जबलपुर,देशबन्धु.जिले के पाटन थाना क्षेत्र के सुरैया गांव में शुक्रवार को दिल दहला देने वाली घटना सामने आई. गांव के खेत पड़े 11 केवी बिजली के तार की चपेट में आने से दो मासूम भाई-बहन की दर्दनाक मौत हो गई. हादसे में एक अन्य बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घटना के बाद गुस्साए परिजनों और

, जिससे जबलपुर-दमोह मार्ग पर लंबा जाम लग गया.
पूरी घटना सुरैया गांव की है. गांव के ही प्रधान परिवार के दो सगे भाई बहन 13 वर्षीय चांदनी प्रधान और 6 वर्षीय प्रशांत प्रधान शुक्रवार सुबह खेलते खेलते खेत में घुसे मवेशियों को भगाने गए थे. इसी दौरान उनका पैर खेत में टूटे पड़े 11 केवी हाईटेंशन लाइन के तार पर पड़ गया, जिससे दोनों को तेज करंट लगा और उनकी मौके पर ही मौत हो गई. वहीं, उनके साथ मौजूद 8 वर्षीय दिलीप भी करंट की चपेट में आ गया, जिसे ग्रामीणों ने तुरंत अस्पताल पहुंचाया.
बिजली विभाग की लापरवाही
पाटन के सरकारी अस्पताल में घायल बच्चे का इलाज चल रहा है. हादसे के बाद गांव में मातम पसर गया और गुस्साए परिजनों ने बिजली विभाग पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है. ग्रामीणों ने बताया कि दो दिन पहले से ही यह तार खेत में टूटा पड़ा था, जिसकी कई बार शिकायत की गई. हालांकि बिजली विभाग के कर्मचारियों ने इसे ठीक करने की जहमत नहीं उठाई. ऐसे में अगर समय रहते इसे दुरुस्त किया जाता, तो आज दो मासूमों की जान नहीं जाती.
घटना से आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों ने दोनों बच्चों के शव को जबलपुर-दमोह रोड पर रखकर चक्काजाम कर दिया. प्रदर्शन कर रहे लोग बिजली विभाग के दोषी कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और मुआवजे की मांग की. चक्का जाम के कारण सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया.
मौके पर पहुंची पुलिस
मामले की गंभीरता को देखते हुए पाटन और शहपुरा पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को समझाने की कोशिश की. एसडीओपी पाटन लोकेश डावर ने घटनास्थल पर पहुंचकर परिजनों से बातचीत की और जांच का आश्वासन दिया. ग्रामीणों ने मांग की कि बिजली विभाग के जिम्मेदार कर्मचारियों पर तत्काल कार्रवाई हो और मृत बच्चों के परिजनों को उचित मुआवजा दिया जाए. वहीं, प्रशासन ने मामले की जांच के बाद उचित कदम उठाने की बात कही है.
घायल मासूम ने सुनाई आपबीती
हादसे में घायल 8 वर्षीय दिलीप ने अस्पताल से बताया कि वे तीनों खेत में मवेशी भगाने गए थे. अचानक बहन चांदनी जमीन पर गिर गई और करंट से तड़पने लगी। उसे बचाने के लिए भाई प्रशांत दौड़ा, लेकिन वह भी करंट की चपेट में आ गया. दिलीप ने कहा, “मैं बचाने गया तो मेरे भी पैर में करंट लग गया, लेकिन किसी तरह मैं वहां से हट गया.” पूरे मामले एसडीओपी पाटन लोकेश डावर ने बताया, “हादसे की जानकारी मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची. ग्रामीणों की शिकायत के आधार पर बिजली विभाग के कर्मचारियों की भूमिका की जांच की जा रही है. दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.”
यह हादसा बिजली विभाग की लापरवाही का नतीजा माना जा रहा है. ऐसे में अगर समय रहते टूटे तारों को ठीक कर दिया जाता, तो आज दो मासूमों की जान नहीं जाती. अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और दोषी कर्मचारियों पर क्या कार्रवाई होती है.