जबलपुर. अब इसे पमरे के मुख्यालय कोटा मंडल में हालहीं में टिकट दलालों के कारनामे को पकड़े जाने के कारण व्यवस्था में बदलाव मानें या फिर टिकिट दलालों के पूरे मंडल में फैले मकडज़ाल से मुक्ति दिलाने का प्रयास मानें। वजह जो भी हो लेकिन भारतीय रेलवे ने 1 जुलाई 2025 से तत्काल टिकट बुकिंग के नियमों में बदलाव किए हैं। नए नियमों में आधार ओटीपी, सीआरएस काउंटर और एजेंट बुकिंग पर पाबंदी जैसे महत्वपूर्ण बदलाव शामिल हैं। इनका उद्देश्य यात्रा प्रक्रिया को अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाना बताया जा रहा है। कहा जा रहा हैं कि यह बदलाव यात्रियों के लिए टिकट बुकिंग को अधिक सुविधाजनक बनाएंगे।
ये हुए मुख्य बदलाव
अब आधार ओटीपी अनिवार्य होगा। भारतीय रेलवे ने 1 जुलाई से तत्काल टिकट बुकिंग के लिए आधार ओटीपी को अनिवार्य कर दिया है। इसका मतलब यह होगा कि अब टिकट बुक करने वाले यात्रियों को आधार आधारित ओटीपी ऑथेंटिकेशन पूरा करना होगा।
इससे फर्जी बुकिंग पर काबू पाया जा सकेगा और केवल वैध यात्रियों को टिकट बुक करने की सुविधा मिलेगी। इस बदलाव से रेलवे में पारदर्शिता बढ़ेगी और टिकट बुकिंग की प्रक्रिया में सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
सीआरएस काउंटर और एजेंट बुकिंग में बदलाव रेलवे ने सीआरएस काउंटर और अधिकृत एजेंट के जरिए बुकिंग में भी बदलाव किए हैं। अब इन दोनों के जरिए टिकट तभी बुक किया जा सकेगा, जब यूजर के मोबाइल पर भेजे गए ओटीपी का सत्यापन पूरा हो जाएगा।
इससे सुनिश्चित होगा कि हर बुकिंग सही व्यक्ति के नाम पर हो और यह प्रक्रिया अधिक सुरक्षित बन सके। एजेंट बुकिंग पर पाबंदी अब तत्काल टिकट बुकिंग से जुड़े एक महत्वपूर्ण बदलाव के तहत रेलवे ने एजेंट बुकिंग पर पाबंदी लगाई है। 1 जुलाई से पहले, टिकट एजेंट तत्काल बुकिंग शुरू होने के पहले 30 मिनट तक कोई भी टिकट बुक नहीं कर सकेंगे।
यात्रियों को मिलेगा फायदा
इन सभी बदलावों का मुख्य उद्देश्य यात्रियों को तत्काल टिकट बुकिंग में पारदर्शिता और सुविधा प्रदान करना है। अब आम जनता को एजेंटों की मनमानी से बचने का मौका मिलेगा। इसके अलावा, आधार ओटीपी सिस्टम से फर्जी बुकिंग की समस्या पर नियंत्रण होगा और केवल सही यात्रियों को टिकट मिलेगा। इससे आम जनता को रेलवे यात्रा में बेहतर अनुभव होगा और प्रशासनिक स्तर पर भी सुधार होगा।