार्यों को तेज़ी और सटीकता के साथ कर रहे हैं.
यह परिवर्तन मानव संसाधन क्षेत्र में काम करने वाले लाखों पेशेवरों के लिए खतरे की घंटी है.
सॉफ्टवेयर इंजीनियर और कोडर भी खतरे में
हाल के वर्षों में AI टूल्स जैसे ChatGPT और GitHub Copilot ने कोडिंग की दुनिया में नई क्रांति ला दी है.
ये टूल्स अब पूरा सॉफ़्टवेयर कोड तैयार करने,
बग ढूंढने,
और कोड ऑप्टिमाइज़ेशन जैसे जटिल कार्य भी कर पा रहे हैं.
ऐसे में सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग और प्रोग्रामिंग से जुड़े पेशेवरों की नौकरियां भी खतरे में हैं.
अन्य नौकरियां जो AI से होंगी प्रभावित
इसके अलावा जिन अन्य नौकरियों पर संकट है, वे हैं:
डेटा एंट्री ऑपरेटर
कस्टमर सर्विस एग्जीक्यूटिव
फैक्ट्री वर्कर
कंटेंट मॉडरेटर
बेसिक एनालिटिक्स प्रोफेशनल्स
इन क्षेत्रों में AI चैटबॉट्स, रोबोट्स, और ऑटोमेशन सिस्टम्स पहले से ही बड़ी संख्या में मानव संसाधनों की जगह ले रहे हैं.
क्या AI सिर्फ खतरा है या एक अवसर भी?
हालांकि इस परिवर्तन से मौजूदा कार्यबल के लिए नौकरी गंवाने का जोखिम बढ़ा है, लेकिन कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि AI नए प्रकार की नौकरियों का भी निर्माण करेगा.
AI डेवलपर्स,
डेटा साइंटिस्ट,
AI सिस्टम ट्रेनेर,
और साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट जैसी नई भूमिकाएं उभरेंगी.
जरूरत है अपस्किलिंग और रीस्किलिंग की
सरकारों और निजी कंपनियों को चाहिए कि वे मिलकर एक दीर्घकालिक रणनीति तैयार करें ताकि मौजूदा कार्यबल को नई तकनीकों के अनुसार प्रशिक्षित किया जा सके.
Upskilling और Reskilling के ज़रिये ही भविष्य के तकनीकी युग में रोजगार को सुनिश्चित किया जा सकता है.