जबलपुर. शिक्षा विभाग में शिक्षक तबादलों को लेकर गड़बड़ी सामने आई है। इससे पूरी व्यवस्था की पारदर्शिता और जवाबदेही पर सवाल उठे हैं। स्कूलों में एक ही पद पर दो-दो शिक्षकों की पोस्टिंग की गई हैं। जहां केवल एक पद खाली है, वहां दो टीचर्स भेजे गए हैं। कुछ स्कूलों में पहले से प्रिंसिपल पदस्थ हैं, फिर भी नए प्रिंसिपल भेजे गए हैं।
डीपीआई और वल्लभ भवन से अलग-अलग ट्रांसफर आदेश जारी हो रहे हैं। नियमानुसार, टीचर्स के तबादले ऑनलाइन होने चाहिए, लेकिन वल्लभ भवन से ऑफलाइन आदेश जारी हो रहे हैं। इस गड़बड़ी ने प्रदेश के ढाई लाख टीचर्स को परेशानी में डाल दिया है।
वल्लभ भवन और डीपीआई के आदेशों में टकराव
तबादला प्रक्रिया की मुख्य समस्या यह है कि दो अलग-अलग स्रोतों से आदेश जारी हो रहे हैं। डीपीआई की ओर से ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत शिक्षक तबादले हो रहे हैं। वल्लभ भवन से ऑफलाइन आदेश भेजे जा रहे हैं। यह दोहरी प्रक्रिया भ्रम पैदा कर रही है और शिक्षकों की कार्यशैली पर असमंजस की स्थिति बना रही है।
एजुकेशन पोर्टल 3.0 बना परेशानी की जड़
शिक्षा विभाग द्वारा उपयोग में लाया गया एजुकेशन पोर्टल 3.0 तकनीकी गड़बडिय़ों से जूझ रहा है। शिक्षकों का कहना है कि इस पोर्टल से बिना कोई ठोस जानकारी लिए हुए तबादले कर दिए जा रहे हैं। इससे न केवल कार्यस्थलों में असंतुलन बन रहा है बल्कि परिवारिक और सामाजिक तौर पर भी शिक्षक प्रभावित हो रहे हैं।
प्रदेशभर में शिक्षक संगठन नाराज
प्रदेश के लगभग ढाई लाख शिक्षकों में इस अव्यवस्था को लेकर भारी आक्रोश है। शिक्षक संगठनों का कहना है कि तबादलों के नाम पर मनमानी की जा रही है। पहले वल्लभ भवन से आदेश आते हैं, फिर डीपीआई का आदेश आता है और शिक्षक तय नहीं कर पाते कि किसके आदेश का पालन करें।