बरेला, देशबन्धु. नगर के शारदा नगर तिराहा स्थित ब्लैक स्पॉट जहां पर आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं तथा इन दुर्घटनाओं में लोगों की जान भी जा रही है, किंतु इन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जवाब देह विभाग और अधिकारी मौन सादे हुए हैं. इसका खामियाजा आम आदमियों को उठाना पड़ रहा है.
जहां एक और पुलिस विभाग इन दुर्घटनाओं में वाहन चालकों की गलती मानकर वाहन चालकों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर अपनी काम की इति श्री कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर एनएचएआई के जवाब देह अधिकारी इस ब्लैक स्पॉट पर हो रही दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस कारगर उपाय नहीं कर रहा है जिसके कारण इन दुर्घटनाओं में जान जाने वालों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है.
पहाड़ काटकर सीधी की सड़क तो हो गई दुर्घटनाओं में वृद्धि- वर्ष 2015 में जब पेंटीनाका से लेकर डोभी तक लगभग 21 किलोमीटर रोड का निर्माण लगभग 200 करोड़ की लागत से किया गया था .इस रोड निर्माण में नागा घाटी से आने वाले मार्ग को सीधा करने के लिए पहाड़ी को बीच में से काटकर रास्ता बनाया गया है इस रास्ते को जब से सीधा किया गया है तब से दुर्घटनाओं में लगातार वृद्धि हो गई है जोकि अभी तक वर्तमान में निरंतर जारी है.
सैकड़ो लोगों की अभी तक जा चुकी है जाने
2017-18 से चालू हुई इस रोड में वर्तमान में अभी तक लगभग हर वर्ष दुर्घटनाएं होती हैं तथा इन दूरघटनाओं में अभी तक अनेकों लोगों की जान जा चुकी हैं. नागा घाटी से ऊपर की ओर से आने वाले ओवरलोड ट्राला अनियंत्रित होकर अभी तक शारदा नगर तिराहे रहे पर अनेक लोगों की जान ले चुके हैं पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अभी तक हर महीने यहां पर दुर्घटनाओं होती हैं तथा किसी ने किसी आदमी की जान जा रही है यदि 2017-18 से अभी तक के को जन हानि को जोड़ा जाए तो मरने वालों की संख्या सैकड़ो के आसपास हो सकती है.
अपनी जान बचाने दुकानों के सामने लगा रखे हैं बड़े-बड़े शिलाओं की बाढ़-शारदा नगर तिराहा स्थित ब्लैक स्पॉट के आसपास कुछ लोगों ने दुकानें भी लगा लगी रखी हैं इन दुकानदारों ने अपनी जान बचाने के लिए अपनी दुकानों के आगे बड़े-बड़े पत्थरों की बाढ़ लगा रखी है. नागा घाटी से ऊपर की ओर आने वाले इन ओवरलोड ट्राला कभी अनियंत्रित होकर आए दिन किसी ने किसी दुकान में घुस जाते हैं यह तो अच्छा है कि दुकानों में घुसने पर अभी तक कोई जनहानि नहीं हुई है अपितु ट्रक ड्राइवर घायल जरूर हुए हैं जिन्हें की जन सहयोग से बचाया जा सका है.
स्थानीय निवासी छोटू तिवारी ने बताया कि अनियंत्रित होकर ट्राला तो दो तीन बार उनकी दुकान में अभी तक घुस चुका है यह तो ईश्वर की ही कृपा है कि इस दुर्घटनाओं से केवल दुकान की ही क्षति हुई है और उनकी जान बच गई है. एनएचएआई नहीं दे रहा है ध्यान-एनएचएआई के अधिकारियों द्वारा शारदा नगर स्थित इस ब्लैक स्पॉट को खत्म करने के लिए कोई कारगर उपाय नहीं किया जा रहे हैं इसके कारण दुर्घटनाओं की संख्या निरंतर बढ़ रही है जबकि इस रोड पर थोड़ा सा सुधार करके इस रोड पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है.
पुराना मार्ग चालू कर और वनवेकर बचाई जा सकती हैं लोगों की जाने-यहां पर रह रहे स्थाई निवासियों फूलचंद यादव का सहित अन्य ग्रामीणों का कहना है की शारदा नगर स्थित इस ब्लैक स्पॉट पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है. यहां पर स्थित नागा घाटी की ओर से आने वाले पुराने मार्ग को उन्हें चालू कर दिया जावे तथा जबलपुर सी ओर जाने वाले मार्ग को वनवे कर दिया जाए ताकि यहां से जाने वाले मार्ग वहां ऊपर जा सके तथा घाटी की ओर से आने वाले वाहनों को पुराने पुराने मार्ग से ही नीचे किया जाए जिससे कि ऊपर की ओर से आने वाले वाहन अनियंत्रित होकर भी यदि आते हैं तो वह टर्निंग में ही रुक जाएंगे और तथा नीचे की ओर होने वाली जन हानि को रोका जा सकता है.
सरपंच के पत्र से भी नहीं की कोई कार्यवाही-यहां पर शारदा नगर ब्लैक स्पॉट पर होने वाली दुर्घटनाओं से आम जनता में भय का वातावरण व्याप्त रहता है तथा सड़क किनारेव्यापार अपना जीवन यापन कर करने वाले लोगों में हरदम दुर्घटनाओं के लिए आशंका बनी रहती है इन समस्याओं से निजात के लिए यहां के सरपंच आशीष शुक्ला द्वारा विगत 6से8 माह पूर्व एन एच ए आईके अधिकारियों को पत्र लिखकर यहां पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने के लिए पत्र भी लिखा गया था किंतु इसके बावजूद भी अभी तक अधिकारियों द्वारा इस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है..
दुर्घटनाओं से लोगों में पनप रहा आक्रोश
यहां पर आवे दिन होने वाली दुर्घटनाओं के लिए यहां के स्थाई लोगों में जन आक्रोश पनप रहा है. 2018 में जब यहां पर एक अनियंत्रित ट्रक द्वारा यहां के लगभग छह लोगों के ऊपर गाड़ी चला दी गई थी जिस पर यहां पर जन आक्रोश भड़क गया था .तब यहां पर उपस्थित भीड़ ने पुलिस की साथ मोर पीट कर पुलिस की जीप पर आग लगा दी थी वह घटना आज भी पुलिस विभाग के रिकार्ड में दर्ज है. धीरे-धीरे आए दिन होने वाली इन दुरघटनाओं से लोगों के मन में आक्रोश निरंतर बढ़ रहा है.
यदि किसी दिन यहां पर स्थानीय जनों की दुर्घटनाओं से जनहानि होती है तो यह आक्रोश पुन: भड़क सकता है. शायद प्रशासन यहां पर किसी बहुत बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहा है तब जाकर कहीं यहां पर होने वाली दुर्घटनाओं पर लगाम लग सकेगी तथा जवाब देह अधिकारी भी अपनी कुंभकरण निद्रा से जा? कर यहां पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोक सकेंगे.अभी भी समय रहते इन दूरघटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकता है.