जबलपुर. माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के लिए मूल्यांकन प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है. इस बार मूल्यांकन में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं. शिक्षा विभाग ने निर्णय लिया है कि मूल्यांकन कर्ताओं को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे मूल्यांकन में अधिक पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखें.
तीन स्तर पर होगा मूल्यांकन
बताया जा रहा हैं इस बार मूल्यांकन कार्य में तीन स्तर होंगे. जिसमें मुख्य परीक्षक, उप मुख्य परीक्षक और सामान्य परीक्षक शामिल रहेंगे. इन तीन स्तरों पर काम करने से मूल्यांकन अधिक स्पष्ट और सटीक होगा. इसके अलावा, मूल्यांकनकर्ताओं को सही दिशा-निर्देश दिए गए हैं ताकि हर विद्यार्थी का सही मूल्यांकन हो सके.
एक ही उत्तर का होगा मूल्यांकन
अगर किसी विद्यार्थी ने एक ही प्रश्न के उत्तर को कई बार लिखा है, तो परीक्षा मूल्यांकनकर्ता अपने विवेक से एक ही उत्तर का मूल्यांकन करेंगे और केवल एक ही उत्तर के अंक गिनेंगे. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि छात्रों को केवल सही और सटीक उत्तर का अंक मिले.
उत्तर पुस्तिका का पुन: परीक्षण
परीक्षक द्वारा उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन करने के बाद, उप मुख्य परीक्षक उन का पुन: परीक्षण करेंगे. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कहीं कोई त्रुटि न हो और हर उत्तर का सही मूल्यांकन किया जाए. अगर मूल्यांकन में कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो तत्काल कार्रवाई की जाएगी.
गलती पर कार्रवाई
अगर मूल्यांकन कर्ता द्वारा औसत या गलत मूल्यांकन किया गया, तो उस पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी. साथ ही, परीक्षक द्वारा ऑनलाइन अंक भरने में कोई गलती पाई जाती है, तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी.
90 लाख उत्तर पुस्तिकाओं की जांच
मूल्यांकन कार्य के लिए लगभग 40,000 शिक्षकों को तैनात किया गया है. मध्यप्रदेश में करीब 17 लाख विद्यार्थियों की लगभग 90 लाख उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया जाएगा. इस प्रक्रिया में शिक्षक प्रत्येक दिन 30 से 45 उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करेंगे, जिससे परीक्षा परिणाम की जल्दी घोषणा की जा सके. शिक्षकों को उत्तर पुस्तिका वितरित करने से पहले उप मुख्य परीक्षकों द्वारा उनका भौतिक सत्यापन करना अनिवार्य है. अगर आंसर कॉपी की संख्या में कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो इसकी जानकारी मंडल मुख्यालय को दी जाएगी.
धीरे हो रहा मूल्यांकन कार्य
मूल्यांकन कार्य होली के कारण थोड़ी धीमी गति से चल रहा था. हालांकि, इस समय में भी शिक्षकों द्वारा मूल्यांकन कार्य सुचारू रूप से चलाने का प्रयास किया जा रहा है.